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बुधवार, 21 नवंबर 2012

कसाब को अचानक फ़ांसी दे दी गयी ………आखिर क्यों?

कसाब को अचानक फ़ांसी दे दी गयी ………आखिर क्यों?
अफ़ज़ल गुरु …………2014 तक

सब राजनीति है ……सरकार जानती है चारों तरफ़ से वो घिरी हुयी है भ्रष्टाचार , मंहगाई आदि के मामलों में और बचने का कोई उपाय दिख नहीं रहा था और इधर गुजरात , हिमाचल आदि के चुनाव सिर पर हैं तो आखिरी हथियार के तौर पर कसाब भुनाया गया …………मुख्य कारण तो फ़िलहाल आनन फ़ानन मे यही दिखता है वरना जिसे जँवाई बनाकर इतने दिनों से संभाल कर रखा था, अरबों रुपया जिसकी सुरक्षा पर खर्च किया गया था उसे ऐसे कैसे जाने देते ………बस हलाल करने के मौके का ही तो इंतज़ार था।


आखिर ओबामा के पदचिन्हों  पर चलकर कुछ तो सीखा ……अचानक इसलिये घटित हुआ क्योंकि समय कम था और काम बडा ………जैसे ओबामा ने किया वैसा ही अब ये सरकार कर रही है गुपचुप तरीके से देश के दुश्मन का खात्मा करो और जनता का रुख अपनी तरफ़ मोड लो फिर चाहे पाँच साल तक जनता का दोहन करो । अब ये जनता पर है कि वो अपनी कुम्भकर्णी नींद से जागती है या नहीं और सरकार की कारगुजारियों को समझती है या नहीं ।


दूसरी बारी अफ़ज़ल गुरु की ……बस इंतज़ार करिये 2014 का ………कारण सिर्फ़ एक होगा………सत्ता पर काबिज़ रहना ……येन केन प्रकारेण ………

25 टिप्‍पणियां:

  1. सही कहा वंदना जी ओर यही होकर रहेगा

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  2. जब से कसाब की फांसी की खबर आई मैं तो बेसब्री से इसी इन्तजार में हूँ कि कब इनके बड़े -बड़े प्रवक्ता कैमरे के सामने आयें और ये कहें कि कसाब "जी" को राजकीय सम्मान के साथ दफनाया जाना चाहिए था। :)

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  3. और ये वही लोग है जो कल तक कहते थे कि मर्सी पेटीशन की प्रक्रिया एक निश्चित मापदंड से चलती है और अफजल गुरु पर इसीलिये कोई निर्णय अब तक नहीं हो पाया कि उसका नंबर तब आयेगा जब उससे पहले वालों की पेटीशन पर फैसला हो जाएगा,,,,,यदि ऐसा था तो कसब का नंबर अफजल से पहले कैसे आ गया ?

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  4. @पी.सी.गोदियाल "परचेत"जी आपका प्रश्न जायज है ये सब सरकार की खुद को बचाने की मुहिम के सिवा कुछ नहीं दिख रहा खुद को दूसरा ओबामा सिद्ध करने पर लगी है।

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  5. हर बात पर ही सिर्फ निंदा क्यों जब फंसी नहीं दी जा रही थी तब निंदा, अब देदी तब भी निंदा .....ब्लॉग्गिंग का मतलब केवल ऊँगली करना है क्या???

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  6. @Song Mirchiजी हर बात पर ऊंगली करना नही है किसी का भी उद्देश्य बस सबका इतना कहना है कि इस काम को इतनी देर से क्यों किया ? जो काम बहुत पहले कर देना चाहिये था उसे अभी चुनावों के वक्त पर ही क्यों किया ? क्या इससे सरकार की गलत मंशा साफ़ नही झलकती? अगर अफ़ज़ल गुरु को पहले फ़ांसी दे दी जाती तो आज शायद ये नौबत ही नही आती शायद 26/11 करने की आतंकवादियों की हिम्मत ही नही होती मगर वो आज भी बैठा है तो इससे क्या अर्थ निकलता है ये बात तो एक बच्चा भी समझता है कि सरकार के पास खुद को बचाने का और कोई रास्ता नही बचा और उसने देखा अमेरिका मे ओबामा ने क्या किया और दोबारा सत्ता इसी दम पर हासिल कर ली तो इन्होने भी सोचा हम भी ऐसा कर के जनता की भावनाओं से खेल सकते हैं

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  7. अरे कसाब तो डेंगू से मरा फांसी तो बहाना है जी.

