कैसा होता है स्नेह
भाई बहन का
नहीं जानती
कभी उन अहसासों से
गुजरी जो नहीं
तो कैसे जानूंगी
क्या तकरार होती है
और क्या प्यार होता है
कैसे भाई बहन के लिए
और बहन भाई के लिए
एक राखी के वचन के लिए
खुद को कुर्बान कर देते हैं
नहीं जानती
कभी गुजरी जो नहीं
इन अहसासों से
कोई भाव उमड़ता ही नहीं
कैसे उमडेगा?
जब उस स्नेह के बँधन से
मन ओत-प्रोत हुआ ही नहीं
एक उम्र गुजरती रही
साल दर साल रक्षाबंधन
आती रही जाती रही
फिर जब मेरे आँगन की फुलवारी में
दो नन्हे फूल खिले
जो रोज चहकते थे
कभी लड़ते और झगड़ते थे
तो कभी एक के दर्द पर
दूजा बेचैन हो जाता था
तब जाकर ये समझ आया
क्या होता है इस स्नेह का बँधन
बेशक आज भी
कितना लड़ झगड़ लें दोनों
मगर फिर स्नेह के अटूट बँधन में बंधा रिश्ता
अपनी ऊष्मा रखता है
खुद तो कभी जान ना पायी
खुद तो कभी जी ना पायी
मगर अब नन्हों की
खट्टी मीठी तकरारों में
कभी स्नेहमयी मुस्कुराहटों में
कभी राखी के तारों में
जी लेती हूँ एक जीवन
जान लेती हूँ मोल कच्चे तारों का
यूँ ही तो नहीं कटी थी ऊंगली कृष्ण की
यूँ ही तो नहीं बांधा था कृष्णा ने कच्चे तारों से
यूँ ही तो नहीं अम्बार लगा था साड़ियों का
यूँ ही तो नहीं लक्ष्मी ने माँगा था द्वारपाल
यूँ ही तो नहीं बलि ने कृष्ण को मुक्त किया था
आ गयी है अब ये बात समझ
क्यों इन कच्चे तारों में इतनी मजबूती होती है ..............
भाई बहन का
नहीं जानती
कभी उन अहसासों से
गुजरी जो नहीं
तो कैसे जानूंगी
क्या तकरार होती है
और क्या प्यार होता है
कैसे भाई बहन के लिए
और बहन भाई के लिए
एक राखी के वचन के लिए
खुद को कुर्बान कर देते हैं
नहीं जानती
कभी गुजरी जो नहीं
इन अहसासों से
कोई भाव उमड़ता ही नहीं
कैसे उमडेगा?
जब उस स्नेह के बँधन से
मन ओत-प्रोत हुआ ही नहीं
एक उम्र गुजरती रही
साल दर साल रक्षाबंधन
आती रही जाती रही
फिर जब मेरे आँगन की फुलवारी में
दो नन्हे फूल खिले
जो रोज चहकते थे
कभी लड़ते और झगड़ते थे
तो कभी एक के दर्द पर
दूजा बेचैन हो जाता था
तब जाकर ये समझ आया
क्या होता है इस स्नेह का बँधन
बेशक आज भी
कितना लड़ झगड़ लें दोनों
मगर फिर स्नेह के अटूट बँधन में बंधा रिश्ता
अपनी ऊष्मा रखता है
खुद तो कभी जान ना पायी
खुद तो कभी जी ना पायी
मगर अब नन्हों की
खट्टी मीठी तकरारों में
कभी स्नेहमयी मुस्कुराहटों में
कभी राखी के तारों में
जी लेती हूँ एक जीवन
जान लेती हूँ मोल कच्चे तारों का
यूँ ही तो नहीं कटी थी ऊंगली कृष्ण की
यूँ ही तो नहीं बांधा था कृष्णा ने कच्चे तारों से
यूँ ही तो नहीं अम्बार लगा था साड़ियों का
यूँ ही तो नहीं लक्ष्मी ने माँगा था द्वारपाल
यूँ ही तो नहीं बलि ने कृष्ण को मुक्त किया था
आ गयी है अब ये बात समझ
क्यों इन कच्चे तारों में इतनी मजबूती होती है ..............
भाई बहन के रिश्ते को बहुत खुबसूरत शब्दों में गढ़ा है अपने....
जवाब देंहटाएंBehtreeeeen rachna Vandana jee, lekin aap ne "yeh ehsaas pehle nahee hua" kyu likha, yeh mujhe samajh nahee aya, fir bhi ek behtreeeeen rachna k liye ABHAAAAAAR
जवाब देंहटाएंBehtreeeeeen rachna Vandana Gupta jee,
जवाब देंहटाएंहोता तो है कुछ इन धागों में असर जरुर !
जवाब देंहटाएंबहुत भावभीनी रचना..
जवाब देंहटाएंमेरे दोनों भाई - बहनों को हार्दिक बधाई
और ढेर सारी शुभकामनाये
:-)
रक्षा बंधन के अवसर पर सार्थक पोस्ट पर्व की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी सी कविता
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की शुभकामनाएं !!
बड़े ही मजबूत धागे हैं ये..
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .... !
जवाब देंहटाएंबड़ा ही मनभावन त्यौहार है यह!!
जवाब देंहटाएंबधाइयां, शुभकामनाएं।
आप से अनुमति तो नहीं ली पर आपकी पोस्ट को बुलेटिन मे शामिल जरूर किया है ... जो बुरा लगा हो तो माफ कीजिएगा !
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाये | आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, एक आध्यात्मिक बंधन :- रक्षाबंधन - ब्लॉग बुलेटिन, के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
भावमय करती प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआपको इस स्नेहिल पर्व की अनंत शुभकामनाएं
बहुत सुंदर प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंआपको और आपके आँगन के दोनों फूलों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएं:)
सुंदर प्रस्तुति,रक्षाबंधन की शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंश्रावणी पर्व और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
rakhi ke dhage hote hi aise hain.........
जवाब देंहटाएंbeautiful
जवाब देंहटाएंभाई बहन को जोड़ता पर्व , बहन की दुआएं , भाई का साथ - अनोखा है
जवाब देंहटाएंभाई बहन के इस पवित्र रिश्ते को बहुत खुबसूरती से सशक्त शब्दो के बंधन में बाँधा है..
जवाब देंहटाएंkacche dhagon kee takat ka ahshas bakhoobi aapne kara diya..bahut hee shandar tareeke se raksha bandhan ke tyohaar kee mahatta ko pratipadit kar diya aapne..bahtarin
जवाब देंहटाएंVery nice post.....
जवाब देंहटाएंAabhar!
Mere blog pr padhare.
Very nice post.....
जवाब देंहटाएंAabhar!
Mere blog pr padhare.
रक्षाबंधन के अवसर पर बहुत ही सार्थक पोस्ट...
जवाब देंहटाएं