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बुधवार, 4 फ़रवरी 2009

आओ मेरे ...............

आओ मेरे ...................
तुम्हें क्या नाम दूँ
तुम मेरे क्या हो
ये कैसे बता दूँ
आओ तुम्हें
दिल की धड़कनें सुना दूँ
तुम्हें दिल के साज़ की
आवाज़ बना दूँ
आओ मेरे साहिल
तुम्हें मौजों से मिला दूँ
तेरे प्यार की कश्ती को
कहो कैसे मैं डूबा दूँ
तुम मेरे क्या हो
ये कैसे मैं बता दूँ
आओ मेरे .................
तुम्हें रूह में बसा लूँ
रूह की प्यास को
कुछ ऐसे बुझा दूँ
तुम तुम न रहो
कुछ ऐसे समा लूँ
तुम मेरे क्या हो
ये कैसे मैं बता दूँ
आओ मेरे ...................
तुम्हें नैनों में बसा लूँ
पलकों को बंद करके
तुम्हें नैनो में छुपा लूँ
आओ मेरे प्रियतम
तुम्हें तुमसे मिला दूँ
अपनी अंखियों में
तेरा अक्स दिखा दूँ
आओ मेरे ..............
तुम्हें क्या नाम दूँ
तुम मेरे क्या हो
ये कैसे मैं बता दूँ

9 टिप्‍पणियां:

  1. तुम्हें तुमसे मिला दूँ
    अपनी अंखियों में
    तेरा अक्स दिखा दूँ

    सुंदर भावपूर्ण रचना लिखी है आपने

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  2. सर्वस्व समर्पण का सुमधुर भाव सुंदर शब्दों में संकलित.

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  3. सच है एक नाम देकर एक दायरा सा बंध सा जाता है।
    आओ मेरे ..............
    तुम्हें क्या नाम दूँ
    तुम मेरे क्या हो
    ये कैसे मैं बता दूँ

    बहुत ही सुंदर भाव ।

    जवाब देंहटाएं
  4. sach bahut hi achcha likha hai aapne ...... koi naam na de kar koi rishta kayam na kar ke sab kuch bana lena kisi ko ... bahut sunder

    जवाब देंहटाएं
  5. आओ मेरे ..............
    तुम्हें क्या नाम दूँ
    तुम मेरे क्या हो
    ये कैसे मैं बता दूँ

    need to say any words.... very good writing . class of its own..
    badhai

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