tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post7092503167351822022..comments2024-02-09T10:28:01.965+05:30Comments on ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: ॐ जय पुरस्कार देवताvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-81675994136186501492012-05-24T19:09:06.565+05:302012-05-24T19:09:06.565+05:30ॐ जय पुरस्कार देवता
तुम ही हो ब्लोगरों के
माता प...ॐ जय पुरस्कार देवता <br />तुम ही हो ब्लोगरों के <br />माता पिता भाग्य विधाता <br />बेहतरीन रचना ....वाह मजा आ गया !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-31001630877913796952012-05-24T14:18:49.938+05:302012-05-24T14:18:49.938+05:30:-))):-)))Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-58246246299895906072012-05-24T01:23:36.382+05:302012-05-24T01:23:36.382+05:30पुरस्कारों पर इतना बवाल .... मुझे लगता है यह व्यं...पुरस्कारों पर इतना बवाल .... मुझे लगता है यह व्यंग पुरस्कार देने वालों पर कम लेकिन लेने वालों पर ज्यादा है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-84868936177812541702012-05-23T21:50:15.836+05:302012-05-23T21:50:15.836+05:30सन्नाट कटाक्ष..सन्नाट कटाक्ष..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-81827589197504326692012-05-23T18:32:39.685+05:302012-05-23T18:32:39.685+05:30kya kahun, ya kuchh kahne se bachun... samajh nahi...kya kahun, ya kuchh kahne se bachun... samajh nahi pa raha.. sabse achchha hai ek smile hamre taraf se ho jaye... bas yahi thik rahega...:)<br />rachnatmak drishti se majedar:)<br />ommmm!!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-33652417474897156712012-05-23T18:28:18.549+05:302012-05-23T18:28:18.549+05:30@ अजय कुमार झा जी ………सच कहा आपने ये तो मै भी जानती...@ अजय कुमार झा जी ………सच कहा आपने ये तो मै भी जानती हूँ कि आप कभी ऐसी कोई बात नही कहते जिससे महिलाओं का अपमान हो ………और मै तो खुद यही चाहती हूँ कि ब्लोगिंग सही दिशा मे जाये और एक कीर्तिमान स्थापित करे मगर जब यहाँ ऐसा हाल होता है तो हमारा भी मन व्यथित होता है और फिर हम भी कहने से खुद को रोक नही पाते …………और इतनी सारी ईश्माईल से तो अब हम लबालब भर चुके हैं इन्हे सहेजने को जरा एक घर बना लें इसलिये :))))))))))))))))vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-91625199375616692412012-05-23T18:11:01.578+05:302012-05-23T18:11:01.578+05:30आदरणीय वंदना जी ,
सादर नमस्कार । आपने अपनी बात रखी...आदरणीय वंदना जी ,<br />सादर नमस्कार । आपने अपनी बात रखी अच्छा लगा । कोई भी बात शुरू करने से पहले मैं एक बात बिल्कुल स्पष्ट कर दूं कि जो महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानते ,व्यवहार करना नहीं जानते उन्हें मैं किसी भी स्तर पर इस लायक भी नहीं समझता कि उनके कहे सुने पर कोई प्रतिक्रिया दी जाए । रही बात नाम ले कर किसी का अपमान करने की तो मैं आपको बता दूं कि उन पोस्टों पर जहां पर मेरी निगाह गई है और मुझे जहां लगा है कि नाम लेकर किसी को जानबूझ कर निशाना बनाया गया है मैंने असहमति जरूर दर्ज़ की है विरोध नहीं कह सकता , क्योंकि विरोध पोस्ट का हो सकता है , लेकिन का हो सकता है ...सोच और मानसिकता का नहीं । समय साक्षी है कि मैने आजतक किसी भी ब्लॉगर , या समाज के अपनों परायों के साथ भी कभी अपमानजनक व्यवहार नहीं किया जो करते हैं वो उनकी सम्मति । हां कुछ पोस्टें तो ऐसी थीं जिन्हें पढ कर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी सिर्फ़ उपेक्षा की जानी चाहिए वो मैंने किया समय समय पर ।<br /><br />मेरा आशय सिर्फ़ और सिर्फ़ ये भर है कि ब्लॉगिंग में सकारात्मक किसी भी प्रयास को प्रोत्साहित करना चाहिए , कोई कमी है तो उसे सुधारने के सुझाव दिए जाने चाहिए , कोई गलती है तो साथी ब्लॉगर को बताया टोका जा सकता है , किंतु कटाक्ष और छींटाकशी , करने के लिए तो वैसे भी बाहर के लोग तैयार बैठे ही हैं । <br /><br />रचना जी :<br />आपने बिल्कुल जायज़ प्रश्न उठाया है और मेरे विचार से पहला अधिकार उसीका है विरोध का जिसे लक्षित किया जा रहा हो । मैं तो अपने विचार रखता हूं और वो भी सिर्फ़ अपनी निजि राय के अनुरूप । खुशदीप भाई के पिछले वर्ष पुरस्कार न ग्रहण करने के उनके अपने कारण थे और वाजिब कारण थे । किंतु इसका अर्थ कदापि ये नहीं होना चाहिए कि जिन्हें सम्मानित किया गया , बेशक उनमें से एक मेरा नाम भी था उसके लिए उन्होंने कुछ भी वैसा किया जो अनुचित , अमर्यादित या फ़िर कि किसी भी तरह से गलत था । <br /><br />मुझे आपकी पोस्ट से , आपकी शैली से और आपके लिखे से कतई कोई ऐतराज़ नहीं है दोस्त जी , और हो भी तो उसका क्या , हम सब स्वतंत्र हैं अपने विचारों को रखने के लिए , आखिर ये शब्दों और विचारों , तर्क वितर्क , बहस विमर्श की ही तो दुनिया है । मेरा भी यही मानना है कि बात लेखन की होनी चाहिए लेखक की नहीं , ब्लॉगों की होनी चाहिए ब्लॉगरों की नहीं । रही बात अब सम्मानों पुरस्कारों की , तो पहले भी कह चुका हूं कि ये सर्वथा उनका अधिकार है जो इसके आयोजक , प्रायोजक हैं । आपने अपने विचार रख कर अच्छा किया कि मुझ सहित पाठकों तक भी सारा संदेश स्पष्ट जाए । <br /><br />बाप रे लगता है सारी टिप्पणियों की कसर अभी ही पूरी हो जाएगी ..चलिए छोडिए और ..कहिए ....भईया जी ...ईईईईईईईईईईश्श्श्श्श्माईल :) :) :) :) :) :) देखिए कित्ती सारी इश्माईली लगा दी हैंअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-40508924801494588072012-05-23T17:56:37.933+05:302012-05-23T17:56:37.933+05:30☺☺☺☺☺☺Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-78915471486229795772012-05-23T12:58:19.372+05:302012-05-23T12:58:19.372+05:30@ रचना जी , @अजय कुमार झा जी यही तो मै कहना चाहती...@ रचना जी , @अजय कुमार झा जी यही तो मै कहना चाहती हूँ कि हम सभी को बराबर अधिकार है सही या गलत कहने का और जिसे जो ढंग आयेगा वो उसमे ही कहेगा ……ना अजय जी गलत हैं और ना रविन्द्र जी ……ये हम सभी जानते हैं बस कुछ लोगों ने इसे सिर्फ़ एक मखौल बनाकर रख दिया है। और जब तक ऐसे लोगों की बातों का प्रतिकार नही होगा सच नही कहा जायेगा ब्लोगिंग का माहौल सुधरने वाला नहीं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-68933014596435095022012-05-23T12:53:20.177+05:302012-05-23T12:53:20.177+05:30vandana
hindi bloging mae jo 2007 sae ho rahaa h...vandana <br /><br />hindi bloging mae jo 2007 sae ho rahaa haen wahii aaj bhi ho rahaa haen <br /><br />puruskaar kyaa hotaa haen aur kis sae lena hotaa , daene waale ki kyaa kabliyat haen <br /><br />theek haen ravindra prabhat dena chahtey , dae , jinko dena chaahtey wo lae lekin kehaa maanya haen yae puruskaar <br /><br />kaun jaantaa haen in puruskaaro ko <br />pichhli baar khushdeep wahi seat par chhod kar aagaye they <br /><br />aur <br />hindi bloging me mahila blogger ko chikni chameli kehaa jataa haen , ajay kahaegae unhone to virodh kiyaa thaa wahaan par baat wahii haen ki KYAA KEWAL AJAY KO ADHIKAAR HAEN VIRODH KAA AAP KO YAA MUZKO NAHIN <br />maene to nirantar iskae khilaaf likhaa haen ab aap bhi likh rahee haen <br /><br />aur log bhi kar rahey haen <br />achchha haen <br /><br />par mae ravindra parabhat kae puruskaar daene kae adhikaar ko galat nahin samjhtee haan par utna hi adhikaar sab ko in baato ko galat kehnae kaa <br /><br />ab jab kapil sibal jaesae logo ki vajah sae bachchho kae imthaan sae number hat gaye haen taaki pratispardha naa ham pratispardha ko badhaava daegae agar in puruskaaro kaa virodh nahin karaegaeरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-53099852495530103622012-05-23T12:41:27.985+05:302012-05-23T12:41:27.985+05:30@DR. ANWER JAMAL जी आपके विचारों का स्वागत करती हू...@DR. ANWER JAMAL जी आपके विचारों का स्वागत करती हूँ ओम के प्रयोग के विषय मे जो आपने कहा ………मगर ओम मे ही तो सारे सत्य निहित हैं अनवर जमाल जी और मैने भी सत्य ही कहा है और ओम के प्रयोग के बिना सत्य अधूरा रह जाता।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-39156017260770692192012-05-23T12:38:17.166+05:302012-05-23T12:38:17.166+05:30@ अजय कुमार झा जी क्या अब कोई पोस्ट किसी से पूछकर ...@ अजय कुमार झा जी क्या अब कोई पोस्ट किसी से पूछकर लिखनी होगी और वो भी सत्य ………क्या ऐसा नही हो रहा सभी यही कह रहे हैं सब जगह पढ रही हूँ देख रही हूँ सुन रही हूँ कि सभी आपत्ति भी जता रहे हैं और सराहना भी कर रहे हैं और खुद सम्मान भी पाना चाह रहे हैं मगर मुझे तो लगता है कि अब सिर्फ़ वन्दना यदि कुछ लिखे तो उस पर आपत्ति जरूर जतानी है सबने लेकिन कोई दूसरा ब्लोगर लिखे तो लोग वहाँ कोई आपत्ति नही जताते यहाँ तक कि लोग महिलाओं के नाम ले लेकर लिख रहे हैं उन्हे उल्टे सीधे नाम दे रहे हैं मगर वहाँ कोई आपत्ति नहीं क्यों? और मुझे सच लिखने मे गुरेज नही वो हमेशा लिखती रही हूँ और लिखती रहूँगी ………क्या यही नही हो रहा ब्लोगिंग मे ? आप भी देख रहे होंगे और सब जानते हैं कि सम्मान पाने के लिये लोग कैसे कैसे दांव पेंच लडाते हैं फिर मैने तो हास्य व्यंग्य ही लिखा है तो उसमे भी आपत्ति आ गयी मगर दूसरे कुछ ना कुछ लगातार लिख रहे हैं मगर वहाँ कोई आपत्ति नही ………अजय जी जब तक हम सच को सच नही कहेंगे तो हालात आप ही बता दीजिये कैसे बदलेंगे? आप कह रहे हैं ब्लोगिंग का नाम लेकर ना लिखें ………मै पूछती हूँ क्यों ना लिखें? क्या अब तक ब्लोगिंग का नाम लेलेकर अब तक नही लिखा गया? और मै सम्मान का अपमान नही कर रही रविन्द्र जी के प्रति मेरी कोई दुर्भावना नही है मगर सम्मान को लेकर जो हो रहा है वो किसी से छुपा नही और लोग क्या चाहते हैं वो भी सबके सामने हैं मगर ब्लोगिंग मे इस तरह होना हमे भी अच्छा नही लग रहा और शायद ही कोई ब्लोगर हो जिसे अच्छा लग रहा हो ………वैसे भी हम सब यहाँ अपने सुख के लिये लिख रहे हैं और गलत दिखता है तो उसे गलत कहते हैं और सही दिखता है तो सराहते हैं ………अजय जी आप और हम सभी इन ही बातों से दुखी हैं और जब आप किसी बात से दुखी होते हो तो सच कहने से भी गुरेज नही करते और उस मे सच अपनी कडवाहट के साथ ही बाहर आता है ………रविन्द्र जी बेशक काफ़ी मेहनत करते हैं हम सभी जानते हैं और इंसान ही हैं सबके मन का सब नही कर पाते मगर फिर भी आवाज़ें उठ रही हैं हम सभी देख रहे हैं ………आप कृपया बुरा नही मानियेगा आपको अच्छा दोस्त समझती हूं तभी जवाब दे रही हूँ ………अगर हम सच्चे ब्लोगर हैं तो हमे चाहिये कि ब्लोगिंग की खामियों को दूर करें चाहे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ………उसके लिये कभी कभी सच कहना ही पड्ता है ………आपअ को याद होगा पिछली बार भी काफ़ी ऊँगलियाँ उठी थीं और अबके तो शुरु से ही हो रहा है ऐसा और सभी ना जाने क्या क्या लिख रहे हैं मगर आप देखियेगा किसी ने भी वहां कुछ कहने की हिम्मत नही की ………क्या यही है सच्ची ब्लोगिंग और जो कह रहा है उसे कहा जा रहा है ………ये तो गलत है ना………बेशक आपके कहे का बुरा नही लगा मगर जो आपने कहा ना जाने कितनो के दिलों मे होगा …………ये भी जानती हूँ इसीलिये आपको जवाब दे रही हूँ ताकि सब तक बात पहुंच जाये । हम भी यही चाहते हैं कि यहाँ का माहौल सुधरे कुछ लोगों के हाथ की कठपुतली बनकर ना रह जाये ब्लोगिंग्………जैसा कि कुछ कर्ता धर्ता चाहते हैं और जिसे जो चाहे कह देते हैं ये सोच कर कि उन्हे तो कोई कुछ कहने वाला है नही जब तक ऐसे लोग यहाँ हैं तो सभी तरह के लोग सभी तरह्की बातें कहते ही रहेंगे और एक बात बता दूँ इससे पहले भी मैने ऐसे व्यंग्य और हास्य लिखे हैं मगर तब लोगों ने कोई आवाज़ नही उठायी मगर आज उठा रहे हैं क्योंकि आज उन्हे मेरे लेखन मे मेरे सच कहने से डर लगता है या शायद वो हजम नही होता । मै ना किसी से कोई उम्मीद करती ना कोई चाहत अपना काम चुपचाप करती हूँ और गलत देखती हूँ तो सिर्फ़ अपने ब्लोग पर ही लिखती हूँ और ना किसी का नाम लेती कि किसने क्या कहा और क्यों मगर उसके बाद भी लोगों को मुझसे आपत्ति हो तो मुझे फ़र्क नही पडता जिसे मेरा लेखन पसन्द आयेगा जो सच का पुजारी होगा वो पढ लेगा और अपने विचार रख देगा जिसे नही आयेगा पसन्द उससे कोई गिला शिकवा नहीं। मगर कोई सोचे वन्दना ब्लोगिंग छोड कर चली जाये या लिखना छोड दे तो फ़िलहाल तो ऐसा कोई इरादा नही है :)))))) अरे ये तो कुछ ज्यादा ही बडा जवाब हो गया उम्मीद है आपको बुरा नही लगेगा क्योंकि दोस्त के नाते आपने कहा और दोस्त के नाते मैने अपनी बात आपके समक्ष रखी । फिर भी बुरा लगा हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-58057269332595092672012-05-23T12:38:14.139+05:302012-05-23T12:38:14.139+05:30@ अजय कुमार झा जी क्या अब कोई पोस्ट किसी से पूछकर ...