दीया
आस का
विश्वास का
प्रेरणा का
प्रतीक बन
आशाओं का संचार करता
मगर
टिमटिमाती लौ
वक्त की आँधियों से थरथराती
टूटे विश्वास की
बिना किसी आस की
गहन वेदना को समेटे हुए
कंपकंपाते पलों को ओढ़कर
अपने आगोश में
सिमटने को आतुर
धूमिल होती
आशाओं का प्रतीक बन
जीवन के अंतिम कगार पर
बिना किसी विद्रोह के
समर्पण कर देती है
अपने हर
रंग का, हर रूप का
और बता जाती है
ज़िन्दगी का सबब
त्याग , बलिदान
आशा और उजाले
का प्रतीक बन
जीना सीखा जाती है
आस का
विश्वास का
प्रेरणा का
प्रतीक बन
आशाओं का संचार करता
मगर
टिमटिमाती लौ
वक्त की आँधियों से थरथराती
टूटे विश्वास की
बिना किसी आस की
गहन वेदना को समेटे हुए
कंपकंपाते पलों को ओढ़कर
अपने आगोश में
सिमटने को आतुर
धूमिल होती
आशाओं का प्रतीक बन
जीवन के अंतिम कगार पर
बिना किसी विद्रोह के
समर्पण कर देती है
अपने हर
रंग का, हर रूप का
और बता जाती है
ज़िन्दगी का सबब
त्याग , बलिदान
आशा और उजाले
का प्रतीक बन
जीना सीखा जाती है
22 टिप्पणियां:
कंपकंपाते पलों को ओढ कर --- वाह बहुत ही पसंद आयी ये रचना बधाई
bahut kuch sikhaati rachna
बहुत ही भाव प्रधान रचना जो हमें जीवन के कई रंग दिखाती है।
बहुत ही नए रूप में किसी दिए का बुझना परिभाषित किया है..बिलकुल नई दृष्टि.... बहुत सुन्दर...
शब्दों का ये खूबसूरत मंज़र और कहीं दुर्लभ है...अत्यंत भावपूर्ण रचना...वाह...
नीरज
अपने हर
रंग का
हर रूप का
और बता जाती है
ज़िन्दगी का सबब
त्याग , बलिदान
आशा और उजाले
का प्रतीक बन
जीना सीखा जाती है
--
बिल्कुल सही है!
आशा और विश्वास का दीपक ही
जीवन जीने की प्रेरणा देता है!
मंगलवार 22- 06- 2010 को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है
http://charchamanch.blogspot.com/
भावपूर्ण रचना!!
bahut sundar rachna....
वाह! क्या दृष्टिकोण है....अति सुन्दर!
कुंवर जी,
waakai hee jeena sikhaa diya !
इस सुन्दर पोस्ट की चर्चा "चर्चा मंच" पर भी है!
--
http://charchamanch.blogspot.com/2010/06/193.html
दिए और लौ के माध्यम से गंभीर दर्शन प्रस्तुत किया है आपने....
मन में उतर गयी आपकी यह अद्वितीय रचना...
गहरे भाव लिये सुंदर रचना ।
dekhne vale ki nazar kya dekha ...man ne kya pakdaa ..sundar prastuti...blog ka naam bahut sundar hai ...jakhm jo foolon ne diye ..vaah
wah.
बहुत गहरी सोच
बेहद सुन्दर भाव
दुर्लभ दृष्टिकोण
wonderful
http://liberalflorence.blogspot.com/
http://sparkledaroma.blogspot.com/
बहुत खूब..वंदना जी बेहद भावपूर्ण सुंदर रचना...धन्यवाद
पसंद आयी ये रचना.......
सुन्दर रचना..धन्यवाद
बहुत खुबसूरत रचना !!!
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