कहाँ है लोकतंत्र?
क्या ऐसा होता है लोकतंत्र?
क्यों खुद को भरमा रहे हो
अब आगे आना होगा
सरकार को दिखाना होगा
अपने वर्चस्व के लिये लडना होगा
देखते जाओ अब ये चिंगारी क्रांति बन भडकेगी
सरकार के हर भ्रष्टाचारी को जकडेगी
अब मशाल जला लेना
मगर ना इसे बुझने देना
एक अन्ना पकडा जाये चाहे
तुम 121 करोड अन्ना पैदा कर देना
मगर अब ना इसे बुझने देना
सरकार को बता देना
लोकतंत्र की परिभाषा सिखा देना
मगर इस बार ना तुम चुप होना
इंकलाब लाकर रहना
ये देश तुम्हारा है
सरकार को बता देना
उसे भी आईना दिखा देना
अब ना लूट खसोट चलेगी
पाप का घडा फ़ूट कर रहेगा
जनता का ही राज रहेगा
ये हमे दिखलाना है
मुट्ठी की ताकत बतलाना है
जो चिंगारी जलाई आज
मगर अब ना इसे बुझने देना
अब सिर्फ़ यही कहना
भ्रष्ट सरकार से नाता तोडो
देश को एकसूत्र मे जोडो
कांग्रेस सत्ता छोडो
लोकतंत्र का गला ना घोंटो
क्या ऐसा होता है लोकतंत्र?
क्यों खुद को भरमा रहे हो
अब आगे आना होगा
सरकार को दिखाना होगा
अपने वर्चस्व के लिये लडना होगा
देखते जाओ अब ये चिंगारी क्रांति बन भडकेगी
सरकार के हर भ्रष्टाचारी को जकडेगी
अब मशाल जला लेना
मगर ना इसे बुझने देना
एक अन्ना पकडा जाये चाहे
तुम 121 करोड अन्ना पैदा कर देना
मगर अब ना इसे बुझने देना
सरकार को बता देना
लोकतंत्र की परिभाषा सिखा देना
मगर इस बार ना तुम चुप होना
इंकलाब लाकर रहना
ये देश तुम्हारा है
सरकार को बता देना
उसे भी आईना दिखा देना
अब ना लूट खसोट चलेगी
पाप का घडा फ़ूट कर रहेगा
जनता का ही राज रहेगा
ये हमे दिखलाना है
मुट्ठी की ताकत बतलाना है
जो चिंगारी जलाई आज
मगर अब ना इसे बुझने देना
अब सिर्फ़ यही कहना
भ्रष्ट सरकार से नाता तोडो
देश को एकसूत्र मे जोडो
कांग्रेस सत्ता छोडो
लोकतंत्र का गला ना घोंटो
समसामयिक कविता.. कांग्रेस का ऐसा इतिहास रहा है...
जवाब देंहटाएंआपने बिल्कुल सही कहा वंदना जी लेकिन कई लोग अब भी हैं जो इसे देश से नहीं अपनी राजनीति से जोड़ रहे हैं मेरा उनसे सविनय निवेदन है...
जवाब देंहटाएंयहाँ मुद्दा कांग्रेस या किसी पार्टी से क्यूँ जोड़ा जा रहा है भ्रष्टाचार तो सबके सामने है सबको दिख रहा है कितन मुह फेला रहा है अन्ना ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई क्या वो गलत हैं क्या आप भी नहीं चाहते देश से भ्रष्टाचार ख़त्म हो अगर नहीं चाहते तो फिर आप इस देश की तरक्की में रुकावट हैं...यहाँ लोगों के नाम या पार्टी के नाम से मुद्दे को ना जोडीये तो ही अच्छा है मुद्दा भ्रष्टाचार का है किसी पार्टी या किसी नाम से संबधित नहीं देश से संबधित है वो देश जिसमे आप रहते हैं...
सार्थक और सुन्दर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंबेहद सटीक एवं सार्थक लेखन ...आभार ।
जवाब देंहटाएंसटीक और सार्थक लेखन ... फिलहाल कॉंग्रेस सरकार सत्ता में है और लोकतंत्र का गला भी घोट रही है तो इसी को कहा जायेगा ..तानाशाशी कर रखी है सरकार ने ..
जवाब देंहटाएंकहाँ है लोकतंत्र?
जवाब देंहटाएंक्या ऐसा होता है लोकतंत्र?
क्यों खुद को भरमा रहे हो
अब आगे आना होगा
सरकार को दिखाना होगा
आज के हालात को सही शब्द देती हुई जोश भरी कविता !
sarthak chintan karti rachna...
जवाब देंहटाएंbadhai.
Vandana ji , aapne apnee is kavita
जवाब देंहटाएंmein achchha sandesh diyaa hai .
Desh kee unnti ke liye is bhrasht
sarkar ko jaanaa hee hogaa -
Congress satta chhodo
loktantra kaa galaa n ghonto
भ्रष्ट सरकार से नाता तोडो
जवाब देंहटाएंदेश को एकसूत्र मे जोडो
कांग्रेस सत्ता छोडो
लोकतंत्र का गला ना घोंटो/
yatharth ko bataati hui saarthak post.aaj ke halaat ke liye satic rachanaa.bahut badiyaa likhaa aapne.badhaai aapko.
सच को प्रतिबिम्बित करती बेहतरीन रचना...
जवाब देंहटाएंvery well said.
जवाब देंहटाएंसटीक और सार्थक लेखन ...
जवाब देंहटाएंटिप्पणी में देखिए मरे चार दोहे-
जवाब देंहटाएंअपना भारतवर्ष है, गाँधी जी का देश।
सत्य-अहिंसा का यहाँ, बना रहे परिवेश।१।
शासन में जब बढ़ गया, ज्यादा भ्रष्टाचार।
तब अन्ना ने ले लिया, गाँधी का अवतार।२।
गांधी टोपी देखकर, सहम गये सरदार।
अन्ना के आगे झुकी, अभिमानी सरकार।३।
साम-दाम औ’ दण्ड की, हुई करारी हार।
सत्याग्रह के सामने, डाल दिये हथियार।४।
vandna ji
जवाब देंहटाएंbahut hi badhiya ya kahun to ek bahut hi behtreen josh bhar dene wali rachna bahut hi pasand aai
bahut hi shandaar tareeke se aapne desh ke logon ko lalkara hai .iswar karen iski gunj jan -jan tak pahunche.
dhanyvaad
bahut bahut badhi
poonam
कल-शनिवार 20 अगस्त 2011 को आपकी किसी पोस्ट की चर्चा नयी-पुरानी हलचल पर है |कृपया अवश्य पधारें.आभार.
जवाब देंहटाएंसही कहा है आपने ! उम्दा रचना !सुन्दर प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
इस दुर्योधन की सेना में सब शकुनी हैं ,एक भी सेना पति भीष्म पितामह नहीं हैं ,शूपर्ण -खा है ,मंद मति बालक है जिसे भावी प्रधान मंत्री बतलाया समझाया जा रहा है .एक भी कृपा -चारी नहीं हैं काले कोट वाले फरेबी हैं जिन्होनें संसद को अदालत में बदल दिया है ,तर्क और तकरार से सुलझाना चाहतें हैं ये मुद्दे .एक अरुणा राय आ गईं हैं शकुनियों के राज में ,ये "मम्मीजी" की अनुगामी हैं इसीलिए सरकारी और जन लोक पाल दोनों बिलों की खिल्ली उड़ा रहीं हैं ,बधाई कृष्णा ,जन्म दिवस मुबारक कृष्णा ...... ram ram bhai
जवाब देंहटाएंशनिवार, २० अगस्त २०११
कुर्सी के लिए किसी की भी बली ले सकती है सरकार ....
स्टेंडिंग कमेटी में चारा खोर लालू और संसद में पैसा बंटवाने के आरोपी गुब्बारे नुमा चेहरे वाले अमर सिंह को लाकर सरकार ने अपनी मनसा साफ़ कर दी है ,सरकार जन लोकपाल बिल नहीं लायेगी .छल बल से बन्दूक इन दो मूढ़ -धन्य लोगों के कंधे पर रखकर गोली चलायेगी .सेंकडों हज़ारों लोगों की बलि ले सकती है यह सरकार मन मोहनिया ,सोनियावी ,अपनी कुर्सी बचाने की खातिर ,अन्ना मारे जायेंगे सब ।
क्योंकि इन दिनों -
"राष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,महाराष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,
मनमोहन दिल हाथ पे रख्खो ,आपकी साँसे अन्नाजी .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
Saturday, August 20, 2011
प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं .....
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/