मेरा चाँद आ जाता है फिर
और क्या हसरत रही बाकी
हर हसरत को पंख मिल जाते हैं
परवाज़ बेलगाम हो जाती है
जब मोहब्बत रुहानी होती हैपरवाज़ बेलगाम हो जाती है
तब बिना कहे बात होती है
मेरा चाँद बिना बोले सब सुनता है
और एक बोसा रूह पर रखता है
उसकी प्रीत दीवानी सहेज लेती है
उसके प्रेम की तपिश को आगोश मे
उसके प्रेम की चाँदनी मे नहा लेती है
और प्रेम के हर रंग को पा लेती है
बताओ
अब कौन सी हसरत रही बाकी?
जब चाँद जमीं पर उतर आया हो
मेरा चाँद मुझमे ही नज़र आया हो
आज करवा चौथ है.. चाँद के बहाने प्रेम की पूजा.. भारतीय संस्कृति में प्रेम का अर्थ पति है.. अर्थात पति की पूजा.. दाम्पत्य जीवन में तमाम जह्न्झावातों के बीच प्रेम को पुनर्जीवित करने, स्वयं को समर्पित करने का त्यौहार ही होता है यह.. ऐसे में आज आपकी चाँद के बहाने कही गई कविता पति पत्नी के बीच के प्रेम को नया आयाम, नया अर्थ, नया क्षितिज दे रही है.. बहुत सुंदर... अदभुद !
जवाब देंहटाएंलाजवाब रचना...आज के पावन पर्व पर सटीक कविता...वाह...
जवाब देंहटाएंनीरज
सुहागिन का श्रंगार है ,
जवाब देंहटाएंप्रियतम का इंतजार है ,
करवा चौथ के त्योंहार पर
बहुत अच्छा लिखा है.......वन्दना जी
बहुत ही प्यारी और ख़ूबसूरत सी रचना है...
जवाब देंहटाएंइतने अच्छे लेखन के लिए बधाई स्वीकार करें...
करवा चौथ की भी शुभकामनाएं
मेरे ब्लॉग पर इस बार
अग्निपरीक्षा ....
लाजवाब... बहुत सुंदर... :)
जवाब देंहटाएंपर्व को सटीकता प्रदान करती कविता।
जवाब देंहटाएंचांद और प्रेम!.....शायद दुनिया में पहली कविता ने इसी भाव से प्रेरित हो कर जन्म लिया होगा!... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति!...धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवंदन जी!
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ के 'पावन पर्व' पर दाम्पत्य, ...नहीं नहीं सुखी और संतुष्ट दांपत्य जीवन का रहस्य खोलती एक ऐसी रचना जो जीवन में बहार ला दे. खुशियों की बहार, मधुमामास की नूतन एक नयी सौगात लादे, ऐसी तथ्यपरकता और दीप स्तम्भ बनने योग्य सम सामयिक रचना जिसकी टूटते जीवन और बिखरते दाम्पत्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, ....अनिवार्य्रूप से आवश्यक है. मै चाहुगा इस देश की महिलाए इसे पढ़े, कुछ गुने, कुछ तो अपनाए...जीवन स्वर्ग बन जाएगा. पति बड़ा भावुक प्रेमी होता है उसे मानना बहुत ही सरल है. ....काश आज सभी का दाम्पत्य सुखमय हो जाता.....बधाई ..मैं लेक्चर नहीं दे रहा अपनी बात कहने से रोक नहीं पाया खुद को ....साधुवाद धेरसारी बधाइयां आज के व्रत की......
वंदन जी!
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ के 'पावन पर्व' पर दाम्पत्य, ...नहीं नहीं सुखी और संतुष्ट दांपत्य जीवन का रहस्य खोलती एक ऐसी रचना जो जीवन में बहार ला दे. खुशियों की बहार, मधुमामास की नूतन एक नयी सौगात लादे, ऐसी तथ्यपरकता और दीप स्तम्भ बनने योग्य सम सामयिक रचना जिसकी टूटते जीवन और बिखरते दाम्पत्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, ....अनिवार्य्रूप से आवश्यक है. मै चाहुगा इस देश की महिलाए इसे पढ़े, कुछ गुने, कुछ तो अपनाए...जीवन स्वर्ग बन जाएगा. पति बड़ा भावुक प्रेमी होता है उसे मानना बहुत ही सरल है. ....काश आज सभी का दाम्पत्य सुखमय हो जाता.....बधाई ..मैं लेक्चर नहीं दे रहा अपनी बात कहने से रोक नहीं पाया खुद को ....साधुवाद धेरसारी बधाइयां आज के व्रत की......
bahut sundar vandanaji badhai
जवाब देंहटाएंvery nice post
जवाब देंहटाएंकरवाँ चैथ के दिन चाँद की बात
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी अभिव्यति
सामयिक रचना
chaand khud mein nazar aaya ... kya baat hai !
जवाब देंहटाएंuttam din par uttam rachna
जवाब देंहटाएंhttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
uttam din par uttam rachna
जवाब देंहटाएंhttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
बहुत ही उम्दा ... आज दिल के भाव बहुत अच्छे से शब्दों में उतर रहे
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ पर सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
आपकी पोल्ट को बुधवार के
चर्चा मंच पर लगा दिया है!
http://charchamanch.blogspot.com/
करवाचौथ के सार्थक भाव को प्रस्तुत कर दिया ।
जवाब देंहटाएंप्रेम पूर्ण अहसासों की बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर
डोरोथी.
बहुत खूब...लाजवाब
जवाब देंहटाएंबेहद प्यारी सी रचना...खासकर करवा चौथ के अवसर के अनुकूल.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनाएं,करवा चौथ की.
बहुत सुंदर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंपावन पर्व पर सटीक रचना
जवाब देंहटाएंso sweeeet......
जवाब देंहटाएं:)
करवा चौथ के मौके पर इस कविता का स्वाद बढ़ गया.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन है.
कुँवर कुसुमेश
खूबसूरत अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंसचमुच ,और क्या चाहिए फिर...
भावपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति...
शानदार रचना के लिए बधाई ....
जवाब देंहटाएंइस करवाचौथ पर एकदम सटीक ....
धन्यवाद ......
http://nithallekimazlis.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंसटीक कविता इस पर्व पर थी .....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ..........
बढ़िया..बेहतरीन रचना...बधाई वंदना जी सुंदर प्रस्तुति के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत प्रेमपगी अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंkhoobsurat rachna Vandana ji....
जवाब देंहटाएंkya hua kya koi gustaakhi ho gayi hum se...kaafi din ho gaye hain, aapke mubaaraq qadam hamaare dar pe nahi aaye hain!!
intezaar rehta hai haesha aapka humein!
सटीक और लाजवाब
जवाब देंहटाएं