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बुधवार, 7 जनवरी 2009

जाने क्यूँ

जब कोई मुझे अपना कहता है
जाने क्यूँ भरम सा लगता है

हर प्यार भरा लफ्ज़ किसी का
जाने क्यूँ शूल सा चुभता है

जब रात की खामोशी बढती है
जाने क्यूँ अपनी सी लगती है

हर दिन यादों से भरा
जाने क्यूँ तन्हा सा लगता है

2 टिप्‍पणियां:

अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया