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शुक्रवार, 26 मार्च 2010

क्षणिकाएं

आज तो 
चाँदनी भी 
जल रही है
चाँद के 
आगोश को 
तड़प रही है
मोहब्बत के
दंश झेल रही है
फिर भी
उफ़ ना कर रही है 

हर कश पर 
ख़त्म होती 
धुंआ बन 
उडती ज़िन्दगी 
गली के 
एक छोर पर
खडी
खामोश ज़िन्दगी
फिर भी
दूसरे छोर तक 
ना पहुँच 
पाती ज़िन्दगी 

ख्वाब सा 
आया और 
चला गया
ना जाने 
कितने 
मोहब्बत के 
ज़ख्म दे गया
तेरा आना 
और चला जाना
जैसे ज़िन्दगी
मौत से लड़
रही हो 
और फिर 
मौत जीत 
गयी हो

देखा
मिलन हुआ ना
मैंने कहा था 
हम मिलेंगे
एक दिन 
और आज 
वो दिन था
जब तुम और मैं
रु-ब-रु हुए 
तुम मेरे 
साथ थे 
हाथों में 
हाथ थे
देखा 
मिलन ऐसे
भी होता है
ख्वाब में 

प्यार को ताकत बना
कमजोरी  नहीं 
प्यार को खुदा बना
मजबूरी नहीं

अस्पष्ट तस्वीरें
गडमड होते शब्द 
बिखरते ख्वाब
अव्यवस्थित जीवन 
इंसानी वजूद का 
मानचित्र

23 टिप्‍पणियां:

  1. चाँदनी भी
    जल रही है
    चाँद के
    आगोश को
    तड़प रही है

    बहुत बढ़िया रचना लिखी है आपने!

    चाँदनी जल रही
    रात भी ढल रही
    आँख थक सी गई
    देखने के लिए!

    नीद आती नही
    याद जाती नही
    वो भी मजबूर है
    हम भी मजबूर हैं
    चाहने के लिए!

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  2. हर क्षणिका अलग रंग लिए नयी बात कह रही है...बहुत भाव पूर्ण लिखा है...बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. प्यार को ताकत बना कमजोरी नहीं ....
    सन्देश देती ये पक्तियां,अच्छी बेहद रोचक कविता

    विकास पाण्डेय

    www.vicharokadarpan.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  4. प्यार को ताकत बना
    कमजोरी नहीं
    प्यार को खुदा बना
    मजबूरी नहीं

    Thats gr8, vandnaji 1

    जवाब देंहटाएं
  5. चाँदनी जल रही
    रात भी ढल रही
    आँख थक सी गई
    देखने के लिए!
    वाह क्या बात है...हर क्षणिका बस लाजबाब है..

    जवाब देंहटाएं
  6. एक एक शब्द सजीव हो गया बहुत सुन्दर

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  7. hriday ko chhu dene wali... great !!!!


    ---
    badi ghor vidambana hai ki main jis hospital me docter hoon... usi hospital men meri biwi nurse hai aur MUJHE USE SISTER KAH KAR SAMBODHIT KARNA PADTA HAI...

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  8. वाह सभी बहुत अच्छी लगी शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  9. हाहाह हाह्न हह्न्न मै पत्थर हूँ वंदना जी संवेदित रचनाये समझ नहीं आती आप की शैली का हमेशा से ही प्रशंसक रहा हूँ ,, आप शब्दों की सरलता की जितनी पक्ष धर है औतनी गहराई की भी ,,
    बढ़िया रचना
    सादर
    प्रवीण पथिक
    9971969084

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  10. aapke har shabd main takat hote hai aur aapka har andaz bahut he juda hai padkar aanand aa jata hai bahut bahut badhai ise tarah likte rahen yahe kamna hai

    जवाब देंहटाएं
  11. हर क्षणिका बहुत कुछ कहती हुई। ख्वाब का मिलन बहुत खूबसूरत।

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  12. पढ़कर अच्छा लगा, खास तौर पर
    गली के एक छोर पर
    खामोश खड़ी ज़िन्दगी,
    वाह ! क्या बात है!

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  13. प्यार को ताकत बना कमजोरी नहीं ...
    खुदा बना मज़बूरी नहीं ...!!

    जख्म फूलों के गहरे ज्यादा होते हैं ...
    बहुत बढ़िया ...!!

    जवाब देंहटाएं
  14. zindagi ke prati apka darshan, maut ki jeet aur khwabo me milan..........sab kuch kaabil-e-taarif hai

    shubhkaamnayen

    जवाब देंहटाएं
  15. हर क्षणिका में
    एल अलग-सी प्रभावशाली बात
    हर बार
    इक नया-सा एहसास
    हर लफ्ज़
    मानो ...खुद ब खुद
    बातें करता हुआ
    वाह !!

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  16. प्यार को ताक़त बना लिया जाये तो फिर बात ही क्या है,पर क्या वास्तव में ऐसा हो सकता है?शायद नहीं क्यूंकि ये तो हमारी सबसे बड़ी कमजोरी होती है!हर क्षणिका अपना अलग भाव लिए हुए है...

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  17. अव्यवस्थित जीवन
    इंसानी वजूद का
    मानचित्र
    यकीनन इंसानी वजूद का यह है मानचित्र
    पर क्यों इतना विद्रूप है और इतना विचित्र्

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  18. aapaki sabhi chhadikaayen man ke antaspatal par ek gahari chhap chhodati hai.jitani taareef ki jaye kam hai.

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया