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शुक्रवार, 23 मई 2008

क्या कहूं

कुछ कहना है मगर समझ नही आता क्या कहूं
हर रिश्ता अजीब है हर इन्सान अजीब है
कोई कुछ नही समझता यह कौन सा मोड़ है

11 टिप्‍पणियां:

  1. एक वाक्य में ही सब कुछ कब दिया।
    अजीब शब्द का प्रयोग अच्छा लगा।
    बधायी।

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  2. कल 29/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  3. संक्षेप में बहुत कुछ कह दिया |बधाई |
    आशा

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  4. जीवन की डोर उपरवाले के हाथ में है वंदना जी ..सच में कुछ ज्यादा समझ में आता नहीं है .....
    shubhkamnayen.

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ...!

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  6. अच्छी प्रस्तुति है .हर रिश्ता अजीब है लोग भी कितने अजीब हैं अपने करीब .

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  7. अच्छा लिखा है।

    ।।,
    http://yuvaam.blogspot.com/2013_01_01_archive.html?m=0

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