तुम्हारे दंभ को हवा नहीं देती हूँ
तुम्हारी चाहतों को मुकाम नहीं देती हूँ
अपने आप में मस्त रहती हूँ
संक्रमण से ग्रसित नहीं होती हूँ
तुम्हारी बातों में नहीं आती हूँ
बेवजह बात नहीं करती हूँ
तुम्हारे मानसिक शोषण को
पोषित नहीं करती हूँ
कतरा कर निकाल जाते हैं सभी
शायद इसीलिए अछूत हूँ मैं
आदरणीय वन्दना जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
...बहुत कुछ कहती आपकी रचना बेहतरीन पोस्ट
अन्तिम पंक्ति न जाने क्या क्या कह गयी। बहुत ही सुन्दर।
अच्छी अभिव्यक्ति , बधाई।
जवाब देंहटाएंइसलिए अछूत हो जाती है महिलाएं ...!
जवाब देंहटाएंशानदार अभिव्यक्ति !
वंदना जी नारी की दृढ़ता हो आपने बखूबी और सहज शब्दों में व्यक्त किया है.. अच्छी कविता है..
जवाब देंहटाएंदूसरों को छू लेने की चाह ही हमें अछूत बना देती है।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा !
जवाब देंहटाएंSalute to ol those ppl who u kept in ur mind while writing these lines.. its really tough to live ur life on ur own terms... i hope u r one of dem.. keep writing :)
जवाब देंहटाएंवंदना जी,नमस्कार.
जवाब देंहटाएंआपकी नई रचना "अछूत हूँ" मैंने पढ़ी.वाकई संवेदनापूर्ण भावों से भरी यह एक बेबाक रचना है."तुम्हारी बातों में नहीं आती हूँ". आज तो समय आ गया है कि बेवजह के शोषण से स्वयं को अलग किया जाये.चाहे कोई कुछ भी समझे. मन में बस गई यह रचना.
haan tab to achhut hona hi hai...
जवाब देंहटाएंsundar bhav....
जवाब देंहटाएंabhivyakti aur bhi achchhi..
क्या कहूं...
जवाब देंहटाएंशायद शब्द ख़त्म हो गए हैं मेरेपास...:)
बेहतरीन...
हाँ मुसलमान हूँ मैं.. ..
बहुत गहन अभिव्यक्ति ...हाँ में हाँ नहीं मिलाई तो अछूत ही होना हुआ न ..
जवाब देंहटाएंबहुत दृढ़ता है ... अछूत की क्या बात !
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ कहती सुन्दर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएं"अछूत" कई अर्थों को वयां करती हुई रचना , बधाई
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देश देती हुई!
जवाब देंहटाएंप्रेरक रचना के लिए बधाई!
ये स्वाभिमान बहुत अच्छा लगा ,बधायी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना जी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर, बेहतरीन रचना वन्दना जी !
जवाब देंहटाएंअछूत नहीं पवित्र
जवाब देंहटाएं।
सच है एकदम, एक-एक शब्द व्यक्तित्व की इस दृढता को प्रदर्शित कर रहा है।
जवाब देंहटाएंऐसी महिलायें तो अस्पृश्य हो ही जाती हैं...सत्य कहा...
जवाब देंहटाएंमार्गदर्शन करती प्रेरक अति प्रभावशाली अभिव्यक्ति....वाह !!!
ये पढ़कर तो मुझे भी लगना लगा कि मैं भी अछूत हूँ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया... बहुत प्यारी रचना...
दृढ़ इच्छाशक्ति को अभिव्यक्त करती बहुत अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंBahut Khubsurat Abhivyakti.
जवाब देंहटाएंVndna ji...aapka likhne ka andaaz....vakiye kmaal he...neend...aur andaaz ye khaas pasnd aayaa mujhe
जवाब देंहटाएंaapke nye saal ki shubhkaamnaaye..:)
take care