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रविवार, 7 जून 2009

तड़पता तो तू भी होगा

नींद तुझे भी न आती होगी
तू भी करवट बदलता होगा
मुझे खामोश करने वाले
तू कौन सा चैन से सोता होगा

दिल तो तेरा भी तड़पता होगा
आँख तो तेरी भी रोती होगी
मुझे बेवफा कहने वाले
तू कौन सा बफा निभाता होगा

कसक तो तेरे सीने में भी उठती होगी
मिलन को निगाह तरसती होगी
मुझे बेचैन करने वाले
तू कौन सा चैन से रहता होगा

क्या मुझे हर मोड़ पर ना ढूंढता होगा
मेरे निशां को तरसता होगा
मेरा नामोनिशां दिल से मिटाने वाले
क्या ख़ुद के निशां कहीं पाता होगा

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत उम्दा। दर्द को मिले बेहतरीन शब्द।

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  2. vandana ji vaise main kavita likh nahi pata , gadhya par haath saaf karne ki koshish me laga hoon,par 1 chij kehna hai k aapne bhavon k saghan hone se pehle hi unhe shabdon me utaar diya.yadi aap soch ko thoda waqt deti to kavita shaandar hoti.lage rahiye.meri or se shubhkamnayen

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  3. काँटों में पलना जिनकी,
    किस्मत का लेखा है।
    फिर भी उनको,
    खिलते-मुस्काते हमने देखा है।।
    कड़ी घूप हो सरदी या,
    बारिस से मौसम गीला हो।
    पर गुलाब हँसता ही रहता,
    चाहे काला, पीला हो।।
    ये उपवन में हँसकर,
    भँवरों के मन को बहलाते है।
    दुख में कभी न विचलित होना,
    सुमन हमें सिखलाते है।।

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  4. काँटों में पलना जिनकी किस्मत का लेखा है।
    फिर भी उनको खिलते-मुस्काते हमने देखा है।।
    कड़ी घूप हो सरदी या, बारिस से मौसम गीला हो।
    पर गुलाब हँसता ही रहता, चाहे काला पीला हो।।
    ये उपवन में हँसकर, भँवरों के मन को बहलाते है।
    दुख में कभी न विचलित होना, सुमन हमें सिखलाते है।।

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  5. बहुत ख़ूब, बहुत ही बढ़िया

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  6. rachna strong hai,emotions kaafi intense hai...asar hota hai...

    pehle para ki akhiri line shayad sateek nahi hai...baaki rachna bahut umda :)

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  7. आपको पढ़ कर मुझे मेरी प्रारंभिक रचनायों की याद आ गई
    वीनस केसरी

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  8. mujhe bechain karne wale tu kaun sa chain se sota hoga.

    wah vandana ji, bahut khoob,

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  9. वियोगी भावों से भरी रचना दिलके करीब से गुजर जाती है.
    सराहनीय है.

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  10. तड़पता तो तू भी होगा....वंदना जी आपकी रचना के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं है ...दिल में एक तूफ़ान सा उठा गई आपकी रचना......

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  11. क्या बात है...बिलकुल सही जवाब दिया है......
    तड़प तो दोनों को होती है.......
    बहुत ही अच्छी रचना ........

    अक्षय-मन

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  12. vandana ,

    bahut gahri aur virah ke shades liye hue hai ye kavita .. man me gahari jagah bana gayi hai ...

    badhai

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  13. bahut umda.....
    dil ke dard ko bahout achi tarah vayan kiya hai aap ne
    http://apanajunction.blogspot.com

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