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गुरुवार, 20 अगस्त 2009

इक अनाथ का दर्द

मैं अनाथ हूँ तो क्या
मुझे न मिलेगा प्यार कभी
किसी की आँख का तारा
क्या कभी बन पाऊंगा
किसी के घर आँगन में
फूल बन मह्कूंगा कभी


ओ दुनिया वालों
मैं भी तो इक बच्चा हूँ
माना तुम्हारा खून नही हूँ
न ही संस्कार तुम्हारे हैं
फिर भी हर बाल सुलभ
चेष्टाएं तो हैं मेरी भी वही
क्या संस्कार ही बच्चे को
माँ की गोद दिलाते हैं
क्या खून ही बच्चे को
पिता का नाम दिलाता है
क्या हर रिश्ता केवल
खून और संस्कार बनाता है

तुम तो सभ्य समाज के
सभ्य इंसान हो
फिर क्यूँ नही
मेरी पीड़ा समझ पाते हो
मैं भी तरसता हूँ
माँ की लोरी सुनने को
मैं भी मचलना चाहता हूँपिता की ऊँगली पकड़
मैं भी चलना चाहता हूँ
क्या दूसरे का बच्चा हूँ
इसीलिए मैं बच्चा नही
यदि खून की ही बात है तो
खुदा ने तो न फर्क किया
फिर क्यूँ तुम फर्क दिखाते हो
लाल रंग है लहू का मेरे भी
फिर भी मुझे न अपनाते हो
अगर खून और संस्कार तुम्हारे हैं
फिर क्यूँ आतंकियों का बोलबाला है
हर ओर देश में देखोआतंक का ही साम्राज्य है
अब कहो दुनिया के कर्णधारों
क्या वो खून तुम्हारा अपना नही

एक बार मेरी ओर निहारो तो सही
मुझे भी अपना बनाओ तो सही
फिर देखना तुम्हारी परवरिश से
ये फूल भी खिल जाएगा
तुम्हारे ही संस्कारों से
दुनिया को जन्नत बनाएगा
बस इक बार
हाथ बढाओ तो सही
हाथ बढाओ तो सही

25 टिप्‍पणियां:

  1. ये फूल भी खिल जाएगा, तुम्‍हारे ही संस्‍कारों से, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति, बधाई ।

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  2. बहुत ही लाजवाब, सचमुच में शब्द नहीं तारीफ के लिए

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  3. एक अच्छी और समाज को चेताने वाली रचना

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  4. vaNdanaa jee hameshaa ki tarah bahut sundar aur samajik chetanaa kaa sandesh deti kavita hai badhaai

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  5. "एक बार मेरी ओर निहारो तो सही
    मुझे भी अपना बनाओ तो सही
    फिर देखना तुम्हारी परवरिश से
    ये फूल भी खिल जाएगा
    तुम्हारे ही संस्कारों से
    दुनिया को जन्नत बनाएगा
    बस इक बार
    हाथ बढाओ तो सही
    हाथ बढाओ तो सही "

    वन्दना जी।
    इस भाव-प्रणव रचना ने मन को झकझोर कर
    रख दिया।
    इस सुन्दर कविता के लिए तो यही कह सकता हूँ-
    लाजवाब।

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  6. निराधार और निराश्रित बालको के दर्द की व्यथा को स्वयम मे समेटी आपकी कविता उस पीडा को अभिव्यक्त करती है, जिसके लिये हम सब कही ना कही जिम्मेदार है, हमारी व्यवस्था, हमारा सरकारी तन्त्र महज मूक दर्शक बनकर एक नादान बालक को हीनता और कुन्ठा के सागर मे डूबते हुये बडी खामोशी से देखता है,सैकडो बालक फूटपाथ पर जीने को आज भी मजबूर, आश्चर्य है...?

    काश आपकी कविता पूरे समाज के लिये चक्षु खोलने वाली एक मार्गदर्शिका साबित हो...

    बहुत सुन्दर भाव ...

    राकेश

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  7. बहुत व्यापक दृष्टि लिये है यह आपकी रचना.
    क्या हर रिश्ता केवल
    खून और संस्कार बनाता है
    जब रचना का दायरा बढ जाता है वह वैयक्तिक नही रहता है और यही खासियत है आपकी इस रचना मे.

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  8. दिल को छुने वाली लाजवाब रचना।

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  9. सच प्यार का हाथ बढाने की जरुरत है अपना हो या ना हो बस दुलारने की जरुरत है फिर देखो ऐ दुनिया वालो ये दुनिया कितनी खूबसूरत है।
    सच अच्छे शब्दों, सुन्दर भावों से अपनी बात कह दी। शुक्रिया इस विषय पर लिखने के लिए।

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  10. एक बार मेरी ओर निहारो तो सही
    मुझे भी अपना बनाओ तो सही
    फिर देखना तुम्हारी परवरिश से
    ये फूल भी खिल जाएगा
    तुम्हारे ही संस्कारों से
    दुनिया को जन्नत बनाएगा
    बस इक बार
    हाथ बढाओ तो सही
    हाथ बढाओ तो सही

    bahut sahi kaha apne badhai!!

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  11. आपकी रचनाएँ पढने को बार बार दिल करता है ... खुबसूरत रचना के लिए एक बार फिर मुबारक बाद कुबूल करें...

    प्रमोद कुश 'तनहा'

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  12. अच्छा सन्देश दे रही है आपकी रचना.... बधाई

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  13. फिर देखना तुम्हारी परवरिश से
    ये फूल भी खिल जाएगा
    तुम्हारे ही संस्कारों से
    दुनिया को जन्नत बनाएगा

    मर्मस्पर्शी रचना .....समाज को एक सन्देश देती हुई .......!!

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  14. वंदना जी बहुत ही मार्मिक और संवेदन शील कविता है जीवन के एक कड़वे सच को जिस तरह आप ने रखा है अद्भुद है ...
    सादर
    प्रवीण पथिक
    9971969084

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  15. बेहद भाव स्पर्शी रचना ! काश ये दर्द कोई समझ पाए!

    http://shamasansmaran.blogspot.com

    http://kavitasbyshama.blogspot.com

    http://baagwaanee-thelightbyalonelypath.blogspot.com

    http://shama-kahanee.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  16. ek anath ka dard too hindu banega na musalman banega insan ki aulad hey insan banega bahut marmik rachna KASSH HUM KUCHH TO SOCHEY INN KE LIYE ASHOK KHATRI BAYANA RAJASTHAN

    जवाब देंहटाएं
  17. ek anath ka dard too hindu banega na musalman banega insan ki aulad hey insan banega bahut marmik rachna KASSH HUM KUCHH TO SOCHEY INN KE LIYE ASHOK KHATRI BAYANA RAJASTHAN

    जवाब देंहटाएं
  18. वन्दना जी आपको धन्यवाद दिल से

    जवाब देंहटाएं

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