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सोमवार, 3 दिसंबर 2012

3 दिसम्बर ……ना भूली जा सकने वाली तारीख

नही भूल सकती आज का दिन
मेरी अबूझी पीडा में लगी एक फ़ांस
जो उम्र भर अब सिर्फ़ चुभती रहेगी
मगर पीडा को ना आकार दे पायेगी


जिसकी छाँव में जीवन गुजरा

पल पल कुसुम सा महका
और फिर एक दिन छीन लिया तुमने
आँखों से वो हर इक सपना
जो लहराता था एक बेटी के मनआँगन में
नेह का दरिया बनकर
जो था उसके जीवन का सम्बल
जहाँ जाकर भूल जाती थी वो
अपने जीवन की हर एक उलझन
जिसकी पनाह मे पाती थी
तुम्हारी गोद सा परम दुलार
कैसे कर देते हो तुम
जीवन का जीवन से बिछोह
जो तुम्हारा ही प्रतिरूप होता है
हर बेटी के जीवन की स्नेहमयी गुनगुनी धूप होता है
जिसकी छाँव तले वो निर्भय घूमा करती है
क्यों इतने निष्ठुर हो जाते हो 

जो उम्र भर का दर्द दे जाते हो
हे जीवनदाता ……क्यों आता है वो वक्त ज़िन्दगी में
जब छीन लेते हो तुम निज स्वरूप जीवनदाता को ……बेटियों से

जब तक स्वंय उस पीडा से ना गुजरो पीडा का आकलन नहीं कर सकते ।

15 टिप्‍पणियां:

  1. क्यूँ छीन लेते हो जीवन दाता को जीवन का यही अंतिम सच है पर मन है की उन यादों को एक पल के लिए भी जुदा नहीं कर सकता जहां हमारी जिन्दगी में कुछ तारीखें खुशियाँ लेकर आती हैं वहीँ कुछ तारीखें खुशियाँ छीन लेती हैं और वो सब हमारे जेहन में हर वक़्त ताजा रहती हैं साझा करने से दुःख कम होता है यहाँ हम सब ब्लोगेर्स वो कंधा है जिस पर सर टिका कर हम सब एक दुसरे से अपना सुख दुःख बाँट सकते हैं हम इस वक़्त भी तुम्हारे साथ हैं

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  2. दुःख झलक रहा है. परन्तु कुछ बातें इंसान के हाथ में नहीं होतीं.बस यादें होती हैं.जिन्हें बाँट कर हम दुःख थोडा कम कर लिया करते हैं.

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  3. जो आया है उसे जाना ही है .... भाव प्रवण रचना ...

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  4. कुछ तारीखें ऐसी ही होती हैं जो कभी नहीं भूली जा सकती हैं लेकिन उन्हें भी जीना पड़ता है और जी कर हमें भी जिन्दा रहना होता है।

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  5. इस कसमकस भरी जिन्दगी में कुछ तारीखे ऐसी आती हैं जो ताउम्र याद रहती है और वो दुखी व निचोड़ कर चली जाती है .. पर दुःख बांटे बंट जाता है ..

    खुश रहिये - खुश रखिये ...

    मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/11/3.html

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  6. भावमय करते शब्‍दों का संगम है यह अभिव्‍यक्ति

    आभार इस प्रस्‍तुति के लिये

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  7. यादें दिल में बस जाती हैं
    तारीखें यादें ताज़ा कर जाती हैं ....!!!

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  8. किसी का बिछड़ना सदा ही दुखद होता ...पर जीवन की यही रीत है ..मर्मस्पर्शी भाव मन तक पहुचे

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  9. किसी का बिछड़ना सदा ही दुखद होता ...पर जीवन की यही रीत है ..मर्मस्पर्शी भाव मन तक पहुचे

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  10. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल 4/12/12को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका स्वागत है

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  11. गहन पीड़ा झलकाती बहुत भावप्रबल रचना .....धैर्य अपना सबसे सच्चा साथी है .....उसी को साथ रखिए ......

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  12. आपके दुःख को समझ सकता हूं मैं ... ये पीड़ा भी उम्र भर साथ रहती है ... इंसान के हाथ कुछ नहीं होता ...

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया