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बुधवार, 28 मई 2014

बिंदिया में

दोस्तों 
जून माह की बिंदिया पत्रिका में छपा मेरा व्यंग्य आपकी नज़र ………बिंदिया पत्रिका में ही सविता सिंह के लेख में हम नवागंतुकों को लेखिका का दर्जा मिलना ………बेहद सुखद लगा ………पढिये उनका आलेख और डालिए एक नज़र हम पर भी और तीसरी उपलब्धि ……मेरी बुक " बदलती सोच के नए अर्थ " की समीक्षा बिंदिया पत्रिका में …………#गीताश्री# का किन लफ़्ज़ों में शुक्रिया अदा करूँ समझ नहीं आ रहा ……एक ही पत्रिका में तीन जगह चर्चा कर दी ………निशब्द कर दिया मुझे :) 




7 टिप्‍पणियां:

  1. इतनी सारी उपलब्धियों के लिए बहुत बहुत बधाई वन्दना जी...लेख पढ़ नहीं सकी, आप ब्लॉग पर अवश्य प्रकाशित करें.

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  2. @ Anita जी ये लेख ज़िन्दगी ब्लॉग पर है ये देखिये लिंक http://vandana-zindagi.blogspot.in/2014/03/blog-post_27.html

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  3. बहुत सुन्दर...ये उपलब्धियां यों ही जहां रोशन करे
    भ्रमर ५

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  4. bahut bahut badhai aapko
    aapne likha bahut hi sahi hai
    rachana

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया