पेज

शनिवार, 25 जुलाई 2015

सिहरन इश्क की

इश्क के सुलगते चूल्हे बुझाने को कम है सारे संसार का पानी और तुम डुबाना चाहते हो खारे समंदर में .........मैंने रातों की नदियों में उतारी है कश्ती दिल की जहाँ पार जाने का कोई इरादा नहीं .........चलो , चलो तुम भी अपने अक्षांश से , चलूँ मैं भी अपने ध्रुव से ........एक अजनबियत के सफ़र पर जिनके न मोड़ होते हैं और न ही मंजिलें .......यहाँ ढहने को न बुर्ज हैं न मीनारें ............जहाँ मेरी रातों ने सुबहों से अदावत की है वहां एक चिलम इश्क की सुलगाने को उम्र की कितनी ही नज़रें उतारों तुम .........मेरे आस्मां का रंग नहीं बदलने वाला ...........मेरे इश्क का रंग नहीं है सफ़ेद , नीला , पीला , लाल या हरा ........स्याह कालिमाओं पर भी कभी दूजे रंग चढ़े हैं क्या भला ?

कुछ खतों के जवाब नहीं हुआ करते और कुछ कभी कहीं पहुंचा नहीं करते ............जैसे ये !!!

सिहरन इश्क की जवाबों की मोहताज नहीं होती जानां ..........

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (26-07-2015) को
    "व्यापम और डीमेट घोटाले का डरावना सच" {चर्चा अंक-2048}
    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (26-07-2015) को
    "व्यापम और डीमेट घोटाले का डरावना सच" {चर्चा अंक-2048}
    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह वाह...बेहतरीन भावपूर्ण रचना..अनंत शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया