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सोमवार, 12 जुलाई 2010

यही तो अमर प्रेम है ………………है ना

दोस्तों , 

आज की पोस्ट में हम सबकी साथी कुसुम ठाकुर जी को समर्पित कर रही हूँ क्यूंकि आज उनका जन्मदिन है और कल उनकी शादी की सालगिरह ..........इसमें उनके भावों को शब्दों में पिरोने की कोशिश कर रही हूँ और उनकी उस महान भावना के आगे नतमस्तक हूँ ..........शायद यही तो अमर प्रेम होता है ............ये सिर्फ एक कोशिश है मगर शायद अभी भी काफी कुछ अधूरा रह गया हो तो उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ क्यूंकि जितना उनको समझा है और जाना है उसी आधार पर ये लिखने का प्रयत्न कर रही हूँ .........

तुम्हें याद है
कल हमारे
वैवाहिक बँधन
में वक़्त एक
और यादों की
लकीर छोड़ रहा है
कल का दिन
तुम्हारे और मेरे
जीवन का अनमोल दिन
हमारा बँधन
शरीरों  का तो
रहा ही नहीं
आत्मिक बँधन
कब किसी
बँधन को
स्वीकारते हैं
आज तुम
मेरे पास नहीं
वहाँ जा चुके हो
जहाँ से कोई आता नहीं
सब यही कहते हैं
क्या  हमारा
बँधन शरीरों
का था
नहीं ना
क्या तुम
मेरे पास नही
मुझे तो तुम
कभी
दूर दिखे ही नहीं
हर पल
मेरे साथ ही
तो होते हो
मेरी साँसों
में बसते हो
मेरे दिल में
धड़कन बन
धड़कते हो
मेरे रोम- रोम में
तुम्हारा ही तो
अक्स झलकता है
देखो मैं
आज भी वैसे ही
वर्षगाँठ मानती हूँ
क्यूँकि तुम
मेरे साथ हो
मेरे पास हो
मैं तो आज भी
तुम्हारे लिए ही
सँवरती हूँ
जैसा तुम चाहते थे
मुझे हमेशा
इन्द्रधनुषी
रंगों सा
खिला - खिला देखना
और मैं तुम्हारे
रंगों में रंगी
आज भी प्रीत की
रंगोली सजाती हूँ
आत्मिक बँधन को
वो क्या जाने
जो कभी
शरीर से ऊपर
उठे ही नहीं
देखो अब
मुझे कल का
इंतज़ार है
जैसे हमेशा
होता था
जब तुम और मैं
एक साथ
मोहब्बत की
रस्म निभाएंगे
शायद तुम्हें भी
उसी लम्हे का
इंतज़ार होगा
है ना................

28 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरती से भावों को समेटा है...कुसुम जी कि जीवन्तता को नमन...
    और उनको मेरी शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  2. वंदना जी ..आँखे गीली हो गईं ..
    कुसुम जी को जन्मदिन की ढेरों बधाई ..और क्या कहूँ .कुसुम जी की भावनाओं को नमन..

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही प्यारी कविता है ...
    सच जो ह्रदय में बसा हो...कहाँ दूर जा सकता है...
    कुसुम जी को जन्मदिन की ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  4. कुसुम तुम्हारे लिए
    छलक आया रचना में प्यार!
    जन्म-दिवस का
    इससे सुन्दर क्या होगा उपहार!!

    जवाब देंहटाएं
  5. वंदना जी, आपके शब्‍दों में कुसुम जी की भावना पढ़कर एक पुराना गीत याद आ गया-
    बनवारी रे जीने का सहारा तेरा नाम रे,
    दुनिया वालों से मुझे क्‍या काम रे।

    कुसुम जी की जीवटता को मेरा सलाम। जन्‍मदिन और विवाह वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  6. वंदना जी, आपके शब्‍दों में कुसुम जी की भावना पढ़कर एक पुराना गीत याद आ गया-
    बनवारी रे जीने का सहारा तेरा नाम रे,
    दुनिया वालों से मुझे क्‍या काम रे।

    कुसुम जी की जीवटता को मेरा सलाम। जन्‍मदिन और विवाह वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  7. कुसुम जी को बधाई ।
    रचना अवसरानुकूल ।
    प्रशंसनीय ।

    जवाब देंहटाएं
  8. Vandana,aankhen nam ho gayin...tumhare aur kusum ji ke jazbe ko naman.
    Unhen anek shubhkamnayen dena!

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
    फूलों से भी सुन्दर भेंट ये हृदयोद्गार हैं आपके - इसी के साथ एक पुष्प हमारी शुभकामनाओं का भी - बधाइयों सहित और जीवन्तता के सम्मान सहित,

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत खूबसूरती से भावों को समेटा है...कुसुम जी कि जीवन्तता को नमन...
    और उनको मेरी शुभकामना

    जवाब देंहटाएं
  11. कुसुम जी की लेखनी और आपकी भावनाओं को नमन...

    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत ही सुंदर रचना .. कुसुम जी को जन्‍म दिन और वैवाहिक वर्षगांठ की शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  13. मंगलवार 13 जुलाई को आपकी रचना ... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है आभार

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  14. कुछ इसी तरह के सम्मान से दुनिया अपनी लगने लगती है. वंदना जी आपका आभार इस श्रेष्ठ भावना के लिए.
    कुसुमजी आपको शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  15. जीवंत कविता ए़क जीवंत व्यक्तित्व के लिए ! कुसुम जी हो जन्मदिन की हार्दिक शुभकामना !

    जवाब देंहटाएं
  16. ह्रदय में बसा हो वह कभी दूर नहीं होता ...प्रकृति के नियमों से भी ...
    कुसुम जी को जन्मदिन की शुभकामनायें

    आपकी संवेदनशीलता को नमन ..!

    जवाब देंहटाएं
  17. ह्रदय में बसा हो वह कभी दूर नहीं होता ...प्रकृति के नियमों से भी ...
    कुसुम जी को जन्मदिन की शुभकामनायें

    आपकी संवेदनशीलता को नमन ..!

    जवाब देंहटाएं
  18. कुसुम जी को बधाई ।

    वंदना जी, बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !

    जवाब देंहटाएं
  19. जिस के हृदय में आत्‍मीय पावन प्रेम बसा हो, ऐसे व्‍यक्तित्‍व को नमन। उनके जन्‍मदिन को नमन।

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  20. नमस्कार...
    कुसुम जी को मैंने आपकी पोस्ट के द्वारा ही जाना है...और यह कविता उनसे आपका लगाव स्पष्ट बयां कर रही है... तो जिसके संग आपका आत्मिक प्यार हो उसके जन्मदिवस और विवाह दिवस की वर्षगाँठ पर आपका यह कविता लिखना स्वाभाविक ही है... इस अवसर पेर मेरी हार्दिक बढ़ायी स्वीकार करें....

    दीपक...

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  21. वंदना ऐसी मित्र मिले यह बहुत किस्मत की बात है ..........आप सभी मित्रों का स्नेह देख मैं भाव विभोर हो गयी......शब्दों में बयां करना नामुमकिन है .......यह यादगार जन्मदिन और जन्मदिन का तौहफा मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती ......सभी मित्रों को बहुत बहुत धन्यवाद !!

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  22. Vandana ji,

    You beautifully expressed your sentiments for her.

    Belated birthday wishes and marriage anniversary.

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  23. बेहद सुंदर प्रस्तुति..वंदना जी सुंदर भावनात्मक रचना के लिए बधाई..साथ ही साथ कुसुम जी को भी बधाई

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया