tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post6423024437749244570..comments2024-02-09T10:28:01.965+05:30Comments on ज़ख्म…जो फूलों ने दिये: कैसे करूँ नमन ?vandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-13793389091580147102009-12-19T10:49:52.837+05:302009-12-19T10:49:52.837+05:30वंदना जी,
बहुत सुन्दर व् भावुक और दिल को छूने वाल...वंदना जी,<br /><br />बहुत सुन्दर व् भावुक और दिल को छूने वाली शहीदों को भावभीनी श्रद्धाञ्जलि दी है आप ने.<br />बहुत सुन्दर व् मार्मिक रचना<br /><br />आशुआशुhttps://www.blogger.com/profile/00177586469111424698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-11010465560738855542009-12-07T18:57:53.703+05:302009-12-07T18:57:53.703+05:30सही कहा आपने मुझे ये भी रचना पसंद आऐगी। और आई भी। ...सही कहा आपने मुझे ये भी रचना पसंद आऐगी। और आई भी। बहुत सही कहा आपने कि कर्तव्य सिर्फ नमन तक ही नही होता उसके आगे बहुत कुछ होता है ..... अभी थोडी देर पहले ही सुन रहा था कि अभी तक सरकार की तरफ से पूरी सहायता नही दे जा सकी है हादसे के शिकार लोगो को....। ये कौन लोग है? जो इस कर्तव्य को भी पूरा नही करते। सच तो यही है जिसका सदस्य घर से जाता है उसी को ही पता होता है कि उसके जाने के बाद क्या क्या सहा इन्होने सदस्य के जाने के बाद। कई दिनों से देख रहा हूँ जिसे देखो वही इसके बारें में बात कर रहा है। पर फिर वो कौन लोग है जिनकी लापरवाही से ये हादसे हो जाते है? वो कौन लोग है?...............। खैर आपने एक एक दर्द को बखूबी लिखा है। और दर्द को जो महसूस करता है वही लिख पाता है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-22466111304101606172009-12-05T12:56:13.258+05:302009-12-05T12:56:13.258+05:30आपकी कविता को पढकर ऐसा लगा जैसे यह २६/११ के मुम्बई...आपकी कविता को पढकर ऐसा लगा जैसे यह २६/११ के मुम्बई हमले पर केन्दित है और उसी को ध्यान मे रखकर रचना की गयी है, किन्तु इस रचना के पीछे के दर्द को शायद वही समझ सकता है जिसके सर से किसी का साया उठता है, तमाम तरह के सुरक्षा गार्डो के लाव लशकर के साथ स्वयम को पूरी तरह महफूज पाते वे नीति निर्धारक भला उस पीडा को क्या समझेन्गे जो उनकी हिफाजत के लिये खरीदे जाने वाले बुलेट प्रूफ जेकेट मे भी दलाली खा जाते है, और मरने के बाद घडियाली आन्सू बहा पैसो से उस परिवार की व्यथा को तौलते है.<br /><br />ऐसे नेताओ या फिर पर्दे पर नाचने गाने वालो की सभा मे इस देश मे ज्यादा भीड होती है बनिश्पत शहीदो को श्रद्धान्जलि के अवसर के. <br /><br />बस यह पन्क्तिया तोडकर सटीक कही गयी है इस देश के लिये <br /><br />शहीदो की चिताओ पर नही लगते कही मेले, <br />वतन पर मिटने वालो का नही बाकी निशा कोई.राकेश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08397280715413909061noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-16804142137709869472009-12-03T18:36:09.198+05:302009-12-03T18:36:09.198+05:30बहुत सही कहा आपने कि कर्तव्य सिर्फ नमन तक ही नही ह...बहुत सही कहा आपने कि कर्तव्य सिर्फ नमन तक ही नही होता उसके आगे बहुत<br />कभी बिटिया के सपनो में<br />झांकना तो सही<br />उसके ख्वाबों के<br />बिखरने का दर्द<br />एक बार उठाना तो सही<br />कुचले हुए<br />अरमानों की क्षत-विक्षत<br />लाश के बोझ को<br />कैसे संभालोगे<br />कभी माँ के आँचल<br />को हिलाना तो सही<br />दर्द के टुकड़ों को<br />न समेट पाओगे<br />बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति है शहीदों को शत शत नमननिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-53779385133721516582009-12-02T17:07:44.260+05:302009-12-02T17:07:44.260+05:30वंदना जी ! एक दम सत्य कहा है आपने ..सिर्फ नमन भर ...वंदना जी ! एक दम सत्य कहा है आपने ..सिर्फ नमन भर कर देने से हम अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं...बेहद भावुक और सार गर्भित रचना...शुभकामनाये.<br />और ब्लॉग पर आकर उत्साह बढाने का बहुत शुक्रिया.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-68287548387433339392009-11-29T13:45:31.339+05:302009-11-29T13:45:31.339+05:30भावनाओं का सैलाब
जो आएगा
सारे तटबंधों को तोड़ता
तु...भावनाओं का सैलाब<br />जो आएगा<br />सारे तटबंधों को तोड़ता<br />तुम्हें भी बहा ले जाएगा<br />तब जानोगे<br />एक ज़िन्दगी खोने का दर्द<br />तब शायद समझ पाओगे<br />कर्तव्य सिर्फ़ नमन तक नही होता<br />सिर्फ़ नमन तक नही होता<br /><br />bhavpoorn rachnaa..sachchi shraddhanjali....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-51651183124998753672009-11-27T22:47:32.893+05:302009-11-27T22:47:32.893+05:30भावनाओं का सैलाब
जो आएगा
सारे तटबंधों को तोड़ता