@ अजय कुमार झा जी क्या अब कोई पोस्ट किसी से पूछकर लिखनी होगी और वो भी सत्य ………क्या ऐसा नही हो रहा सभी यही कह रहे हैं सब जगह पढ रही हूँ देख रही हूँ सुन रही हूँ कि सभी आपत्ति भी जता रहे हैं और सराहना भी कर रहे हैं और खुद सम्मान भी पाना चाह रहे हैं मगर मुझे तो लगता है कि अब सिर्फ़ वन्दना यदि कुछ लिखे तो उस पर आपत्ति जरूर जतानी है सबने लेकिन कोई दूसरा ब्लोगर लिखे तो लोग वहाँ कोई आपत्ति नही जताते यहाँ तक कि लोग महिलाओं के नाम ले लेकर लिख रहे हैं उन्हे उल्टे सीधे नाम दे रहे हैं मगर वहाँ कोई आपत्ति नहीं क्यों? और मुझे सच लिखने मे गुरेज नही वो हमेशा लिखती रही हूँ और लिखती रहूँगी ………क्या यही नही हो रहा ब्लोगिंग मे ? आप भी देख रहे होंगे और सब जानते हैं कि सम्मान पाने के लिये लोग कैसे कैसे दांव पेंच लडाते हैं फिर मैने तो हास्य व्यंग्य ही लिखा है तो उसमे भी आपत्ति आ गयी मगर दूसरे कुछ ना कुछ लगातार लिख रहे हैं मगर वहाँ कोई आपत्ति नही ………अजय जी जब तक हम सच को सच नही कहेंगे तो हालात आप ही बता दीजिये कैसे बदलेंगे? आप कह रहे हैं ब्लोगिंग का नाम लेकर ना लिखें ………मै पूछती हूँ क्यों ना लिखें? क्या अब तक ब्लोगिंग का नाम लेलेकर अब तक नही लिखा गया? और मै सम्मान का अपमान नही कर रही रविन्द्र जी के प्रति मेरी कोई दुर्भावना नही है मगर सम्मान को लेकर जो हो रहा है वो किसी से छुपा नही और लोग क्या चाहते हैं वो भी सबके सामने हैं मगर ब्लोगिंग मे इस तरह होना हमे भी अच्छा नही लग रहा और शायद ही कोई ब्लोगर हो जिसे अच्छा लग रहा हो ………वैसे भी हम सब यहाँ अपने सुख के लिये लिख रहे हैं और गलत दिखता है तो उसे गलत कहते हैं और सही दिखता है तो सराहते हैं ………अजय जी आप और हम सभी इन ही बातों से दुखी हैं और जब आप किसी बात से दुखी होते हो तो सच कहने से भी गुरेज नही करते और उस मे सच अपनी कडवाहट के साथ ही बाहर आता है ………रविन्द्र जी बेशक काफ़ी मेहनत करते हैं हम सभी जानते हैं और इंसान ही हैं सबके मन का सब नही कर पाते मगर फिर भी आवाज़ें उठ रही हैं हम सभी देख रहे हैं ………आप कृपया बुरा नही मानियेगा आपको अच्छा दोस्त समझती हूं तभी जवाब दे रही हूँ ………अगर हम सच्चे ब्लोगर हैं तो हमे चाहिये कि ब्लोगिंग की खामियों को दूर करें चाहे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ………उसके लिये कभी कभी सच कहना ही पड्ता है ………आपअ को याद होगा पिछली बार भी काफ़ी ऊँगलियाँ उठी थीं और अबके तो शुरु से ही हो रहा है ऐसा और सभी ना जाने क्या क्या लिख रहे हैं मगर आप देखियेगा किसी ने भी वहां कुछ कहने की हिम्मत नही की ………क्या यही है सच्ची ब्लोगिंग और जो कह रहा है उसे कहा जा रहा है ………ये तो गलत है ना………बेशक आपके कहे का बुरा नही लगा मगर जो आपने कहा ना जाने कितनो के दिलों मे होगा …………ये भी जानती हूँ इसीलिये आपको जवाब दे रही हूँ ताकि सब तक बात पहुंच जाये । हम भी यही चाहते हैं कि यहाँ का माहौल सुधरे कुछ लोगों के हाथ की कठपुतली बनकर ना रह जाये ब्लोगिंग्………जैसा कि कुछ कर्ता धर्ता चाहते हैं और जिसे जो चाहे कह देते हैं ये सोच कर कि उन्हे तो कोई कुछ कहने वाला है नही जब तक ऐसे लोग यहाँ हैं तो सभी तरह के लोग सभी तरह्की बातें कहते ही रहेंगे और एक बात बता दूँ इससे पहले भी मैने ऐसे व्यंग्य और हास्य लिखे हैं मगर तब लोगों ने कोई आवाज़ नही उठायी मगर आज उठा रहे हैं क्योंकि आज उन्हे मेरे लेखन मे मेरे सच कहने से डर लगता है या शायद वो हजम नही होता । मै ना किसी से कोई उम्मीद करती ना कोई चाहत अपना काम चुपचाप करती हूँ और गलत देखती हूँ तो सिर्फ़ अपने ब्लोग पर ही लिखती हूँ और ना किसी का नाम लेती कि किसने क्या कहा और क्यों मगर उसके बाद भी लोगों को मुझसे आपत्ति हो तो मुझे फ़र्क नही पडता जिसे मेरा लेखन पसन्द आयेगा जो सच का पुजारी होगा वो पढ लेगा और अपने विचार रख देगा जिसे नही आयेगा पसन्द उससे कोई गिला शिकवा नहीं। मगर कोई सोचे वन्दना ब्लोगिंग छोड कर चली जाये या लिखना छोड दे तो फ़िलहाल तो ऐसा कोई इरादा नही है :)))))) अरे ये तो कुछ ज्यादा ही बडा जवाब हो गया उम्मीद है आपको बुरा नही लगेगा क्योंकि दोस्त के नाते आपने कहा और दोस्त के नाते मैने अपनी बात आपके समक्ष रखी । फिर भी बुरा लगा हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-17615163269142504892012-05-23T12:38:02.264+05:302012-05-23T12:38:02.264+05:30बहुत ही बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग
विचार बोध पर ...बहुत ही बेहतरीन रचना....<br />मेरे ब्लॉग<br /><a href="http://vichaarbodh.blogspot.com" rel="nofollow"><br />विचार बोध</a> पर आपका हार्दिक स्वागत है।Shanti Garghttps://www.blogger.com/profile/03904536727101665742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-75340152035966576332012-05-23T08:42:16.780+05:302012-05-23T08:42:16.780+05:30jai hojai hoसुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-9721305887220985512012-05-23T08:14:03.237+05:302012-05-23T08:14:03.237+05:30हा हा हा ..!! बेहतरीन ..
बात तो सही है ..
सोलह आने...हा हा हा ..!! बेहतरीन ..<br />बात तो सही है ..<br />सोलह आने ..<br />:)RITU BANSALhttps://www.blogger.com/profile/14474354506605954847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-86309871317911891222012-05-23T00:14:34.813+05:302012-05-23T00:14:34.813+05:30सटीक रचना. बधाई स्वीकारेंसटीक रचना. बधाई स्वीकारेंपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-46173053517461665992012-05-22T21:23:42.177+05:302012-05-22T21:23:42.177+05:30आदरणीय वंदना जी ,
यदि ये कटाक्ष ब्लॉगिंग के पुरस्क...आदरणीय वंदना जी ,<br />यदि ये कटाक्ष ब्लॉगिंग के पुरस्कारों और ब्लॉगरों को दिए जाने वाले पुरस्कारों पर है तो ...खेद सहित । बिल्कुल असहमत हूं । अजीब विडंबना है ये कि यदि किसी का अपमान किया तो विरोध और किसी का सम्मान किया जाए तो भी विरोध । <br /><br />हैरानी इस बात की अधिक है कि सब यही कह रहे हैं कि पुरस्कार सम्मान इन्हें ही क्यों , या फ़िर कि इन्हें ही क्यों नहीं मगर स्पष्टत: ये कोई नहीं कहीं भी कह रहा है कि अमुक ब्लॉगर को क्यों नामित किया गया अमुक ब्लॉग को क्यों चुना गया..लेकिन ये कोई भी कहने का साहस नहीं कर रहा है कि न इस ब्लॉगर या इस ब्लॉग को कतई नहीं दिया जाना चाहिए । बिल्कुल घटिया ब्लॉगर हैं ये , घटिया लेखन करते हैं , बकवास ब्लॉग है इनका । <br /><br />आप एक संवेदनशील कवियत्री और परम मित्र हैं हमारी इसलिए आग्रह कि कम से कम हिंदी ब्लॉगिंग , हिंदी ब्लॉगरों पर कटाक्ष करने से यथा संभव बचा जाए और जो उस स्तर पर पहुंच रहे हैं उनकी उपेक्षा की जाए । समय हर बात का साक्षी है यहां । कम से कम सम्मान का अपमान न किया जाए । उम्मीद है कि आरोप प्रत्यारोपों के दौर से जल्दी ही बाहर निकलेगी हिंदी ब्लॉगिंग । बहुत बहुत शुभकामनाएं ....दोस्त जी । अपनी पुरानी रवानी में पुन: लौटें ...प्रतीक्षा में आपका दोस्त । यदि कुछ ज्यादा कह गया तो अग्रिम क्षमा सहितअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-9933074086100134082012-05-22T20:25:59.367+05:302012-05-22T20:25:59.367+05:30पिछले साल सम्मान समारोह से पहले आवाज़ उठाने वाले अक...पिछले साल सम्मान समारोह से पहले आवाज़ उठाने वाले अकेले हम ही थे।<br />सम्मान समारोह से लौटकर काफ़ी ब्लॉगर्स ने बताया कि वहां उनका इस्तेमाल कितनी चालाकी से किया गया ?<br /><br />इस बार इतने ब्लॉगर्स की तरफ़ से कड़ी प्रतिक्रिया मिलेगी, इसका अंदाज़ा उन्हें नहीं था।<br />अब यह सम्मान एक मज़ाक बनकर रह गया है।<br /><br />...लेकिन कृप्या मज़ाक़ और व्यंग्य के लेख में ‘ओउम्‘ शब्द के प्रयोग से बचें।<br />धर्म के मूल भाव के प्रति आदर बना रहे, इसके लिए यह ज़रूरी है।<br /><br />धन्यवाद !DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-73816293352087811212012-05-22T19:24:48.496+05:302012-05-22T19:24:48.496+05:30बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
इंडिय...बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....<br /><br /><a href="http://indiadarpan.blogspot.com" rel="nofollow"><br />इंडिया दर्पण</a> की ओर से आभार।India Darpanhttps://www.blogger.com/profile/14088108004545448186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-68555958238231647892012-05-22T16:31:00.021+05:302012-05-22T16:31:00.021+05:30जय हो ... इस देवता के भी क्या कहने ..जय हो ... इस देवता के भी क्या कहने ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-1380489637919184802012-05-22T16:08:05.659+05:302012-05-22T16:08:05.659+05:30बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
मेरे ब्लॉग पर ...बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....<br />मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।Shanti Garghttps://www.blogger.com/profile/03904536727101665742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-20879445088269738172012-05-22T15:56:07.143+05:302012-05-22T15:56:07.143+05:30वाह .. क्या बात है ... बहुत ही बढिया।वाह .. क्या बात है ... बहुत ही बढिया।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-76191825640664312642012-05-22T15:53:25.507+05:302012-05-22T15:53:25.507+05:30हाहहाहाहा
प्रकृति का नियम है जिसके पास जिस चीज का...हाहहाहाहा<br /><br />प्रकृति का नियम है जिसके पास जिस चीज का अभाव होता है वो उसे हासिल करने के लिए हर तिकड़म लगाता है। बहुतों के पास सम्मान का अभाव है, चलिए इसी बहाने कुछ हासिल हो जाए....महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-90547383221012559772012-05-22T14:22:42.009+05:302012-05-22T14:22:42.009+05:30neeraj ji sae sehmat
aur aap ko to ab milane sae...neeraj ji sae sehmat <br /><br />aur aap ko to ab milane sae rahaa itna pangaa laeti ho daenae waalo sae !!!रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.com