tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post101124390403654988..comments2024-02-09T10:28:01.965+05:30Comments on ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: महिला दिवस के उपलक्ष्य मेंvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-69497290883106908822014-03-09T20:24:27.442+05:302014-03-09T20:24:27.442+05:30हर दिन दीवाली हो तभी खुशियां स्थायी होतीं हैं...वर...हर दिन दीवाली हो तभी खुशियां स्थायी होतीं हैं...वर्ना बस औपचारिकता बन के रह जाती है...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-65646964315677523332014-03-09T07:13:47.347+05:302014-03-09T07:13:47.347+05:30मित्रों।
तीन दिनों तक देहरादून प्रवास पर रहा। आज फ...मित्रों।<br />तीन दिनों तक देहरादून प्रवास पर रहा। आज फिर से अपने काम पर लौट आया हूँ।<br />--<br />आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (09-03-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2014/03/1546.html" rel="nofollow"> आप रहे नित छेड़, छोड़ता भाई मोटा ; चर्चा मंच 1546 </a> पर भी है!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com