पेज

मंगलवार, 12 मई 2009

और तुम आज आई हो ...............

दोस्तों ,

आज मैं अपनी १५० वी पोस्ट डाल रही हूँ .आशा करती हूँ हमेशा की तरह इसे भी आपका प्यार मिलेगा।



सिर्फ़ एक चाह थी
जी भर कर तुम्हें देख पाता
दिल की बातें तुमसे कह पाता
कुछ तुम्हारी सुन पाता
कुछ अपनी कह पाता
उम्र गुजार दी हैं मैंने
तुम्हारे इसी इंतज़ार में
सिर्फ़ एक बार मिलन की आस में
तुमसे पहली बार मिलने की चाह में
तुम्हें निगाहों में भर लेने की आस में
अपने वजूद को तुममें ढूंढ पाता
हर पल के इंतज़ार का हिसाब
तुम्हें दिखा पाता
लहू की हर बूँद में लिखा
तुम्हारा नाम , तुम्हें दिखा पाता
सोचो ज़रा , कितना इंतज़ार किया होगा
इक उम्र गुजार दी मैंने
तेरे पिछले जनम के वादे पर
कि , अगले जनम मिलेंगे हम
और तुम आज आई हो .......
और मैं तुम्हें देख भी नही सकता
जब आंखों की रौशनी बुझ चुकी है
हाल - ऐ - दिल बयां भी नही कर सकता
शब्द हलक में अटक गए हैं
अर्थी भी सज चुकी है
बस , आखिरी साँस का इंतज़ार है
और तुम आज आई हो .........
मेरी रूह को सुकून पहुँचाने के लिए
या फिर से तडफाने के लिए
एक और जनम के इंतज़ार में
फिर दर-दर भटकाने के लिए
और तुम आज आई हो ..............

14 टिप्‍पणियां:

  1. vandana ji

    main ab kya tareef likhu.. sach akahun to ye aapki 150th post bhi hai aur behatreen bhi hai .. aur ye kahun ki ye aapki sabse acchi post bhi hai to koi atishyokti nahi hongi....

    aapne prem ko itni acchi tarah se abhivyakt kiya hai ki bus poochiye mat .. shabd ji uthe hai aur kalpano ko par lag chuke hai ....

    एक और जनम के इंतज़ार में
    फिर दर-दर भटकाने के लिए
    और तुम आज आई हो ..............

    in punch lines ne maun kar diya hai

    aapko dil se badhai

    जवाब देंहटाएं
  2. वन्दना जी।
    सबसे पहले 150वीं पोस्ट के लिए बधाई स्वीकार करें।
    आपकी कविता ने मन को झकझोर कर रख दिया।
    सम्वेदना और अभिव्यक्ति दोनों को आपने बड़ी कुशलता
    से शब्दों में बांधा है। आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन लिखा है ...दर्द, प्यार और इंतजार का अनूठा संगम ...आपको आपकी १५० वीं पोस्ट के लिए बधाई

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहद असरदार रचना के साथ एक सौ पचासवीं पोस्ट देख कर आनंद आ गया...आपकी बहुत बहुत बधाई....
    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत उम्दा रचना के साथ १५०वीं पोस्ट के लिए ढ़ेरों बधाई एवं शुभकामनाऐं.

    जवाब देंहटाएं
  6. एक प्यार का रंग ये भी है। आप हर रंग़ लिख कर ही मानेगी प्यार के। वैसे आप हर रंग़ बेहतरीन रुप से दर्शाती है। आनंद सा आ जाता है। और बधाई 150 वी पोस्ट लिखने के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  7. sabsr pahle to 150th post ke liye dheron mubarakbaad, shubhkaamnayen.

    vandana ji aaj phir vahi baat dohra raha hun "aapki rachnayen dil ke bheetar tak pravesh karti hain. dil ko kuchh mehsoos karati hain. dhanyawaad.

    जवाब देंहटाएं
  8. वन्दना जी १५० वीं पोस्ट के लिए ढेरो बधाई..
    एक शे'र में अपनी बात कहूँगा के ...

    कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी यूँ कोई बे-वफ़ा नहीं होता.
    गुफ्तगू उनसे रोज होती है ,मुद्दतों सामना नहीं होता..


    अर्श

    जवाब देंहटाएं
  9. वंदना जी,
    १५० वी पोस्ट पर आपने रचना बहुत बेहतर प्रस्तुत की.आपको बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  10. हमारा कमेन्ट कहाँ गुम गया:

    १५० वीं पोस्ट के लिए बधाई और शुभकामनाऐं.

    जवाब देंहटाएं
  11. केवल दो ब्लॉग
    जिन्दगी और जखम
    जिन्दगी में जिस्म और उसी में जखम
    अच्छा है
    यूँ प्यार सभी को नही मिलता
    पर एक सवाल प्यार से क्या मिलता है ?
    आज के बाजार में ..........
    प्यार सच्चा हुआ तो धोखा
    प्यार झोठा तो पैसा ......

    सब की कहानी एक है
    बस शब्द अलग अलग ,.......

    जवाब देंहटाएं
  12. 150 वी पोस्‍ट हमारी नजर से छूट गयी थी .. बहुत बहुत बधाई .. बहुत सुंदर रचना है।

    जवाब देंहटाएं

अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया