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सोमवार, 22 अगस्त 2011

मेरे ह्रदय मे जनम तुम लो ना




आओ मोहना मनमोहना
मेरे ह्रदय मे जनम तुम लो ना-2-

श्याम सोहना बाँका मोहना
बाँकी छवि इक बार दिखलाओ ना-2-


मुरली बजाओ ना रास रचाओ ना
अपनी राधा मुझे भी बनाओ ना-2-


श्याम आओ ना प्रीत बढाओ ना
मेरा मनरूपी माखन चुराओ ना-2-


हाथ बढाओ ना गले लगाओ ना
प्यारे मुझको भी अपना बनाओ ना-2-


प्यास बुझाओ ना तृष्णा मिटाओ ना
मेरी प्रीत को सफ़ल बनाओ ना-2-

20 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर अभिवयक्ति.

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  2. सुंदर रचना .. जन्‍माष्‍टमी की बधाई !!

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  3. बहुत सुंदर भाव
    ष्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं।

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  4. आपके अंदर हैं माधव वंदना जी ! मैंने देखा है ना आपको इतने हंसमुख इतने मिलनसार इतने सहज...वो तो है आपके अंदर !

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  5. सुन्दर/सामयिक/मधुर अभिव्यक्ति.
    जन्माष्टमी की शुभकामनाएं.

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  6. बहुत सुन्दर भक्तिमय भाव..जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

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  8. कृष्ण के निश्छल प्रेम का आह्वान करती लाजवाब रचना ....

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  9. bahut sunder bhav liye ,dil ko choonewaali jamaashtami ke awsar per bhaktimay prarthanaa.aapki sunder prastuti ke liye aapko bahut badhaai.
    /मेरी पोस्ट पर आने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद /मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है /आभार /




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    http://prernaargal.blogspot.com/

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  10. shyam सुन्दर की मोहिनी से कौन बच पाया है .बहुत सुन्दर प्रस्तुति .आभार
    ARE YOU READY FOR BLOG PAHELI -2

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  11. कान्हा की प्रेम-भक्ति के रस से सराबोर मधुर और पावन रचना.

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  12. बहुत सुन्दर रचना , सार्थक सृजन , बधाई

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  13. बहुत प्यार से किया गया इसरार ..सुन्दर प्रस्तुति

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया