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बुधवार, 17 नवंबर 2010

मै तो

मै तो हर समय
खूबसूरत समय
मे जीती हूँ
ख्वाब मे नही
जीती हूँ
हकीकत के
धरातल पर
समय से
लड्ती हूँ

और समय को
अपने पल्लू मे
बाँध लेती हूँ

27 टिप्‍पणियां:

  1. इस ज़ज़्बे को सलाम! बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    विचार-श्री गुरुवे नमः

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  2. समय से
    लड्ती हूँ
    और समय को
    अपने पल्लू मे
    बाँध लेती हूँ
    ...sach mein jisne samay ko pahchan liya use pachhtana nahi padta..
    bahut sundar prastuti.

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  3. मै तो हर समय
    खूबसूरत समय
    मे जीती हूँ
    ख्वाब मे नही
    जीती हूँ
    इन पंक्तियों ने दिल छू लिया......बहुत सुंदर ....रचना....

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  4. bahan vndnaa ji dhraatl pr ho jine ka yeh andaz vyvharik he behtrin vichaar or behtrin rchnaa mubark ho. akhtar khan akela kota rajsthan

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  5. आपका जज्बा नारी को आत्मसम्मान की नई ऊंचाई पर ले जायेगा.. सुन्दर कविता...

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  6. यदि जीवन जीने में लग जायें तो समय पल्लू में बँध जाता है। बहुत सुन्दर कविता।

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  7. समय की महत्ता रेखांकित करती पंक्तियाँ.

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  8. बहोत ही सुंदर प्रस्तुति..................

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  9. सार्थक सोच की सुंदर अभिव्यक्ति ।

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  10. समय से
    लड्ती हूँ
    और समय को
    अपने पल्लू मे
    बाँध लेती हूँ
    --
    बहुत बढ़िया क्षणिका प्रस्तुत की है आपने!
    --
    अब आपकी सफलता का राज समझ में आ गया है!

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  11. वाह! अब जब आपने समय को ही पल्लू में बाँध लिया तो फिर उससे ख़ूबसूरत समय और क्या हो सकता है.....

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  12. समय को अपने पल्लू से बाँध लेना बहुत बड़ी कला है . जिसे आगई वह न सदैव सच्चाई के धरातल पर रह सकता है बल्कि सहजता से उन्हें आत्मसाध भी कर लेता है ....बहुत भड़िया .

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  13. जिसके पल्लू में समय बंधा हो ...
    हकीकत में भी खूबसूरत समय में जीता है !

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  14. बहुत खूब ... समय को बांधना ... लाजवाब कल्पना है ... पर आसान नहीं .. इस ज़ज़्बे को सलाम ....

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  15. समय को पल्लू में बांध लेने का काम काफी कठिन है
    आप इस कठिन काम को सरलता से कर पा रही है इसके लिए आपको बधाई

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  16. समय के धरातल पर हकीकत से लड़ना ही जिंदगी की खूबसूरती है। सही बात है।

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  17. ख़्वाब में नहीं
    जीती हूं
    हकी़कत के
    धरातल पर

    आत्मविश्वास से परिपूर्ण कविता।

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  18. bahut hi complex compositions. practicality aur emotions dono hi ek saath bandhe hue hai ...amazing post ..vandana , this is one of your very bests.

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  19. बस यही कला मुझे भी सीखनी है...

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  20. vandana ji
    bahut hi sarthak aurumda soch .kash!aapki tarah sabhi ke man me sakaratmkpurn vichar banane lage to kam se kam nirashavaadi pravriti thodi to kam ho hi jayegi.is sakaratmak vichar ke liye aapko badhai .apni is soch par nirasha vaad ko na haavi hone dijiyega.
    poonam

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  21. पंक्तियों ने दिल छू लिया......बहुत सुंदर ....रचना....

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया