ज्ञानपीठ से निकलने वाली पत्रिका 'नया ज्ञानोदय ' के जून अंक में इस बार
मेरी पांच कवितायें प्रकाशित हुई हैं जिनकी सूचना मुझे मित्रों और अजनबी
पाठकों के फोन द्वारा प्राप्त हुई .
7 जून से अब तक जाने कितने फ़ोन आ चुके हैं लेकिन अभी पत्रिका मुझे प्राप्त नहीं हुई इसलिए #मुकेशदुबे जी से फोटो प्राप्त किये और आज यहाँ लगा रही हूँ . ख़ुशी का पैमाना पाठकों की प्रतिक्रियाओं से लबरेज हुआ जा रहा है .
जब 7 जून को पहला फ़ोन मिला तो यूँ लगा जैसे किस्मत ने जन्मदिन की पूर्व संध्या पर अपनी तरफ से एक उपहार दे दिया हो:)
7 जून से अब तक जाने कितने फ़ोन आ चुके हैं लेकिन अभी पत्रिका मुझे प्राप्त नहीं हुई इसलिए #मुकेशदुबे जी से फोटो प्राप्त किये और आज यहाँ लगा रही हूँ . ख़ुशी का पैमाना पाठकों की प्रतिक्रियाओं से लबरेज हुआ जा रहा है .
जब 7 जून को पहला फ़ोन मिला तो यूँ लगा जैसे किस्मत ने जन्मदिन की पूर्व संध्या पर अपनी तरफ से एक उपहार दे दिया हो:)
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