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शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009

बस तू एक बार फिर से मुस्कुरा दे

सुनो
आज पहली बार मैंने
तुम्हें ज़िन्दगी से इतना
मायूस देखा
तुम्हारे दर्द के दर्द को
कहीं बहुत गहरे
महसूस किया
कितना टूट गए हो
कितना खामोश हो गए हो
तुम तो ऐसे न थे
ज़िन्दगी से भरपूर
हर वक्त चहकते
और चहकाते
कितने अच्छे लगते थे
तुम्हारा यूँ टूटना
उदासी के गहरे सागर में डूबना
कल की चिंता में
आज को बरबाद करना
दिल को बहुत
गहरे चुभ गया है
ज़िन्दगी से इतने गिले न करो
प्यार के दो पलों को
जीवन में संजो लो
ज़िन्दगी सिर्फ़ खामोशी नही
जिंदगी सिर्फ़ ख्वाब नही
ज़िन्दगी इक खुमार भी है
जिन्दी इक प्यार भी है
ज़िन्दगी ठंडी फुहार भी है
ज़िन्दगी खुशियों की सौगात भी है
कुछ गम अपने
बाँट लो मुझसे
कुछ दर्द अपना दे दो मुझे
देखना ज़िन्दगी का
हर लम्हा बदल जाएगा
तेरे दिल को भी
कुछ तो सुकून
मिल जाएगा
इतना तो अपनी
दोस्ती का हक़
दे दो मुझे
कुछ अपने दर्द को
जी लेने दो मुझे
बस तू एक बार मुस्कुरा दे
फिर से यूँ ही
चहकने लगे
और गुलिस्तां तेरा
महकने लगे
बस तू एक बार फिर से
मुस्कुरा दे

9 टिप्‍पणियां:

  1. भाई पढ़कर मुस्कुरा दिया . धन्यवाद

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  2. आपका प्यार इसी तरह मिलता रहा तो
    उनकी मायूसियाँ शीघ्र ही मिट जायेंगी।
    वो पहले की तरह से चहकने लगेंगे।
    उपवन महकने लगेगा।
    मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं।

    "प्यार इन्सान को, इन्सान बना देता है।
    प्यार पत्थर को भी भगवान बना देता है।"

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  3. सुन्दर भाव। कहते हैं कि-

    एक तेरा ही तो बचाये हुआ है गम मुझको।
    वर्ना जीने की थी उम्मीद बहुत कम मुझको।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  4. वंदना;

    शुक्रिया मेरे दोस्त ...इस दोस्ती को हमेशा याद रखूंगा ..

    ज़िन्दगी , career को इस तरह से collapsable corner पर लायेंगी सोचा न था.. तुम्हारी साहस भरी बातों ने फिर से एक जोश भर दिया है ...

    शुक्रिया मेरे दोस्त ..

    कविता बहुत सुन्दर बन पढ़ी है ..शब्द सीधे सीधे communication को establish कर रहे है ..
    और क्या कहूँ.. i am cool now .

    Thanks a lot , God Bless you .

    Vijay

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  5. दिल को छू गई आपकी रचना। होंसला बढाती रचना। प्यार की खूशबू बिखेरती रचना। हो सके तो मेल कर देना जी।

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  6. अच्छी लगी आपकी रचना.....बहुत सुन्दर.

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  7. Dear Vandana ji,
    apki yah rachna padke achchha laga.bas tu ek baar muskaraade.bas tu ek baar muskaraade.badhai sundar rachna ke liye.

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया