जो दुआ को उठा देती हाथ
नज़र में अपनी ही गिर जाती
ए खुदा तेरी नेमत हैं ये हाथ ...जानती हूँ
इसलिये कर्म के बीज बोती हूँ
कर्म की फ़सल उगाती हूँ
हाथ की रेखाओं को आज मैं खुद बनाती हूँ
स्त्री हूँ ना
जान गयी हूँ
मान गयी हूँ
पहचान गयी हूँ
अपने होने को
इसलिये
अब किसी खुदा के आगे ना सिर झुकाती हूँ
कर्मठ बन स्वंय अपना मार्ग प्रशस्त किये जाती हूँ
और अपनी उपलब्धियों का तेज़
अपने मुखकमल पर स्वंय खिलाती हूँ
यूँ जीवन में आगे बढती जाती हूँ
मगर हाथ अब दुआ के लिये भी ना उठा उठाती हूँ
क्योंकि ………जानती हूँ
ना जाने कितनी फ़रियादें तेरे दरबार में अलख जगाती होंगी
कितने हाथ तेरी चौखट को छूते होंगे
कितने बेबस रोज तुझे बेबस करते होंगे
और उनके उठे हाथों को देख जब
तेरी रहमत बरसती होगी
दिल में तेरे भी इक खलिश सी उठती होगी
उफ़ ! क्या इसीलिये मैने संसार बनाया
मेरे होकर मुझसे माँग रहे हैं
खुद पर ना विश्वास कर रहे हैं
कैसे खुद्दारी को ताक पर रख रहे हैं
तू भी इक बेबसी जीता होगा
जब सबके गम पीता होगा
इसलिये
आज़ाद किया तुझे अपनी दुआओं से …………ओ खुदा !
(कर्मठता और खुद्दारी के बीज बो दिये हैं फ़सल का लहराना लाज़िमी है )
"कवि....सपनों का सारथी ,सत्य का प्रहरी ...के इस लिंक में मेरी इस
कविता को सर्वश्रेष्ठ चुना गया
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=568581683183483&set=gm.542030849196281&type=1&theater
बढिया..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ..बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ! कर्मठता और खुद्दारी भी तो उसी की नेमत है
जवाब देंहटाएंप्रभावित करती हुयी पंक्तियाँ..
जवाब देंहटाएंसही है भगवान भी किस किस की दुआ सुने ... खुद ही अपने हाथों की लकीर बनाएँ और कर्मठ बने रहें .... सुंदर और प्रेरक रचना
जवाब देंहटाएंsahmat hoon aapse karmpradhan vishaw kari rakha .....
जवाब देंहटाएंanootha chinan ..utkrist rachna ko utkristta ka pramanpatra mila iske liye hardik badhaaayee
जवाब देंहटाएंsach hai..jo apne bhaut hi sahjta se kah diya...superb....
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत |
जवाब देंहटाएंएक शाम संगम पर {नीति कथा -डॉ अजय }
Bahut-Bahut badhaai
जवाब देंहटाएंbadhiya kavita ke liye aapko badhaaee aur shubh kamna .
जवाब देंहटाएंbadhiya kavita ke liye aapko badhaaee aur shubh kamna .
जवाब देंहटाएंसुन्दर ,सटीक और प्रभाबशाली रचना। कभी यहाँ भी पधारें।
जवाब देंहटाएंसादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
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बहुत सुंदर रचना है मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंhttp://iwillrocknow.blogspot.in/
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