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गुरुवार, 15 जनवरी 2009

अब तो आ जाओ

मेरे दर्द को चेहरे से पढने वाले
मेरे प्यार को आंखों से महसूस करने वाले
मेरे ख्वाबों को अपने ख्वाब बनाने वाले
मेरे हर अहसास को ख़ुद जीने वाले
मेरी धड़कन को अपनी धड़कन बनाने वाले
मेरे हर आंसू को ख़ुद पि जाने वाले
मेरे हर ज़ख्म पर मरहम बन लग जाने वाले
कहाँ हो तुम, कब मिलोगे
जन्मों बीत गए
अब तो आ जाओ
अपनी इक झलक
दिखला जाओ
मुझे मुझसे ज्यादा जानने वाले
मुझे मुझसे मिलाने वाले
अब तो आ जाओ
अब तो आ जाओ

5 टिप्‍पणियां:

  1. आज तो आपका ब्लोग ब्लोगवाणी पर भी देखने लगा। बधाई। फिर से एक अच्छी रचना।
    मेरे ख्वाबों को अपने ख्वाब बनाने वाले
    सुन्दर सपना।

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  2. bahut sundar prem kavita

    मुझे मुझसे ज्यादा जानने वाले
    मुझे मुझसे मिलाने वाले..

    badhai .. is par ek accha geet ban sakta hai .. aap ga lo record karo aur , publish karo

    जवाब देंहटाएं

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