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बुधवार, 6 अप्रैल 2011

कहीं देखा है ऐसा आशियाना ?

ए मेरे ख्वाब
डरती हूँ
तुझे साकार करने से
कहीं ज़माने की
नज़र ना पड़ जाये
कहीं कोई दूजा
तुझे ना नैनों से
चुरा ले जाये
कहीं कोई
और आँख
ना तुझे भा जाए
और मेरा वजूद
जो मैं
तुझमे देखती हूँ
किसी और की
आँख का खवाब
ना बन जाए
और मेरी नज़र
रीती ही रह जाये
कभी कभी
चाह होती है
तुझे पाने की
तुझे देखने की
तुझे आकार देने की
मगर डरती हूँ
इसलिए ना
नैन बंद करती हूँ
सिर्फ तुझे
अपने अहसास में ही
जी लेती हूँ
दिल का हर हाल
कह लेती हूँ
कुछ इस तरह
गुफ्तगू कर लेती हूँ
क्या देखा है
तूने मुझे कभी
ए  ख्वाब
हवाओं में उड़ाते हुए
बादलों पर तैरते हुए
आसमानों को छूते हुए
किसी फूल की खुशबू
सहेजते हुए
किसी से दिल लगाते हुए
किसी को अपना बनाते हुए
किसी से दिल की कहते हुए
किसी के अश्कों में बहते हुए
किसी के दिल की धड़कन
बनते हुए
नहीं ना ............
डरती हूँ ना
ख्वाब सजाने से
तुझे आकार देने से
इसीलिए तुझे सिर्फ
अहसासों में पिरो लिया है
अब हर पल
हर सांस के साथ
हर धड़कन के साथ
आँख की पुतली
 बन रहता है
नज़र ना किसी को
आता है
मगर मेरे संग संग
रहता है
कहीं देखा है
ऐसा आशियाना ?

26 टिप्‍पणियां:

  1. ए मेरे ख्वाब
    डरती हूँ
    तुझे साकार करने से
    कहीं ज़माने की
    नज़र ना पड़ जाये
    --
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
    ख्वाब को ख्वाब ही रहने दो....!

    जवाब देंहटाएं
  2. ज़िंदगी तुझे खोना गंवारा नहीं इसलिए तुझे ख्वाबों में ही जीते हैं ...कहीं कोई ख्वाब चुरा न ले !वाह !

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  3. डरती हूँ ना
    ख्वाब सजाने से
    तुझे आकार देने से
    इसीलिए तुझे सिर्फ
    अहसासों में पिरो लिया है

    बहुत गहरा है यह अहसास ..किसी को खुद में स्थापित करना और किसी के हो जाना ...

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  4. ख्वाबों के सैलाब में उतराती नैया।

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  5. bahut sundar kawita. khwab zindagi ke dawedar hain vandanaji. inhe sajaye rakhiye.

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  6. सुन्दर भावाभिव्यक्ति.
    बेहतरीन ...दिल को भायी
    परन्तु डर किस बात का ?
    "कहीं कोई दूजा
    तुझे ना नैनों से
    चुरा ले जाये"
    यह दूजा कौन है ? वह ख्वाव को चुरा भी लेगा तो क्या कर लेगा ?

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  7. कभी कभी
    चाह होती है
    तुझे पाने की
    तुझे देखने की
    तुझे आकार देने की
    मगर डरती हूँ
    ... is darr ko darnewale bakhoobi samajh sakte hain

    जवाब देंहटाएं
  8. वंदना जी,

    ख्वाबो में ही ले के गयी ये पोस्ट.....प्रशंसनीय|

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  9. गहरे भावमय करते शब्‍द रचना के ...।

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  10. सच ही तो है ... जिंदगी ऐसी होती जा रही है कि ख्वाब देखने से भी डर लगता है ...

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  11. खावाबों का सुन्दर आशियाना ....संजो कर रखिये ...अच्छी प्रस्तुति

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  12. वंदना जी हमेशा की तरह एक और भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारें...

    नीरज

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  13. ख़्वाबों का आशियाना....
    जिंदगी भी एक ख़्वाब ही तो है।
    कविता बहुत अच्छी लगी।

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  14. ये सुंदर है...
    कल्पना से शब्द
    और शब्दों में कल्पना करते हम ..

    आपके ब्लॉग का प्रशंशक और अनुशरनकर्ता अभिषेक

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  15. ऐ मेरे ख़्वाब !
    डरती हूं तुझे साकार करने से
    कहीं ज़माने की नज़र न पड़ जाए …
    कहीं कोई दूजा
    तुझे नैनों से चुरा न ले जाए …
    कहीं कोई
    और आंख तुझे न भा जाए …
    और मेरा वजूद
    जो मैं तुझमे देखती हूं
    किसी और की आंख का ख़वाब न बन जाए …
    और … मेरी नज़र
    रीती ही रह जाए … … …


    आपकी इस रचना में सपनों के बिखरने, छिन जाने की आशंका का भाव अंदर तक छू रहा है ………
    बहुत भाव पूर्ण लिखा है आपने …!

    आदरणीया वंदना जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    …और ख़्वाबों को बचाने का तरीका भी ख़ूब निकाला आपने…
    तुझे सिर्फ
    अहसासों में पिरो लिया है

    अच्छी रचना के लिए आभार !

    आज यहां गणगौर है … आपको गणगौर पर्व और नवरात्रि उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं !

    साथ ही…

    *नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !*

    नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !
    पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!

    चैत्र शुक्ल शुभ प्रतिपदा, लाए शुभ संदेश !
    संवत् मंगलमय ! रहे नित नव सुख उन्मेष !!


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  16. हर धड़कन के साथ
    आँख की पुतली
    बन रहता है
    नज़र ना किसी को
    आता है
    मगर मेरे संग संग
    रहता है
    कहीं देखा है
    ऐसा आशियाना ?

    SUNDER AASHIYANA

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  17. नई संवेदना और भाव के साथ कही गई प्रेम कविता.. मन के भीतर जाके बस जाती है..

    जवाब देंहटाएं
  18. ए मेरे ख्वाब
    डरती हूँ
    तुझे साकार करने से
    कहीं ज़माने की
    नज़र ना पड़ जाये
    कहीं कोई दूजा
    तुझे ना नैनों से
    चुरा ले जाये
    कहीं कोई
    और आँख
    ना तुझे भा जाए.....

    प्रेम में एकाधिकार रहता ही है. सुंदर.

    जवाब देंहटाएं
  19. ए मेरे ख्वाब
    डरती हूँ
    तुझे साकार करने से
    कहीं ज़माने की
    नज़र ना पड़ जाये
    .
    .
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!

    जवाब देंहटाएं
  20. हर वो भारतवासी जो भी भ्रष्टाचार से दुखी है, वो देश की आन-बान-शान के लिए समाजसेवी श्री अन्ना हजारे की मांग "जन लोकपाल बिल" का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. यह श्री हजारे की लड़ाई नहीं है बल्कि हर उस नागरिक की लड़ाई है जिसने भारत माता की धरती पर जन्म लिया है.पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"

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  21. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई|

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  22. बहुत खूब, नए अहसास नयी अभिव्यक्ति ! शुभकामनायें ! वंदना जी !!

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  23. दिल का आशियाना सबसे बेहतरीन होता है.. सत्य है..

    पढ़े-लिखे अशिक्षित पर आपके विचार का इंतज़ार है..
    आभार

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  24. ओये होए ...
    ये प्यारे प्यारे ख्वाब मुबारक आपको .....!!

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