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रविवार, 17 जून 2012

इक हसीं शाम के संग्………पुस्तक विमोचन की एक झलक

सतीश सक्सैना जी की पुस्तक "मेरे गीत" के विमोचन की कुछ झलकियाँ




सतीश जी के लिये सरप्राइज़ पैकेट
 




 आखिर
 हमने भी धरना दे ही दिया
 





सतीश सक्सैना जी की पुस्तक मेरे गीत का विमोचन
 




 आ गये आ गये…… छा गये छा गये


 मुकेश की खामोशी भी बोलती है



बार बार दिन ये आये
 …है ना मुकेश





सुनीता शानू जी अपने बेटे के साथ
 




 मेरे गीत का विमोचन



 एक शाम ब्लोगर मंडली के नाम



खामोश खामोशी और हम का विमोचन
 




 रश्मि प्रभा जी के संपादन मे मुकेश छा गया



दिल की ये आरजू थी कोई दिलरुबा मिले ……मिल गयी ना मुकेश:)
 





मुख्य अतिथि देवेन्द्र शर्मा इन्द्र ,जी सतीश जी, राजेन्द्र अग्रवाल जी ,अमिताभ जी



अपने अन्दाज़ मे




सतीश जी का भावपूर्ण स्वागत वक्तव्य
 आँखें नम कर गया




 मुस्कुराहट बेसबब तो नही



संजय भास्कर के साथ राजीव तनेजा जी
 





जो खुद बोलती है 



मुख्य अतिथि का वक्तव्य
 





ध्यान से सुनते अतिथि



सभा मे उपस्थित अतिथिगण
 





ध्यान से सुनते हुये
 





सबके अपने अपने विचार
 





अरुण जी एक बार फिर हत्थे चढ गये आँख बंद किये :)
 





अंजू के साथ
 





शहनवाज़ जी के साथ



सुन्दर शाम के सुन्दर पल
 




छा गये गुरु
 


18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा लगा जानकर .... साझा करने का आभार

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  2. आपकी प्रस्तुति का अंदाज निराला है.

    आप सब के दर्शनों से ही चित्त प्रसन्न हो गया है.

    सभी को हार्दिक बधाई,विशेषकर सतीश
    भाई को.

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  3. वंदना,

    यार तुम दिल्ली वाले खूब सारी चीजों में शिरकत कर सकते हो, लेकिन ख़ुशी इस बात की है कि तुम्हारे शिरकत करने का फायदा हमको मिल ही जाता है. ऐसा सचित्र और सजीव वर्णन कहाँ मिलता ? बस इसी तरह से हम दूर वालों की प्रतिनिधि बन कर हमें सब दिखती रहना.
    सतीश जी, रश्मि प्रभा जी और मुकेश को हार्दिक बधाई.

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  4. पुस्तक विमोचन के शानदार समारोह का बहुत बढ़िया कवरेज़ .
    लेकिन हैरान हूँ , इतने फोटो खींचे किसने !

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  5. वाह वंदना जी, बढिया कवरेज किया कार्यक्रम। चित्र में अन्ना बाबा बहुत हल्के लग रहे हैं। वैसे कार्यक्रम का लाईव राजीव जी ने कर दिया था। कौन कौन ब्लागर पहुंचा इसकी सूचना मिल गयी थी।

    बधाई

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  6. बहुत इ्च्छा होते हुए भी इस समारोह में नहीं पहुँच सका।
    चित्रों को देख कर मन आनन्दित हो गया।
    सतीश जी को अनन्त बधाइयाँ!
    कामना है कि उन का प्रबंध काव्य भी जल्दी पूरा हो और पुस्तक रूप में हम तक पहुँचे।

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  7. satishh jee ko mere geet ke prakashn par hardik badhayee...aapka chitratmak barnan , tamam badi shakshiyton se parichit karane ka andaaj behad khoobshurat hai,,,aap apne tareeke se har baat ko ekdam jeewant kar deti hin aapko aaur rashmi ko bhee hardik badhayee

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  8. कल ही पढ़ी है यह पुस्तक, कहने के लिये बहुत कुछ है...

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  9. बहुत खूब ..
    सुन्दर प्रस्तुति

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  10. वाह.... बढ़िया कवरेज की आपने तो... सबसे मिलकर अच्छा लगा...

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  11. कार्यक्रम की बढ़िया रिपोर्ट .... सुंदर चित्रों से सुसज्जित

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    सीधा प्रसारण

    केरा तबहिं न चेतिआ,
    जब ढिंग लागी बेर



    ♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥

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    ♥ शुभकामनाएं ♥
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  13. बहुत बेहतरीन रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  14. वंदना जी,
    क्षमा चाहता हूँ , आपने बताया नहीं और हम आपका यह पेज देखना भूल गए ( बुड्ढा सा...) ...
    बढ़िया रपट के लिए आभार आपका

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया