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शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

सबकी विदाई के मंज़र हसीन नही होते

सुनो
कहाँ हो?
ये कैसे पल है?
ये कैसी उदासी है
देखो ना
जी नही पा रही
कभी कभी
चाह होती है ना
आम का बौर
मेरे आँगन मे भी खिले
कभी कभी
चाह होती है ना
कोई अहसास
सांस बनकर
मेरी रूह मे भी उतरे
कभी कभी
चाह होती है ना
कोई अपने
होठों की हंसी
मेरे लबों पर भी सजा दे
कभी कभी
चाह होती है ना
कोई मेरी दबी
ढकी इच्छाओं को
आसमान पर लगा दे
और मुझे भी
जीने की वजह दे दे
देखो ना
कितनी टूट रही हूँ
किरच किरच होने से पहले
एक बार आ जाओ
और मेरी तड्पती
तरसती बेचैन रूह को
करार दे जाओ
एक आखिरी अहसान ही कर जाओ
मगर तुम एक बार
आ जाओ ना

देख ना
आँख से आंसू भी
नही ढलक रहे
और हम रो भी रहे हैं
आ जा ना एक बार
इन आंसुओं को पोंछने
जो बहकर भी नही बह रहे

देखो
इतनी शिद्दत से तो कभी
आवाज़ नही दी थी ना
तुम जानते हो
कोई तो कारण होगा ना
शायद रूह आखिरी
सांस ले रही हो
शायद उम्र की आखिरी
जुम्बिश हो और
सांस की डोर
छूट रही हो
वो वक्त आने से पहले
रूह के साज़ पर
एक तराना गुनगुना जाओ
और मुझे कुछ पल के लिये ही सही
एक ज़िन्दगी दे जाओ
जानते हो ना
सबकी विदाई के मंज़र हसीन नही होते

27 टिप्‍पणियां:

  1. रूह के साज पर

    एक तराना गुनगुना जाओ ...

    बहुत खूब कहा है ... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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  2. वो वक्त आने से पहले
    रूह के साज़ पर
    एक तराना गुनगुना जाओ

    बहुत ही मर्मस्पर्शी रचना..

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर भावाभिव्यक्ति ||
    बधाई ||

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर भावमयी और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति..हरेक शब्द मन को भिगो गया..आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. वो वक्त आने से पहले
    रूह के साज़ पर
    एक तराना गुनगुना जाओ

    सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...

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  6. सुनो
    कहाँ हो?
    ये कैसे पल है?
    ये कैसी उदासी है
    देखो ना
    जी नही पा रही
    कभी कभी
    चाह होती है ना
    आम का बौर
    मेरे आँगन मे भी खिले

    जिसे पुकारा है वह तो पहले से ही आया हुआ है, नजरें उठा कर देखें तो सही... आपके भीतर का वह चुलबुला, नटखट सा बचपन उससे मिल भी चूका है...

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  7. एहसास के दूसरे छोर पर ले जाती है आपकी यह कविता !
    बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  8. एहसास के दूसरे छोर पर ले जाती है आपकी यह कविता !
    बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर भावाभिव्यक्ति .....

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहद संवेदनशील अभिव्यक्ति.

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  11. विप्रलंभ श्रृंगार की उत्कृष्ट , भावपूर्ण रचना
    एक-एक शब्द मोती की तरह ......
    व्याकुल ह्रदय के आकुल भाव ....
    छटपटाहट की वेदना ह्रदय स्पर्श करने में समर्थ

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  12. बहुत सुंदर...बेहतरीन अभिव्यक्ति

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  13. बहुत भाव पूर्ण रचना ..मार्मिक प्रस्तुति

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  14. बहुत खूबसूरत अंदाज, सुन्दर प्रस्तुति

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  15. विरह अग्नि को बखूबी दर्शाती सुन्दर कविता

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  16. बहुत ही मर्मस्पर्शी और बेहतरीन अभिव्यक्ति

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  17. इंतज़ार के दर्द को बखूबी शब्दों में ढाला है........बहुत खूब|

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  18. सबकी विदाई के मंज़र हसीन नही होते

    बेहद भावुक कर देने वाली रचना क्या कहूं शब्द नहीं.. बस..

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  19. बेहद खूबसूरत और मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति. आभार.
    सादर
    डोरोथी.

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  20. aur mujhe kuch pal ke liye hi sahi ek jindgi de jao,, bahut sunder

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