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गुरुवार, 10 मार्च 2011

इक प्यास कायम रखता है

अरे क्या करेंगे जानकर
कितना जानेगे किसी को
क्या पूरा जान सकते हैं ?
कभी नहीं ..........
तो अच्छा है
confuse ही रहें
कुछ तो बचा रहेगा
अन्जाना सा
और अनजानेपन की
सौंधी मिटटी में  भी
बहुत से ख्वाब
छुपे होते हैं
और उन ख्वाबों की
धरती बहुत नम होती है
ऊंगली से छुयो तो भी
निशाँ पड़ जाते हैं
तो ऐसे में कहो
क्या करेंगे किसी को
पूरा जानकर
फिर इस अनजानेपन की
महक कैसे ले पाएंगे
रहने दो कुछ तो
अधूरा सा
अधूरापन भी
इक प्यास कायम रखता है

34 टिप्‍पणियां:

  1. कंफ्यूज़न में भी सुख है :):) बढ़िया प्रस्तुति

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  2. अरे क्या करेंगे जानकर
    कितना जानेगे किसी को
    क्या पूरा जान सकते हैं ?
    कभी नहीं ..........
    आपने बिल्कुल सही फरमाया है!
    पूरा जानने में जीवन, सदियाँ और युग गुजर जाते हैं,
    तब भी हम किसा के बारे में पूरा नही जान पाते!

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  3. रहने दो कुछ तो ...बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  4. अधूरापन भी
    इक प्यास कायम रखता है

    बिलकुल सही, ...बढ़िया अभिव्यक्ति

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  5. bahut mushkil hai kisi ko janna... poora janna to namumkin ...
    yun hi chalo, safar kat hi jayega

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  6. "अधूरापन भी
    एक प्यास कायम रखता है."
    कैसी अनोखी और अदभुत प्यास है अधूरेपन की भी ,जो पूरा होने को प्रेरित करती है.लेकिन 'confusion' न डालो please
    वंदना जी .

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  7. रहने दो कुछ तो
    अधूरा सा
    अधूरापन भी
    इक प्यास कायम रखता है

    सही कहा आपने!

    सादर

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  8. "फिर इस अनजानेपन की
    महक कैसे ले पायेंगे..
    ****************
    ***************
    अधूरापन भी
    इक प्यास कायम रखता है "

    बहुत सुन्दर भाव.......
    मत बुझाओ प्यास मेरी , प्यास मेरी जिन्दगी है
    प्यास में विश्वास है ,विश्वास मेरी जिंदगी है

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  9. अच्‍छी रचना।
    सच कहा, पूरा जान लेने के बाद उत्‍सुकता खत्‍म हो जाती है इसलिए कुछ अधूरा ही रहना चाहिए।

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  10. वंदना जी,

    बहुत सुन्दर......बहुत सही कहा है आपने......कुछ दूरी बहुत ज़रूरी है|

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  11. प्यास अर्थात कुछ पाने की चाहत ! बढ़िया कविता !!

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  12. बहुत से ख्वाब
    छुपे होते हैं
    और उन ख्वाबों की
    धरती बहुत नम होती है
    ऊंगली से छुयो तो भी
    निशाँ पड़ जाते हैं


    सच कहा है ..पर इन्हें संभालना इतना आसन भी तो नहीं ..इसलिए एक प्यास बनी रहती है

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  13. हम खुद को ही नहीं जान पाते पूरा , तो दूसरे को पूरा जानने की कोशिश करने से बेहतर थोड़े अनजानेपन के साथ ख्वाब लिए हुए किसी को समझना है । वाह ! क्या बात है ! अति सुंदर !!!

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  14. एक प्यास कायम रहे....उम्दा सोच.

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  15. रहने दो कुछ तो
    अधूरा सा
    अधूरापन भी
    इक प्यास कायम रखता है
    सुन्दर रचना बधाई

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  16. बढ़िया अभिव्यक्ति|धन्यवाद|

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  17. आदमी को पहचानना तो आजकल वाकई मुश्किल है.

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  18. वाह बहुत उम्दा लिखा और सही बात भी है ...अधूरापन इक प्यास कायम रखता है... सुन्दर

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  19. रहने दो कुछ तो
    अधूरा सा
    अधूरापन भी
    इक प्यास कायम रखता है
    सुन्दर रचना बधाई

    बहुत खूब .........

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  20. ये अनूठे भाव..अब अनजाने ना रहे.. :)

    उत्कृष्ट रचना..

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  21. शायद यह उस भटकी प्यास का अहसास है जो प्रेरणा बन कर उत्प्रेरित करता है !
    मन को छू गई यह अभिव्यक्ति !
    आभार !

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  22. रहने दो कुछ तो
    अधूरा सा
    अधूरापन भी
    इक प्यास कायम रखता है

    इस अधूरेपन की तलाश का नाम ज़िंदगी है।

    मन पर प्रभाव छोड़ती हुई कविता।

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  23. very nice maidam....maine aapki kucchh rachnae [adhi bhut hi gehri vhabnaye hai aapki...plz joine me...

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  24. कभी कभी अधूरा भी पूर्णता का अहसास करा देता है ।
    जैसे प्रीत का तो हर शब्द ही अधूरा है ,
    होली की शुभकामनाये !!!!!

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