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  8. ऐसे आनन-फानन और गुप्‍त तरीके से फाँसी दी गयी है जैसे लादेन को मार गिराया हो। सरकार बिना राजनीति के कोई कदम नहीं उठाती। जानती है कि जनता ऐसे भ्रामक कार्यों से भ्रमित होती रही है तो अभी भी हो जाएगी। लेकिन गुजरात में तो जनता को अन्‍तर समझ आ चुका है इसलिए यह टोटके कुछ काम नहीं आने वाले हैं।

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  9. उत्कृष्ट प्रस्तुति |
    बधाई स्वीकारें ||

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  10. कृपया ध्यान देँ कसाव को कुछ दिन पहले डेँगु हुवा था

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  11. कृपया ध्यान दे कसाव को कुछ दिन पहले डेँगु नामक बीमारी थी

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  12. कृपया ध्यान देँ कसाव को कुछ दिन पहले डेँगु हुवा था

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  13. मित्रो .. अफजल गुरु की फांसी के मामले में जब भी गृहमंत्री और दिल्ली सरकार और कांग्रेस के प्रवक्ताओ से पूछा जाता रहा है उनका एक ही दलील होता था की राष्ट्रपति के पास गृहमंत्रालय क्रम से फ़ाइल भेजता है ..और अफजल गुरु के पहले १२ आरोपिओ की फ़ाइल लम्बित पड़ी है |

    मित्रो, आज के समय में राष्ट्रपति के पास फांसी की कुल १७ फ़ाइल थी जिसमे कसाब की १७ वा नम्बर था फिर अगर कांग्रेस की दलील को सच माना जाये की भारत सरकार आरोपियों को क्रम से फांसी देती है तो फिर कसाब को बिना बारी के फांसी कैसे हो गयी ?

    फिर टीवी डिबेट में क्या कांग्रेस के सारे प्रवक्ता और केन्द्रीय मंत्री अब तक देश को बरगला रहे थे ? देश से झूठ बोल रहे थे ?

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  14. मित्रो .. अफजल गुरु की फांसी के मामले में जब भी गृहमंत्री और दिल्ली सरकार और कांग्रेस के प्रवक्ताओ से पूछा जाता रहा है उनका एक ही दलील होता था की राष्ट्रपति के पास गृहमंत्रालय क्रम से फ़ाइल भेजता है ..और अफजल गुरु के पहले १२ आरोपिओ की फ़ाइल लम्बित पड़ी है |

    मित्रो, आज के समय में राष्ट्रपति के पास फांसी की कुल १७ फ़ाइल थी जिसमे कसाब की १७ वा नम्बर था फिर अगर कांग्रेस की दलील को सच माना जाये की भारत सरकार आरोपियों को क्रम से फांसी देती है तो फिर कसाब को बिना बारी के फांसी कैसे हो गयी ?

    फिर टीवी डिबेट में क्या कांग्रेस के सारे प्रवक्ता और केन्द्रीय मंत्री अब तक देश को बरगला रहे थे ? देश से झूठ बोल रहे थे ?

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  15. बिलकुल सही कहा वंदना जी मेरे मन में भी ऐसे ही विचार आये थे

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  16. sunder blog anukarniya hai . join kar rahaa hoon . aap bhi mera blog join kar sakte hain . " 5th pillar corrouption killer "

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  17. यह एक विलम्बित क़दम है। इसलिए,अचानक तो नहीं है। हां,जिन आधारों पर गोपनीयता बरती गई,उन पर वेद प्रताप वैदिक जी ने भी सवाल खड़े किए हैं।

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  18. सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है |

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  19. कसाब की डेंगू से मौत हुई है ये आज साबित हो चुका है ....सरकार फांसी का बता कर सहानुभूति बटोरना चाहती थी :))))

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया