tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post4085129371875869674..comments2024-02-09T10:28:01.965+05:30Comments on ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: दबी चिंगारी को हवा मत दो............६ दिसम्बरvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-33810785796306815102010-01-29T17:21:50.487+05:302010-01-29T17:21:50.487+05:30बहुत ही प्रभावित किया!!शीर्षक बेहद सारगर्भित!बहुत ही प्रभावित किया!!शीर्षक बेहद सारगर्भित!شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-37589251358297420682009-12-27T23:12:25.294+05:302009-12-27T23:12:25.294+05:30कैफ़ी आज़मी की याद ताज़ा हो आई-
पाँव सरयू में अभी ...कैफ़ी आज़मी की याद ताज़ा हो आई-<br /><br />पाँव सरयू में अभी राम ने धोये भी न थे<br />के नज़र आये वहां खून के गहरे धब्बे,<br />पाँव धोये बिना सरयू के किनारे से उठे,<br />राम यह कहते हुए अपने द्वारे से उठे,<br />राजधानी की फ़िज़ा आयी नहीं रास मुझे,<br />६ दिसम्बर को मिला दूसरा बनवास मुझे.<br /><br /><br />बहुत सुन्दर प्रयास है... अब आप मेरे ब्लॉग पर भी हैं...<br />-Peeyush<br />www.NaiNaveliMadhushala.comPeeyush Yadavhttp://www.nainavelimadhushala.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-5365441551544112302009-12-26T17:16:08.631+05:302009-12-26T17:16:08.631+05:30चिंगारी को हवा
दिया नही करते
बहुत सुन्दर बात!
प्र...चिंगारी को हवा<br />दिया नही करते<br /><br />बहुत सुन्दर बात!<br />प्रेरणा देती हुई पोस्ट के लिए बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-41527631778852031272009-12-26T13:05:56.099+05:302009-12-26T13:05:56.099+05:30vandanaji ,
bahut hi sateek likha haivandanaji ,<br />bahut hi sateek likha haiRenu Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07005735117071191731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-81596963434640404632009-12-21T16:21:21.677+05:302009-12-21T16:21:21.677+05:30नव वर्ष
नव सृजन, नव हर्ष की,
कामना उत्कर्ष की,
सत्...नव वर्ष<br />नव सृजन, नव हर्ष की,<br />कामना उत्कर्ष की,<br />सत्य का संकल्प ले<br />प्रात है नव वर्ष की .<br /><br />कल्पना साकर कर,<br />नम्रता आधार कर,<br />भोर नव, नव रश्मियां<br />शक्ति का संचार कर .<br /><br />ज्ञान का सम्मान कर,<br />आचरण निर्माण कर,<br />प्रेम का प्रतिदान दे<br />मनुज का सत्कार कर .<br /><br />त्याग कर संघर्ष का,<br />आगमन नव वर्ष का,<br />खिल रही उद्यान में<br />ज्यों नव कली स्पर्श का .<br /><br />प्रेम की धारा बहे,<br />लोचन न आंसू रहे,<br />नवल वर्ष अभिनंदन<br />प्रकृति का कण कण कहे .<br /><br />कवि कुलवंत सिंहKavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-42713588751169098082009-12-21T16:20:45.302+05:302009-12-21T16:20:45.302+05:30जख्म जो फूलों ने दिये...
आप की यह पंक्ति पढ कर ही ...जख्म जो फूलों ने दिये...<br />आप की यह पंक्ति पढ कर ही मै आपका कायल हो गया....Kavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-85017772164412911002009-12-20T21:11:22.406+05:302009-12-20T21:11:22.406+05:30बरसों से जमी
यादों की परतें
कैसे मिटाओगे
सीने में ...बरसों से जमी<br />यादों की परतें<br />कैसे मिटाओगे<br />सीने में दबी<br />चिंगारी को हवा<br />दिया नही करते <br />वन्दना बहुत सुन्दर दिन पर दिन एक से बढ कर एक रचना आ रही है बहुत खुशी होती है बधाई ऐर शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-21358059932395966692009-12-18T12:57:08.038+05:302009-12-18T12:57:08.038+05:30लाजवाब,
भड़के शोले फिर कैसे बुझाओगे.....
