tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post2837874673251909054..comments2024-02-09T10:28:01.965+05:30Comments on ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: इश्क की कुदालेंvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-3503688092641745612015-02-11T18:55:41.569+05:302015-02-11T18:55:41.569+05:30बहुत सुन्दर रचना। बधाई। निशब्द हूँ।बहुत सुन्दर रचना। बधाई। निशब्द हूँ।हिमाँशु अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05855356962795596455noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-6774773084517481132015-02-09T16:46:00.529+05:302015-02-09T16:46:00.529+05:30क्या बात है ........भावपूर्ण रचना!क्या बात है ........भावपूर्ण रचना!प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/03415206900211251761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-53714225671362458712015-02-09T16:33:37.680+05:302015-02-09T16:33:37.680+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।बहुत सुन्दर प्रस्तुति।Pratibha Vermahttps://www.blogger.com/profile/09088661008620689973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-84118544109742666492015-02-09T10:43:46.665+05:302015-02-09T10:43:46.665+05:30बहुत ही सुंदर रचना , इश्क की कुदाले सीने में चलती ...बहुत ही सुंदर रचना , इश्क की कुदाले सीने में चलती ही नहीं बल्कि दिल में काफ़ी जख्म भी कर देती है ... <br /><a href="http://gyantarang.blogspot.com" title="मेरे इस छोटे से ब्लॉग को आप सभी लोग जरूर पढ़े . उम्मीद है की यह आपके काम आयेगा. इस ब्लॉग को बनाने का उदेश्य आपके ज्ञान में वृद्धि करना है .आपको मेरे ब्लॉग पर आकर कोई निराशा नहीं होगी. आप सभी लोग जरूर आईयेगा मेरे इस छोटे से ब्लॉग पर . आप लोगो के आने का इन्तजार रहेगा. जरूर पधारे. धन्यवाद." rel="nofollow">मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-30616085483684964952015-02-09T09:36:40.930+05:302015-02-09T09:36:40.930+05:30इश्क की कुदालें छीलती हैं सीनों को
तब मुकम्मल हो ...इश्क की कुदालें छीलती हैं सीनों को <br />तब मुकम्मल हो जाती है ज़िन्दगी मेरी <br /><br />सुंदर रचना।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-82880362462113234322015-02-08T19:02:10.351+05:302015-02-08T19:02:10.351+05:30सार्थक प्रस्तुति।
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा क...सार्थक प्रस्तुति।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (09-02-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "प्रसव वेदना-सम्भलो पुरुषों अब" {चर्चा - 1884} </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com