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गुरुवार, 12 मार्च 2009

आवारा बादल

आज एक आवारा बादल
मेरी खिड़की में झाँका
कुछ बहकता सा
कुछ चहकता सा
दिल को कुछ यूँ
गुदगुदाने लगा
मैंने पूछा ,
क्यूँ आए हो
किसका तन मन
भिगोने आए हो
किसकी प्यासी रूह की
प्यास बुझाने आए हो
मगर वो तो सिर्फ़
इठलाता रहा
बलखाता रहा
मदमस्त सा,
अपने ही खुमार में
इधर से उधर
बरसता रहा
कभी ठंडी फुहार बनकर
तो कभी महकता
प्यार बन कर
कभी भंवरों सा
इठलाता था
कभी संगीत के सुरों सा
नाचता था
न जाने किस
मदहोशी में
डूबा था
किसके खुमार में
गुम था
उसे तो अपना भी
पता न था
फिर कैसे मुझे बतलाता
क्यूँ आया है
किसके दिल की
बगिया में
फूल खिलने आया है
किस फूल का
ये भंवरा है
किस गीत का
ये मुखडा है
किस साज़ की
ये आवाज़ है
किसके दिल का
प्यार है
किसके लिए
भटक रहा है
किस चाहत में
सिसक रहा है
किस कसक में
मचल रहा है
और
किसके लिए
बरस रहा है
यूँ आवारा
दर-दर
भटक रहा है
आज एक आवारा बादल
मेरी खिड़की में झाँका

17 टिप्‍पणियां:

  1. वाह वाह क्या बात है। बहुत सुन्दर।

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  2. वो क्या कहते हैं ना....आवारा भंवरा हौले-हौले गाये....उसकी ही धून पे हवाएं सरसराये....कुछ ऐसा सी ही लगी आपकी कविता....बेशक इसे और भी अच्छा होना था....खैर ते आगे हो जायेगा..अभी इतना ही सही...!!

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  3. वो क्या कहते हैं ना....आवारा भंवरा हौले-हौले गाये....उसकी ही धून पे हवाएं सरसराये....कुछ ऐसा सी ही लगी आपकी कविता....बेशक इसे और भी अच्छा होना था....खैर ते आगे हो जायेगा..अभी इतना ही सही...!!

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  4. वो क्या कहते हैं ना....आवारा भंवरा हौले-हौले गाये....उसकी ही धून पे हवाएं सरसराये....कुछ ऐसा सी ही लगी आपकी कविता....बेशक इसे और भी अच्छा होना था....खैर ते आगे हो जायेगा..अभी इतना ही सही...!!

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  5. चांद का खिड़की से झांकना...आवारा बादल. आपकी रचना सहजता से अपनी मंजिल की ओर बहती चली जाती है. अपनी रचना रचनाकार उतनी श्रेष्ठ भले नहीं लगे, सच है कि वह अपनी वास्तविकता में वाकई सर्वश्रेष्ठ होती है. इस रचना के बारे में मेरी कुछ ऐसी ही राय बनी. अच्छा लिखा है आपने. बधाई.

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  6. गम के दरिया से बाहर निकालो कदम,
    राह खुशियों की आसान हो जायेगी,

    रोने-धोने से होंगे, आँसू न होंगे खतम,
    उलझनें ठोस पाषाण हो जायेगी।

    फूल काँटों मे रहकर भी रोता नही,
    शूल सहता है, मुस्कान खोता नही,

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  7. जीवन खतम हुआ तो,
    जीने का फायदा क्या?
    जब शम्मा बुझ गयी तो,
    महफिल का कायदा क्या?

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  8. vandana ji

    bahut sundar composition .. badhai ho ..

    bhaav ji uthe hai .. wah ji wah

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  9. गुगल प्लस पे टिप्पणी मेँ समस्या आई तो यहाँ यही कहनेँ आए है कि..... बादल कहा होगा- मैँ इक बादल आवारा।

    ।।।।।
    http://yuvaam.blogspot.com/2013_01_01_archive.html?m=0

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