ये मेरे लिए उम्मीद से ज्यादा है :) :)
अभी दो दिन पहले मैंने सच्ची आलोचना पर ये पंक्ति लिखी थी (सच्ची आलोचना सहना अच्छा लेखक बनने की दिशा में पहला कदम है)और आज उसका नमूना यहाँ उपस्थित है ........ऐसे की जाती है सच्ची आलोचना :
यश पब्लिकेशन से प्रकाशित "प्रश्नचिन्ह...आखिर क्यों?" पर Ashutosh Pandey द्वारा हर कविता पर उनके विचार उनके मुख से इस विडियो में सुनिए ......एक कवि हो या लेखक यही जानना चाहता है जो उसने कहा वो कितना पहुँचा और क्या अच्छाई या कमी रही ताकि आगे वो अपने लेखन में उसी के हिसाब से सुधार कर सके. अब ये उस पर निर्भर करता है वो प्रतिक्रिया को कितना सकारात्मक लेता है और कितना नकारात्मक
विडियो इस लिंक पर क्लिक करके सुन सकते हैं :
https://www.facebook.com/sushma.cheshta/videos/1432601016778647/
अभी दो दिन पहले मैंने सच्ची आलोचना पर ये पंक्ति लिखी थी (सच्ची आलोचना सहना अच्छा लेखक बनने की दिशा में पहला कदम है)और आज उसका नमूना यहाँ उपस्थित है ........ऐसे की जाती है सच्ची आलोचना :
यश पब्लिकेशन से प्रकाशित "प्रश्नचिन्ह...आखिर क्यों?" पर Ashutosh Pandey द्वारा हर कविता पर उनके विचार उनके मुख से इस विडियो में सुनिए ......एक कवि हो या लेखक यही जानना चाहता है जो उसने कहा वो कितना पहुँचा और क्या अच्छाई या कमी रही ताकि आगे वो अपने लेखन में उसी के हिसाब से सुधार कर सके. अब ये उस पर निर्भर करता है वो प्रतिक्रिया को कितना सकारात्मक लेता है और कितना नकारात्मक
विडियो इस लिंक पर क्लिक करके सुन सकते हैं :
https://www.facebook.com/sushma.cheshta/videos/1432601016778647/
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया