tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post4193850467658629827..comments2024-02-09T10:28:01.965+05:30Comments on ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: कौन रुकता है किसी के लियेvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-28021123336417708432010-10-15T11:03:30.691+05:302010-10-15T11:03:30.691+05:30लगता है इस खूबसूरत रचना मैंने लिखी हो ....वेदना का...लगता है इस खूबसूरत रचना मैंने लिखी हो ....वेदना का कौन समझना चाहता है ...?Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-5193003847745946072010-10-12T13:32:40.960+05:302010-10-12T13:32:40.960+05:30vandana
ek dard ubhar kar aaya hai , antim pankt...vandana <br /><br />ek dard ubhar kar aaya hai , antim panktiyo me ... bahut hi prabhaavshaali .. ek seedhi sacchi baat kah di aapne .. lekin kuch prem aise bhi hote hai ..jo rukte hai kabhi kabhi ,.umr bhar...vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-57419473816891496782010-10-11T10:33:11.012+05:302010-10-11T10:33:11.012+05:30ये तो सच है कोई नही रुकता किसी के लिए
ये ही होता...ये तो सच है कोई नही रुकता किसी के लिए <br /><br />ये ही होता है<br /><br />बहुत सही कहा आपनेdeepti sharmahttps://www.blogger.com/profile/10113945456813271746noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-80641030769279910172010-10-11T08:39:53.734+05:302010-10-11T08:39:53.734+05:30बहुत शानदार!
जाओ
कौन रुकता है
किसी के लिए
बहत...बहुत शानदार!<br /><br /><br /><br />जाओ <br />कौन रुकता है <br />किसी के लिए<br />बहता पानी <br />कब ठहरा है<br />किसी के लिए<br />प्रवाह कब रुके हैं<br />किसी के लिए..Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-88714177798360876072010-10-11T07:54:02.662+05:302010-10-11T07:54:02.662+05:30सच है ,कोई किसी के लिये नहीं रुकता ।सच है ,कोई किसी के लिये नहीं रुकता ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-76915470705130408152010-10-11T07:54:02.468+05:302010-10-11T07:54:02.468+05:30सच है ,कोई किसी के लिये नहीं रुकता ।सच है ,कोई किसी के लिये नहीं रुकता ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-79132868827158616482010-10-11T00:27:52.827+05:302010-10-11T00:27:52.827+05:30अच्छी रचना ।अच्छी रचना ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-77895028902882669192010-10-10T21:26:02.944+05:302010-10-10T21:26:02.944+05:30बहुत खूब .....!!
पानी अगर बहे नहीं तो सड़ने लगता है...बहुत खूब .....!!<br />पानी अगर बहे नहीं तो सड़ने लगता है<br />मैं सदना नहीं चाहती<br />बहना चाहती हूँ ...<br />सरल...निश्छल ....निर्मल .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-1226383344508065972010-10-10T20:39:57.120+05:302010-10-10T20:39:57.120+05:30आपने बिल्कुल सत्य कहा है कोई किसी के लिए नहीं रुकत...आपने बिल्कुल सत्य कहा है कोई किसी के लिए नहीं रुकता |अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-8057523588539470142010-10-10T19:21:50.824+05:302010-10-10T19:21:50.824+05:30साथ साथ बहो
तो
पा ही लेंगे
मंजिल
जो ठहर गए
एक जग...साथ साथ बहो<br />तो <br />पा ही लेंगे<br />मंजिल<br />जो ठहर गए <br />एक जगह<br />तो सड़ <br />जाएंगे ।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-22065063872068860702010-10-10T18:28:59.641+05:302010-10-10T18:28:59.641+05:30आस रहेगी, प्यास रहेगी।
आ जाना तुम, साँस रहेगी।आस रहेगी, प्यास रहेगी।<br />आ जाना तुम, साँस रहेगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-11465147722173180932010-10-10T18:18:23.693+05:302010-10-10T18:18:23.693+05:30जाओ
कौन रुकता है
किसी के लिए
बहता पानी
कब ठहरा ...जाओ <br />कौन रुकता है <br />किसी के लिए<br />बहता पानी <br />कब ठहरा है<br />किसी के लिए<br />प्रवाह कब रुके हैं<br />किसी के लिए..<br />--<br />जमीन से जुड़ी इस शाश्वत रचना के लिए <br />बधाई स्वीकार करें!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-58853809533372982172010-10-10T15:57:18.648+05:302010-10-10T15:57:18.648+05:30सच है .. कोई किसी के लिए नही रुकता ... विरले ही हो...सच है .. कोई किसी के लिए नही रुकता ... विरले ही होते हैं जो ऐसा करते हैं .दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-12535296566158958142010-10-10T15:53:25.372+05:302010-10-10T15:53:25.372+05:30सच है .. कोई किसी के लिए नही रुकता ... विरले ही हो...सच है .. कोई किसी के लिए नही रुकता ... विरले ही होते हैं जो ऐसा करते हैं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-46684845436357480252010-10-10T07:58:22.645+05:302010-10-10T07:58:22.645+05:30सुन्दर रचना ! जीवन का सत्य है बहाव ... सैल !सुन्दर रचना ! जीवन का सत्य है बहाव ... सैल !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-45859426403258689662010-10-10T07:17:55.072+05:302010-10-10T07:17:55.072+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्र...<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!<br />या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।<br />नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।<br />नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!</b><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/10/7.html" rel="nofollow">मरद उपजाए धान ! तो औरत बड़ी लच्छनमान !!, राजभाषा हिन्दी पर कहानी ऐसे बनी</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-55267420200387169702010-10-10T05:18:40.168+05:302010-10-10T05:18:40.168+05:30जाओ
कौन रुकता है
किसी के लिए
यह प्रवाह रूके न रू...जाओ <br />कौन रुकता है <br />किसी के लिए<br />यह प्रवाह रूके न रूके पर संग तो ले चले.<br />सुन्दर रचनाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-90937800844429023322010-10-09T23:24:33.487+05:302010-10-09T23:24:33.487+05:30बहुत सुंदर रचना मुदिता जी !
बधाई !बहुत सुंदर रचना मुदिता जी ! <br />बधाई !कुमार संतोषhttps://www.blogger.com/profile/15801341922407900125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-82855543836467823362010-10-09T23:13:02.581+05:302010-10-09T23:13:02.581+05:30आप एक समर्थ सर्जक हैं। ........ कविता काफी अर्थपूर...आप एक समर्थ सर्जक हैं। ........ कविता काफी अर्थपूर्ण है! <b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br />या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।<br />नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।<br />नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!</b><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/10/blog-post_09.html" rel="nofollow">फ़ुरसत में …बूट पॉलिश!, करते देखिए, “मनोज” पर, मनोज कुमार को! </a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-47996072870472836382010-10-09T22:17:56.173+05:302010-10-09T22:17:56.173+05:30bahut hi khubsurat rachna...bahut hi khubsurat rachna...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-27479662945231088822010-10-09T21:51:44.995+05:302010-10-09T21:51:44.995+05:30"कैसे तुमसे
उम्मीद करूँ
एक आस धरूँ
कि तुम
..."कैसे तुमसे <br />उम्मीद करूँ<br />एक आस धरूँ <br />कि तुम <br />रुकोगे <br />मेरे लिए" वंदना जी भाव के प्रवाह की तरह बहती कविता मुझे भी बहा ले गई..जितनी कविता में है.. और जो कविता से परे है.. लेकिन कोई ना कोई रुकता है किसी ना किसी के लिए.. नदिया बाँधी नहीं जाती लेकिन कहीं कोई समंदर रुका तो रहता है नदी की आस में .. सुंदर कविता..फिर भी कविता में आशावाद डालिए..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-70001510555240346422010-10-09T21:15:56.137+05:302010-10-09T21:15:56.137+05:30मन को समझाने के लिये यह एक प्रयास है अन्यथा प्रिय ...मन को समझाने के लिये यह एक प्रयास है अन्यथा प्रिय से अपेक्षाएं कहाँ मिटती हैं । इसलिये पीडा भी अन्तहीन होती है ।...खैर कविता अच्छी है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-73484595639129880762010-10-09T19:48:46.388+05:302010-10-09T19:48:46.388+05:30न कुछ रुका है और न ही रुकेगा ...बहुत गहन बात कह दी...न कुछ रुका है और न ही रुकेगा ...बहुत गहन बात कह दी है ..सुन्दर अभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-89078411673916006322010-10-09T19:02:07.299+05:302010-10-09T19:02:07.299+05:30कोई नहीं रुकता किसी के लिए
उम्मीद नहीं
पर रुक के...कोई नहीं रुकता किसी के लिए <br />उम्मीद नहीं <br />पर रुक के तो देखो <br />ज़िन्दगी एक मायने ले लेगीरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-69259984678966500902010-10-09T18:03:59.259+05:302010-10-09T18:03:59.259+05:30कविता का अन्त लाजवाब् है और मन को मोह लेता हैकविता का अन्त लाजवाब् है और मन को मोह लेता हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com