सार्थक, ...लाजवाब, <br />भड़के शोले फिर कैसे बुझाओगे.....<br />सार्थक, सामयिक कविता के लिए बधाई<br /><br />संजय कुमार <br />हरियाणा <br />http://sanjaybhaskar.blogspot.comसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-60524983616692252652009-12-17T11:56:42.290+05:302009-12-17T11:56:42.290+05:30क्या आप जानती हैं की आप कितना अच्छा लिखती हैं...
i...क्या आप जानती हैं की आप कितना अच्छा लिखती हैं...<br />i m telling u, that u r so good...<br />keep it up...<br />MeeTमीतhttps://www.blogger.com/profile/04299509220827485813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-28541476982592100652009-12-16T23:38:17.121+05:302009-12-16T23:38:17.121+05:30मरा इक शख्स था
हुए बर्बाद
न जाने कितने थे .......मरा इक शख्स था <br />हुए बर्बाद <br />न जाने कितने थे .....<br /><br />बहुत सुंदर .......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-44913391607960254102009-12-12T23:35:37.227+05:302009-12-12T23:35:37.227+05:30हक़ीक़त की बात सरेआम कह दी !
मुबारक इस हौसले के लिए...हक़ीक़त की बात सरेआम कह दी ! <br />मुबारक इस हौसले के लिए...TRIPURARIhttps://www.blogger.com/profile/10949468977733466263noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-27494165217078167352009-12-11T23:27:56.007+05:302009-12-11T23:27:56.007+05:30वंदना जी
लिखने वाले लिख लिख के हार गए पर ' ये...वंदना जी <br />लिखने वाले लिख लिख के हार गए पर ' ये ' नहीं बदले . क्या कभी हम अपने प्रजातंत्र पर गुमान करेंगे?padmja sharmahttps://www.blogger.com/profile/13769345678224469008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-36151205426115413122009-12-10T11:51:46.396+05:302009-12-10T11:51:46.396+05:30जो भड़के
अबकी शोले
फिर कैसे बुझाओगे ?
bahut satee...जो भड़के<br />अबकी शोले<br />फिर कैसे बुझाओगे ?<br /><br />bahut sateek prashn hai....dharm ke naam par khoon khraaba karwane se bhi baaz nahi aate raajneta...<br /><br />achchhi rachna badhaiसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-42537705974087081712009-12-10T09:52:11.009+05:302009-12-10T09:52:11.009+05:30बहुत शाश्वत प्रश्न उठाये हैं आपने...इनका जवाब है क...बहुत शाश्वत प्रश्न उठाये हैं आपने...इनका जवाब है क्या किसी के पास??? अद्भुत पोस्ट.<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-84209292059043655542009-12-08T10:27:04.990+05:302009-12-08T10:27:04.990+05:30यादों की परतें
कैसे मिटाओगे
सीने में दबी
चिंगारी क...यादों की परतें<br />कैसे मिटाओगे<br />सीने में दबी<br />चिंगारी को हवा<br />दिया नही करते ....बहुत ही सुन्दर शब्द रचना, भावमय प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-38491173246792220092009-12-08T04:04:09.791+05:302009-12-08T04:04:09.791+05:30vicharo ko prerit karti sundar rachana.vicharo ko prerit karti sundar rachana.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-19371093709526834282009-12-07T14:19:30.966+05:302009-12-07T14:19:30.966+05:30सच पूछिए आज आपने कुछ अलग लिखा है। और एक सच्ची बात ...सच पूछिए आज आपने कुछ अलग लिखा है। और एक सच्ची बात कही है। <br /><br />बरसों से जमी<br />यादों की परतें<br />कैसे मिटाओगे<br />सीने में दबी<br />चिंगारी को हवा<br />दिया नही करते .<br /><br />पर इन सियादत करने वालों को कौन समझाऐगा? जो बस वोट की राजनीति करते है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-77561463116607002742009-12-07T13:19:04.471+05:302009-12-07T13:19:04.471+05:30khoobsoorat abhivyakti hai ji...khoobsoorat abhivyakti hai ji...सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-58339577525678081662009-12-06T20:31:15.874+05:302009-12-06T20:31:15.874+05:30शोले भड़कानेवाले अधिक हैं, और बुझानेवाले कमशोले भड़कानेवाले अधिक हैं, और बुझानेवाले कमअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-27139741581330360212009-12-06T18:19:17.408+05:302009-12-06T18:19:17.408+05:30लाजवाब,
भड़के शोले फिर कैसे बुझाओगे.....