तु...भावनाओं का सैलाब<br />जो आएगा<br />सारे तटबंधों को तोड़ता<br />तुम्हें भी बहा ले जाएगा<br />तब जानोगे<br />एक ज़िन्दगी खोने का दर्द<br />तब शायद समझ पाओगे<br />कर्तव्य सिर्फ़ नमन तक नही होता<br />सिर्फ़ नमन तक नही होता<br /><br />कलम के आंसुओं से लिखी कविता ....सच्ची श्रद्धांजलि ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-90447400412469447562009-11-26T17:30:01.909+05:302009-11-26T17:30:01.909+05:30मौन आंसुओं की भाषा क्या लिखूंमौन आंसुओं की भाषा क्या लिखूंरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-11781100303620596482009-11-26T13:11:35.979+05:302009-11-26T13:11:35.979+05:30बहुत सही कहा आपने कि कर्तव्य सिर्फ नमन तक ही नही ह...बहुत सही कहा आपने कि कर्तव्य सिर्फ नमन तक ही नही होता उसके आगे बहुत कुछ होता है ..... अभी थोडी देर पहले ही सुन रहा था कि अभी तक सरकार की तरफ से पूरी सहायता नही दे जा सकी है हादसे के शिकार लोगो को....। ये कौन लोग है? जो इस कर्तव्य को भी पूरा नही करते। सच तो यही है जिसका सदस्य घर से जाता है उसी को ही पता होता है कि उसके जाने के बाद क्या क्या सहा इन्होने सदस्य के जाने के बाद। कई दिनों से देख रहा हूँ जिसे देखो वही इसके बारें में बात कर रहा है। पर फिर वो कौन लोग है जिनकी लापरवाही से ये हादसे हो जाते है? वो कौन लोग है?...............। खैर आपने एक एक दर्द को बखूबी लिखा है। और दर्द को जो महसूस करता है वही लिख पाता है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-50495730093452586332009-11-26T13:05:14.316+05:302009-11-26T13:05:14.316+05:30सच बयान करती रचना
यह एक बेहतरीन रचना हैसच बयान करती रचना <br />यह एक बेहतरीन रचना हैअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-35314579990151267142009-11-26T12:03:20.172+05:302009-11-26T12:03:20.172+05:30कभी बिटिया के सपनो में
झांकना तो सही
उसके ख्वाबों ...कभी बिटिया के सपनो में<br />झांकना तो सही<br />उसके ख्वाबों के<br />बिखरने का दर्द<br />एक बार उठाना तो सही<br />कुचले हुए<br />अरमानों की क्षत-विक्षत<br />लाश के बोझ को<br />कैसे संभालोगे<br />कभी माँ के आँचल<br />को हिलाना तो सही<br />दर्द के टुकड़ों को<br />न समेट पाओगे<br /><br />in panktiyon ne dil ko chhoo liya...शहीदों को भावभीनी श्रद्धाञ्जलि!<br /><br />aapki yeh shreshthtam rachna hai.... bahut achchi lagi yeh kavita.... shaheedon ko shraddha suman....<br /><br /><br />Regards....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-55841098883334883772009-11-26T08:39:56.937+05:302009-11-26T08:39:56.937+05:30आपकी बात जायज हैं, यही तो हो रहा हैआपकी बात जायज हैं, यही तो हो रहा हैअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-90373892326294983002009-11-26T04:40:18.793+05:302009-11-26T04:40:18.793+05:30सही है लेकिन फिर भी...
नमन एवं श्रृद्धांजलि!!सही है लेकिन फिर भी...<br /><br />नमन एवं श्रृद्धांजलि!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-62175402737160292732009-11-25T22:37:48.962+05:302009-11-25T22:37:48.962+05:30सच में वो एक सहमा हुआ दिन था और कभी ना भूलनें वाला...सच में वो एक सहमा हुआ दिन था और कभी ना भूलनें वाला लम्हा..नमन तो दिल से होगा ही उन शहीदों के लिए मगर साथ साथ यह भी सोचने वाली बात है की इस लड़ाई में शहीद हुए जवान के परिवार के साथ कितना न्याय हो पा रहा है और हमारा योगदान क्या है ऐसे देशभक्त के लिए...विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-89878907440343078732009-11-25T22:27:58.927+05:302009-11-25T22:27:58.927+05:30shaandaar ahsaas wali kavita.
Bahut badiaya vandan...shaandaar ahsaas wali kavita.<br />Bahut badiaya vandanaji.IRFANhttps://www.blogger.com/profile/03558772132148066423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-78076884017072201412009-11-25T21:43:15.046+05:302009-11-25T21:43:15.046+05:30भावनाओं का सैलाब
जो आएगा
सारे तटबंधों को तोड़ता
तु...भावनाओं का सैलाब<br />जो आएगा<br />सारे तटबंधों को तोड़ता<br />तुम्हें भी बहा ले जाएगा<br />तब जानोगे<br />एक ज़िन्दगी खोने का दर्द<br />खोने का दर्द तो बस खोने वाला ही जान पायेगाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-64373848287847520032009-11-25T21:34:28.401+05:302009-11-25T21:34:28.401+05:30होठों पर ठहरी ख़ामोशी को
एक बार तोड़ने की
कोशिश कर...होठों पर ठहरी ख़ामोशी को<br />एक बार तोड़ने की<br />कोशिश करना तो सही<br />भावनाओं का सैलाब<br />जो आएगा<br />सारे तटबंधों को तोड़ता<br />तुम्हें भी बहा ले जाएगा<br /><br />देश के अमर शहीदों को हमारी भी <br />भावभीनी श्रद्धाञ्जलि!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2962073777377545256.post-27654485434009158412009-11-25T21:11:26.549+05:302009-11-25T21:11:26.549+05:30निःसंदेह यह एक श्रेष्ठ रचना है।निःसंदेह यह एक श्रेष्ठ रचना है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com