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गुरुवार, 2 जून 2011

अब बुकमार्क जरूरी हो गया है

मैंने चाहा था
चाहतों पर
इक निशाँ
लगा दूं
तुम्हारे लिए
वैसे मोहब्बत को
निशानों की
जरूरत नहीं होती
मगर तुम ही
रास्ता भूलने लगे हो
शायद इसलिए
अब बुकमार्क
जरूरी हो गया है

41 टिप्‍पणियां:

  1. वाह, वन्दना जी, क्या गजब की क्षणिका है ...

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  2. मगर तुम ही
    रास्ता भूलने लगे हो
    शायद इसलिए
    अब बुकमार्क
    जरूरी हो गया है

    सही रास्ते पर लाने के लिए बुकमार्क करना बहुत ज़रूरी है :)
    बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने.

    सादर

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  3. चाहा था चाहतों पर अलंकार । भटकन के लिये बुकमार्क । चन्द लाइनों में गंभीर बात

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  4. सहज व कम शब्‍दों में बिल्‍कुल सच कहा ..

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  5. :):) बहुत बढ़िया ..बुकमार्क की जगह लवमार्क .. :):)

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  6. वर्तमान संदर्भो के परिपेक्ष्य में यथार्थ की सुन्दर अभिव्यक्ति !

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  7. अब बुक मार्क
    जरूरी हो गया है '
    ...........क्या कल्पना है वाह !

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  8. कम शब्दों में उम्दा प्रस्तुति ...!!

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  9. गागर में सागर चरितार्थ होता है आपकी कविता पर, बधाई !

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  10. गज़ब की सोच..लाज़वाब प्रस्तुति..आभार

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  11. ओए होए गज़ब उसे बुकमार्क का.
    बहुत बढिया.

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  12. मगर तुम ही
    रास्ता भूलने लगे हो
    शायद इसलिए
    अब बुकमार्क
    जरूरी हो गया है
    बहुत सुन्दर रचना........

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  13. सुन्दर भावाव्यक्ति.

    पर बुकमार्क तो बहुत से भी हो सकते हैं ना
    :)

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  14. सही कहा आज कल बुकमार्क बहुत जरूरी है :)

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  15. बुकमार्क शब्द में ही विम्ब निहित है..बढ़िया कविता...

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  16. बुकमार्क जरूरी है टैटू भी लगाया जा सकता है

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  17. कभी कभी तो बहुत ही आवश्यक हो जाता है।

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  18. बुकमार्क जरूरी है , भावनामयी पंक्तियाँ

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  19. शायद इसलिए
    अब बुकमार्क जरूरी हो गया है ...

    बुकमार्क शब्द का अच्छा प्रयोग किया है आपने.

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  20. बहुत सुन्दर प्रतीक का प्रयोग किया है आपने।

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  21. लाजवाब ...
    शायद बुकमार्क से ढूढने में आसानी होगी.

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  22. बहुत ही सुंदर , कमाल की पंक्तियां हैं ..वाह ।ऐसा बुकमार्क तो यादों का बुकमार्क होता है , बहुत ही बढिया जी , लगे रहिए । शुभकामनाएं दोस्त

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  23. वन्दना जी नन्हीं सी कविता में बहुत गंभीर बात कही है |
    आशा

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  24. एक कड़वा सच जिसे आपने बखूबी बयान किया. प्रशंसनीय

    bilkul sahi kaha apne..सारगर्भित पोस्ट , आभार

    25,000 houries 'हूरों की दुनिया में' अनवर जमाल का स्वागत हुआ गुलाब के फूलों से

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  25. बहुत खूब लिखा है आपने !सही में अगर कोई रास्ता भूल जाए तब तो बुकमार्क लगाना आवश्यक है!

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  26. मगर तुम ही
    रास्ता भूलने लगे हो
    शायद इसलिए
    अब बुकमार्क
    जरूरी हो गया हैbahut sunder chadikaa.badhaai aapko.


    please visit my blog.

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  27. बुकमार्क ...मार्केबल है...

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  28. Vandana ji,bimbon ka itna sateek prayog maine kam hi dekha hai...

    Maza aa gaya padh kar...

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  29. नि:शब्‍द कर दिया आपने तो ।

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