उम्र की दराज खोलकर जो देखी
उम्र ही वहाँ जमींदोज़ मिली
सिर्फ़ एक लम्हा था रुका हुआ
जिसके सीने मे था कैद
ज़िन्दगी का वो सफ़ा
जहाँ मोहब्बत ने मोहब्बत को
जीया था कुछ लम्हा
उसके बाद ना उसके पहले
उम्र का ना कोई निशाँ मिला
ये हुआ सौदा उम्र का मोहब्बत से
जिसमे उम्र रुकी भी तो
सिर्फ़ मोहब्बत की दहलीज तक
शायद तभी पक्के सौदे घाटे के नही होते……
खूबसूरत भावों का सुन्दर अंकन!
जवाब देंहटाएंसशक्त और प्रभावशाली रचना|
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत अहसासों से सजी उम्र और मुहब्बत की दास्तान...सचमुच उम्र का वही लम्हा यादों में ताजा रह जाता है जिसमें दिल झुक गया हो मुहब्बत की दहलीज पर...
जवाब देंहटाएंसही कह रही हैं अनिता जी जिस पल मोहब्बत को जी लिया उसका एक घूंट पी लिया बस वो ही जीना तो वास्तव मे जीना हुआ।
हटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंक्या कहने
"उम्र की दराज" - बहुत सुन्दर शब्द प्रयोग
जवाब देंहटाएंdarasal mein mohabbat mein saude hee nahee hote
जवाब देंहटाएंumr ke har padaav mein premee dil-o-dimaag mein saath hote
सच है.
जवाब देंहटाएंhmm कुछ सौदों में घाटे और लाभ का सोचना ही नहीं चाहिए...बढ़िया रचना.
जवाब देंहटाएंआज कविता पर कोई टिप्पड़ी नहीं आज तो वंदना जी से डांट खानी है मुझे ...पता है कित्ते दिन बाद आया हूँ यहाँ
जवाब देंहटाएंदेख लो वंदना जी अगर आपने कुछ कहा नहीं तो झगरा हो जायेगा पक्का
एक बात पक्की है की अब आता रहूँगा !!
जब आपने कह ही दिया है आनन्द जी तो फिर झगडा कैसा?
हटाएंजिंदगी का वो सफ़ा
जवाब देंहटाएंजहाँ मोहब्बत ने मोहब्बत को
जिया था कुछ लम्हा उसके बाद न उसके पहले
उम्र का कोई निशाँ मिला
...
कैसे रोकूँ खुद को टिप्पड़ी करने से वाह !
पता नही जहाँ भी मोहब्बत कि बात होती है में अनायास ही पहुँच जाता हूँ ! :)
मोहब्बत करने वाले ही तो मोहब्बत भरे दिलों की बात समझते हैं आनन्द जी :)))
हटाएंनहीं जी कुछ पक्के सौदे भी पक्के कच्चे क्या सौदे तो सभी घटे के ही होते हैं|
जवाब देंहटाएंलेकिन सौदे के पक्के होने न होने की जांच कैसे करें जी बडी दुविधा आन खडी हुई । फ़ौरन ही शंका निवारण किया जाए ।
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह दिल से निकल कर दिल तक पहुंचने वाले शब्द । आभार दोस्त
बस एक बार दिल मे झांकिये अजय जी अगर जवाब आये तो समझियेगा सौदा घाटे का नही किया वरना तो उम्र गुजर जाती है जवाब के इंतज़ार मे………
हटाएंवाह क्या बात कही है ..बहुत खूबसूरत भाव .
जवाब देंहटाएंkafi sundar chitran kiya hai apne vandana ji very nice
जवाब देंहटाएंशायद तभी पक्के सौदे घाटे के नहीं होते ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढि़या अभिव्यक्ति ।
बेशक, पक्के सौदे घाटे के नहीं होते, सुंदर दृष्टांत..
जवाब देंहटाएंprem ko sunder shabdo mein utar diya............
जवाब देंहटाएंनिश्चित रूप से घाटे के नहीं होते , अच्छी अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंसत्य बात कही आप ने
हटाएंसच कहा, पक्के सौदे घाटे के नहीं होते।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना। गहरे भाव।
सौदा तो पक्का किया था ,
जवाब देंहटाएंवादा ही कच्चा निकला |
प्यार के चंद पलों में ही होती है पूरी ज़िंदगी ....
जवाब देंहटाएंवाह ...बढिया रचना
जवाब देंहटाएंवे पल इस उम्र के सबसे बहुमूल्य पल और जीवन के धरोहर होते हें. बहुत सुंदर लिखा.
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