जानती हूँ जीना चाहते हो तुम
एक मुकद्दस ज़िन्दगी
ख्वाबों की ज़िन्दगी
हकीकत के धरातल पर
सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे संग ………है ना
लिखना चाहते हो सारी कायनात पर
मोहब्बत का फ़लसफ़ा
अपने और मेरे नाम के साथ
हर कण मे समेट देना चाहते हो
अपनी मोहब्बत को
जहाँ तक सृष्टि है और जहाँ तक दृष्टि है
वहाँ तक हर अक्स पर उकेरना चाहते हो
एक तस्वीर , एक नाम , एक शहर मोहब्बत का
जिसकी हवा भी मोहब्बत की खुशबू से महकती हो
सांसों संग रूह में उतरती हो
जर्रे जर्रे पर एक ही नाम अंकित हो
खुदा गवाह हो उस मोहब्बत का
जहाँ कदम दर कदम
एक दुआ मोहब्बत की
उसकी दरगाह पर कलमे पढ़ती हो
फिर चाहे बहती नदी हो या
चलता बादल या रूकती जमीं
या फिर बदलती रुत
हर स्पंदन में सिर्फ और सिर्फ
मोहब्बत की आवाज़ गूंजती हो
हमारे नाम के साथ.........
है ना .........यही चाहते हो ना तुम
नहीं चाहते कुछ भी आधा अधूरा
सब पूरा चाहिए तुम्हें ............
मोहब्बत आधी अधूरी कब रही है
जब भी सुनो तुम चिड़ियों की चहचाहट
जब भी देखो तुम उन्हें छत पर
चुग्गा चुगते हुए
जब भी सुनो तुम मौन स्पंदन
समझना मोहब्बत ने दस्तक दी है
मौन भी तो बोलता है
और हम तो हमेशा मौन में ही बतियाते रहे
शब्दों से परे रहे हमारे अस्तित्व
तभी तो कायनात के जर्रे जर्रे पर
अंकित करने की है तुम्हारी हसरत
हमारी मोहब्बत को चाहते हो बनाना
सारी कायनात की सबसे सुन्दर प्रेम कहानी
सब जानती हूँ ...............
मगर शायद तुम ये नहीं जानते
ख्वाबों के गलियारों में मोहब्बत
सुकून नहीं पाती
अधूरेपन में ही पूर्ण होती है मोहब्बत की जिंदगानी
शायद तभी दूरियों में भी नजदीकियां भासती हैं
और मोहब्बत लिख देती है एक इबारत .........जुदाई की
मोहब्बत के रोजे हर किसी का नसीब नहीं होते .................है ना सनम !!!!!!!
अपूर्णता भी पूर्णता पा चुकी है अब...
जवाब देंहटाएंsahmat...bahut hi acchi kavita hai
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति .... आज शिव रात्रि तथा दयानंद बोध दिवस के अवसर पर आपको हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंवाह ..मोहब्बत के रोज़े ..क्या बिम्ब है.
जवाब देंहटाएंbahut umda prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावाभिय्यक्ति..शिव रात्रि पर हार्दिक बधाई...
जवाब देंहटाएंमोहब्बत का बहुत सुन्दर अहसास!...शिवरात्रि के पावन पर्व पर हादिक शुभ कामनाएं!
जवाब देंहटाएंसच है विरह के बिना प्रेम पूर्ण नहीं होता...
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब ... ये कमबख्त मुहब्बत जुदाई के साथ ही आती है अक्सर ... कमाल का लिखा है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंअधूरेपन में पूर्णता का एहसास ही तो मोहब्बत है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,
जवाब देंहटाएंशिवरात्रि की शुभकामनाएँ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंओम् नमः शिवाय!
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ!
मोहब्बत ... हों ना हों नसीब में , ख़्वाबों में होते हैं ... कोई बिना मोहब्बत के नहीं चलता
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रवाहमयी रचना
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंपर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
अधूरेपन में ही पूर्ण होती है मुहब्बत की जिंदगी !
जवाब देंहटाएंक्योकि मुहब्बत के रोज़े रोज़ नहीं होते !
वाह !
विरह में संयोग
जवाब देंहटाएंमुहब्बत के एहसास जैसे ही खुमार भरे जज़्बात........
जवाब देंहटाएंpyar beeraan ko gulistaan bana deta hai..pyar haiwano ko insaan bana deta hai.payr ko bhakti banakar dekho..pyar patthar ko bhee bhagwan bana deta hai...premi premika ka sanidhya prem kee sarvocchata ka ahshash nahi hone deta hai..birah se chintan apni sarvocchata ko prapat karta hai..aao dua karein kee har muhabbat ka ant milan hee ho...sadar badhayee ke sath
जवाब देंहटाएंअधूरेपन में ही पूर्ण होती मुहब्बत की कहानी....
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर रचना.
सादर.
सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंvery good and nice dear
जवाब देंहटाएंkhvabon ke galiyare me mohabbat ...............
जवाब देंहटाएंlajavab pankti hai
bahut khoob
rachana
बहुत हि सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंगहरे और सुन्दर शब्द...इस भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
मोहब्बत के रोज़े हर किसी के नाम नहीं होते .बहुत खूब .लेखनी आपकी दिनानुदिन निखार पर है .
जवाब देंहटाएंअत्तयंत सुंदर .
जवाब देंहटाएंअत्तयंत सुंदर .
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