सार्थक, ...लाजवाब, <br />भड़के शोले फिर कैसे बुझाओगे.....<br />सार्थक, सामयिक कविता के लिए बधाईकमलेश शर्माhttp://pro-dungarpur.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-81147443688904125572009-12-06T18:19:17.409+05:302009-12-06T18:19:17.409+05:30सियासत की ज़मीन
पर बिखरी
लाशें हजारों हैं
राम के न...सियासत की ज़मीन<br />पर बिखरी<br />लाशें हजारों हैं<br />राम के नाम पर<br />राम की ज़मीन<br />हुई लाल है<br />धर्म के नाम पर<br />ठगी ज़िन्दगी<br />आज नाराज है<br /><br />वैसे तो पूरी ही रचना बेनिसाल है <br />परन्तु इन पंक्तियों ने बहुत प्रभावित किया है!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-27897659148410889072009-12-06T17:39:31.634+05:302009-12-06T17:39:31.634+05:30sahi baat kahi aapne .sahi baat kahi aapne .अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-11515614778658247332009-12-06T17:08:36.589+05:302009-12-06T17:08:36.589+05:30चिंगारी को हवा
दिया नही करते
जो भड़के
अबकी शोले
फि...चिंगारी को हवा<br />दिया नही करते<br />जो भड़के<br />अबकी शोले<br />फिर कैसे बुझाओगे ?<br />भडके शोलो पर रोटियाँ सेंकने वालो की कमी नहीं है. आज भी ----<br />रचना बहुत सुन्दरM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-50029168386134451752009-12-06T17:05:52.076+05:302009-12-06T17:05:52.076+05:30. बरसों से जमी
यादों की परतें
कैसे मिटाओगे
सीने मे.... बरसों से जमी<br />यादों की परतें<br />कैसे मिटाओगे<br />सीने में दबी<br />चिंगारी को हवा<br />दिया नही करते<br />जो भड़के<br />अबकी शोले<br />फिर कैसे बुझाओगे ?<br /><br />भड़के शोले फिर कैसे बुझाओगे..... बहुत सुंदर पंक्तियाँ.....<br /><br /> राम के नाम पर<br />राम की ज़मीन<br />हुई लाल है<br />धर्म के नाम पर<br />ठगी ज़िन्दगी<br />आज नाराज है<br /><br />यथार्थ को उजागर करती सारगर्भित पंक्तियाँ..... जिसे आपने बहुत ही खूबसूरती से लिखा है......<br /><br />सटीक , सार्थक और सुंदर कविता...........डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-51913970673449721762009-12-06T17:05:52.077+05:302009-12-06T17:05:52.077+05:30बरसों से जमी
यादों की परतें
कैसे मिटाओगे
सीने में ...बरसों से जमी<br />यादों की परतें<br />कैसे मिटाओगे<br />सीने में दबी<br />चिंगारी को हवा<br />दिया नही करते ....<br /><br />सच कहा है ...... दबी हुई चिंगारियों को हवा नही देनी चाहिए ........ कहीं ये पूरा चमन ही ना राख कर दें ......... <br />लाजवाब अभिव्यक्ति ......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com