bahut khub
साथ मिल जाये, दिल भी मिल जाये,ऐसे कम खुश-नसीब होते हैं। चाहे इसको सजा, कहो या मजा,रिश्ते बिल्कुल अजीब होते हैं।
बहुत दर्द निहित है इसमें!---चाँद, बादल और शाम
जिंदगी साथ होते हुए भी तन्हा...आखिर क्यों?शेर अर्ज किया है-किस दौर में जिंदगी बशर की हैकि वो इस तरह बीमार की रात हो गई.
अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया
bahut khub
जवाब देंहटाएंसाथ मिल जाये,
जवाब देंहटाएंदिल भी मिल जाये,
ऐसे कम खुश-नसीब होते हैं।
चाहे इसको सजा,
कहो या मजा,
रिश्ते बिल्कुल अजीब होते हैं।
साथ मिल जाये,
जवाब देंहटाएंदिल भी मिल जाये,
ऐसे कम खुश-नसीब होते हैं।
चाहे इसको सजा,
कहो या मजा,
रिश्ते बिल्कुल अजीब होते हैं।
बहुत दर्द निहित है इसमें!
जवाब देंहटाएं---
चाँद, बादल और शाम
जिंदगी साथ होते हुए भी तन्हा
जवाब देंहटाएं...आखिर क्यों?
शेर अर्ज किया है-
किस दौर में जिंदगी बशर की है
कि वो इस तरह बीमार की रात हो गई.