tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post7635102686296425853..comments2024-02-09T10:28:01.965+05:30Comments on ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: आईने कैसे- कैसेvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-50677776635575365762010-03-07T19:10:08.428+05:302010-03-07T19:10:08.428+05:30हर आइना अपना सा नज़र आता है...बहुत खूब...आपने सही ...हर आइना अपना सा नज़र आता है...बहुत खूब...आपने सही लिखा कि झूठ से आपको नफरत है...आपकी कविताओं में आपका स्वभाव झलकता है ..लिखते रहिये...सच्चे दिल वालों को सच्चे दोस्त जल्दी मिलते हैं...अनीता सक्सेना https://www.blogger.com/profile/04771111864181411923noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-88682670534498329242010-02-25T17:22:26.630+05:302010-02-25T17:22:26.630+05:30मुझे आईना दिखाने वाले
कभी उस आईने में
झाँका होता
त...मुझे आईना दिखाने वाले<br />कभी उस आईने में<br />झाँका होता<br />तो तेरा अक्स भी<br />धुंधला गया होता<br /><br />बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-26443874971293116192010-02-21T19:41:45.058+05:302010-02-21T19:41:45.058+05:30वाह जी वाह क्या जबरद्स्त लिखा है आईने पर। एक से एक...वाह जी वाह क्या जबरद्स्त लिखा है आईने पर। एक से एक बेहतरीन आईना। पर मुझे तो ऐ वाला कुछ ज्यादा ही पसंद आया। <br />मुझे आईना दिखाने वाले<br />कभी उस आईने में<br />झाँका होता<br />तो तेरा अक्स भी<br />धुंधला गया होता<br /><br />क्योंकि आईने देखाने वालों ये आईना भी देखना चाहिए। खैर ब्लोग नया साफ सुधरा सुन्दर लग रहा है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-64795952784573808302010-02-21T17:41:34.149+05:302010-02-21T17:41:34.149+05:30मुझे आईना दिखाने वाले
कभी उस आईने में
झाँका होता
त...मुझे आईना दिखाने वाले<br />कभी उस आईने में<br />झाँका होता<br />तो तेरा अक्स भी<br />धुंधला गया होता<br /><br />आईने के बहुत से नये आयाम खोल दिए हैं आपने .... बहुत खूब ... लाजवाब लिखा है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-6223656973613825542010-02-21T13:06:36.857+05:302010-02-21T13:06:36.857+05:30आई ना
मैं नहीं
होते हुए भी
सिर्फ मैं ही है
इसलिए स...आई ना<br />मैं नहीं<br />होते हुए भी<br />सिर्फ मैं ही है<br />इसलिए सच<br />दिखाता है।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-86304070877988767672010-02-21T10:05:08.008+05:302010-02-21T10:05:08.008+05:30बिलकुल सही कहा वन्दना जी आईना हमेशा सच बोलता है। स...बिलकुल सही कहा वन्दना जी आईना हमेशा सच बोलता है। सुन्दर कविता शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-25829661848755286902010-02-21T00:17:25.099+05:302010-02-21T00:17:25.099+05:30बेहतरीन। लाजवाब।बेहतरीन। लाजवाब।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-80084297423264952962010-02-20T23:39:02.628+05:302010-02-20T23:39:02.628+05:30आइना कुछ नहीं छुपाता है .. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ...आइना कुछ नहीं छुपाता है .. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-20596675606777526492010-02-20T21:45:43.350+05:302010-02-20T21:45:43.350+05:30वाह जी आज तो आईने को ही आईना दिखा दिया आपने , सुंद...<i> <b> वाह जी आज तो आईने को ही आईना दिखा दिया आपने , सुंदर और बिल्कुल अलग रचना ...शुभकामनाएं </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-49253079245996277612010-02-20T21:43:07.109+05:302010-02-20T21:43:07.109+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-52084383916664089152010-02-20T21:40:01.092+05:302010-02-20T21:40:01.092+05:30नकाब चाहे जितना
ड़ाल लो रुखसार पर
आईना सब सच
दिखा द...नकाब चाहे जितना<br />ड़ाल लो रुखसार पर<br />आईना सब सच<br />दिखा देता है <br /><br /><br />बिल्कुल सही!<br />दर्पण झूठ न बोले!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-82411798661049168872010-02-20T21:05:39.933+05:302010-02-20T21:05:39.933+05:30खुद को पहचान लो तो आईना खामोश हो जाये और हर आईने म...खुद को पहचान लो तो आईना खामोश हो जाये और हर आईने में तेरा ही चेहरा नजर आता है -- वन्दना जी - बहुत खूबसूरत भाव की पंक्तियाँ। वाह। कभी लिखा था कि- <br /><br />निहारता हूँ मैं खुद को जब भी तेरा ही चेहरा उभर के आता<br />ये आईने की खुली बगावत क्या तुमने देखा जो मैंने देखा<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-77303431116558118572010-02-20T20:45:33.876+05:302010-02-20T20:45:33.876+05:30aaina le kr hmasha sath me chlta rha
us me soort ...aaina le kr hmasha sath me chlta rha <br />us me soort dekh kr hi sda chlta rha <br />kyon ki mujh sa aur bdsurt koi tha hi nhi <br />is liye hi haisiyt ko dekh kr chlta rha<br /><br />dr.vedvyathit@gmail.comved Prakashhttp://gmail.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-7796051648018764182010-02-20T20:15:03.871+05:302010-02-20T20:15:03.871+05:30आईने का व्याखान खूब किया है।
एक पंजाबी के पंक्ति...आईने का व्याखान खूब किया है। <br /><br />एक पंजाबी के पंक्ति का हिन्दीकरन कर रहा हूँ <br /><br /><br />तुम्हे देखता हूँ तो गुण हजार नजर आते हैं, <br />जब आईने के सामने जाता हूँ तो अवगुण नजर आते हैंKulwant Happyhttps://www.blogger.com/profile/04322255840764168300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-37634413955758156432010-02-20T20:07:07.744+05:302010-02-20T20:07:07.744+05:30amazing composition vandna ji...
keep writing.amazing composition vandna ji...<br /><br />keep writing.सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-17107818434103694212010-02-20T19:35:20.480+05:302010-02-20T19:35:20.480+05:30हर आईना अपना सा
नज़र आता है
क्या करूँ महबूब मेरे
हर...हर आईना अपना सा<br />नज़र आता है<br />क्या करूँ महबूब मेरे<br />हर आईने में<br />तेरा ही चेहरा<br />नज़र आता है<br /><br /><br />इस पंक्ति में ......प्यार नजर आता है ,,,,,बहेतरीन रचनाDevhttps://www.blogger.com/profile/05009376638678868909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-31299709932502345992010-02-20T19:27:07.284+05:302010-02-20T19:27:07.284+05:30नकाब चाहे जितना
ड़ाल लो रुखसार पर
आईना सब सच
दिखा ...नकाब चाहे जितना<br />ड़ाल लो रुखसार पर<br />आईना सब सच<br />दिखा देता है .....<br /><br />बहुत सुंदर पंक्तियों के साथ ...बहुत ही सुंदर रचना.... आपके लेखनी की यही ख़ास बात है.... कि आप बाँध कर रखतीं हैं.... आभार.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-4095443175751432552010-02-20T19:25:34.535+05:302010-02-20T19:25:34.535+05:30नकाब चाहे जितना
ड़ाल लो रुखसार पर
आईना सब सच
दिखा ...नकाब चाहे जितना<br />ड़ाल लो रुखसार पर<br />आईना सब सच<br />दिखा देता है .....<br /><br />बहुत सुंदर पंक्तियों के साथ ...बहुत ही सुंदर रचना.... आपके लेखनी की यही ख़ास बात है.... कि आप बाँध कर रखतीं हैं.... आभार.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-89663433924019867002010-02-20T19:21:00.059+05:302010-02-20T19:21:00.059+05:30आईना झूठ नहीं कहता....बहुत अच्छी रचना...आईना दिख...आईना झूठ नहीं कहता....बहुत अच्छी रचना...आईना दिखाती सी...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-88779452640021900842010-02-20T19:09:45.012+05:302010-02-20T19:09:45.012+05:30मुझे आईना दिखाने वाले
कभी उस आईने में
झाँका होता
त...मुझे आईना दिखाने वाले<br />कभी उस आईने में<br />झाँका होता<br />तो तेरा अक्स भी<br />धुंधला गया होता<br /><br />बहुत खूब कहा आपने ,सच है यह शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-75275819381324750312010-02-20T18:56:59.471+05:302010-02-20T18:56:59.471+05:30आईने पर खूब पोस्ट आरही हैं आजकल.. :) लेकिन महबूब क...आईने पर खूब पोस्ट आरही हैं आजकल.. :) लेकिन महबूब के लिए सबसे साफ़ आइना तो अपने साथी कि आँखों का होता है..<br />बेहतरीन कविता ये भी वंदना जी..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.com