पेज

मंगलवार, 7 जून 2011

इस देश का यारों क्या कहना……… ये देश है कसाबों का गहना

ये देश है भ्रष्टाचारियों का
सत्ता के लोलुपों का
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
यहाँ ए के 47 चलाने वाले
सर आँखों पर बैठाये जाते हैं
घर जँवाई बनाये जाते हैं
और घरवालो को घर से
निकाला जाता है
कार्यवाहियाँ की जाती हैं
बेमौत मरवाया जाता है
कानून का डर दिखाया जाता है
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना

यहाँ पीठ मे छुरियाँ भोंकी जाती हैं
जनता की कमाई खायी जाती है
और जनता ही पिटवायी जाती है
इसी दिन के लिये तो जनता मे
चुनावो मे मिठाइयाँ बँटवाई जाती हैं
अब भुगतने का वक्त आया तो
जनता की गर्दने फ़ँसायी जाती हैं
जोर आजमाइशे अपनाई जाती हैं
और अपनी कुर्सियाँ बचाई जाती हैं
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना

यहाँ झूठी शक्लें सरकारों की
यहाँ जय जयकार होती है कसाबो की
नित नित नये घोटाले होते हैं
स्विस बैंके मे पैसे जमा होते हैं
जाँच आयोग बैठाये जाते हैं
अपने कर्मी बचाये जाते हैं
सिर्फ़ ईमानदार मरवाये जाते हैं
देश हित की आवाज़ उठाने वाले ही
आन्दोलन चलाने वाले ही
जेल मे डलवाये जाते हैं
इस देश का यारो क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना

30 टिप्‍पणियां:

  1. क्रांति का विगुल फूंकने वाली कविता... बहुत दमदार.... समसामयिक...

    जवाब देंहटाएं
  2. आज के वर्तमान परिपेक्ष्य के लिए एक सार्थक अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं
  3. आपने बिल्कुल सही कहा है, देश के हालात की कटु सच्चाई को बखूबी बयान करती कविता के लिये बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  4. आज के समय पर टिप्पणी करती सार्थक कविता...

    जवाब देंहटाएं
  5. देश के हालात पर सही चुटकी ली है आपने ... बहुत खूब ...

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सटीक व्यंग्य है वंदना जी.....शानदार....

    जवाब देंहटाएं
  7. सच्चाई दिखाती प्राभावशाली कविता.

    जवाब देंहटाएं
  8. अक्षरश: सत्‍य कहा है ... सटीक एवं सार्थक अभिव्‍यक्ति ।

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहद सुन्दर समसामयिक अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत ही प्यारी किन्तु तीखी रचना है, शब्द भेदी बड़ों कि तरह प्रतीत होती है....काश ये हमारे देश के निति-निर्धारकों को समझ आती !
    इस ओर ध्यान खीचने के लिए आभार !
    कभी समय मिले तो यहाँ भी घुमने आयें http://mukesh4you.blogspot.com
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही प्यारी किन्तु तीखी रचना है, शब्द भेदी बड़ों कि तरह प्रतीत होती है....काश ये हमारे देश के निति-निर्धारकों को समझ आती !
    इस ओर ध्यान खीचने के लिए आभार !
    कभी समय मिले तो यहाँ भी घुमने आयें http://mukesh4you.blogspot.com
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  12. आज के हालात पर बहुत सुन्दर चित्रण किया है।….. धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  13. आदरणीया वंदना जी

    सादर नमस्कार !

    हिंदुस्तान के हर ईमानदार नागरिक की पीड़ा और भावनाओं की अभिव्यक्ति है आपकी रचना में
    ये देश है कसाबों का गहना
    यहाँ ए के 47 चलाने वाले
    सर आँखों पर बैठाये जाते हैं
    घर जँवाई बनाये जाते हैं
    और घरवालो को घर से
    निकाला जाता है
    कार्यवाहियाँ की जाती हैं
    बेमौत मरवाया जाता है


    ऐसी दोगली और मूल नागरिक विरोधी सरकार को धिक्कार है …

    आवश्यक भावों को संप्रेषित करती आपकी इस रचना के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    जवाब देंहटाएं
  14. देश को चोट्टों ने बर्बाद करके रख दिए हैं ! बढ़िया रचना !

    जवाब देंहटाएं
  15. इस देश का यारों क्या कहना ? वाकई...

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत सुन्दर रचना!
    आज ऐसे ही जन-जारण की जरूरत है!

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत ही सामयिक रचना, व्यंग्य के तड़के के साथ...बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
  18. यहाँ झूठी शक्लें सरकारों की
    यहाँ जय जयकार होती है कसाबो की
    नित नित नये घोटाले होते हैं
    स्विस बैंके मे पैसे जमा होते हैं
    जाँच आयोग बैठाये जाते हैं
    अपने कर्मी बचाये जाते हैं
    सिर्फ़ ईमानदार मरवाये जाते हैं
    देश हित की आवाज़ उठाने वाले ही
    आन्दोलन चलाने वाले ही
    जेल मे डलवाये जाते हैं
    इस देश का यारो क्या कहना
    ये देश है कसाबों का गहना... bahut hi badhiyaa

    जवाब देंहटाएं
  19. कम से कम इन पर तो दया न दिखायी जाये।

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत सुंदर ओर सत्य बात कही आप ने अपनी इस कविता मे

    जवाब देंहटाएं
  21. जोश से लबरेज़ संदेश और ओज जगाती कविता बहुत पसंद आई!
    सच्चाई को दर्शाती दिल को छू लेने वाली कविता !

    जवाब देंहटाएं
  22. सटीक अभिव्यक्ति...समसामयिक रचना

    जवाब देंहटाएं
  23. बढ़िया पैरोडी बनायीं है ..सत्य को कहती हुई ..

    जवाब देंहटाएं
  24. बहुत सुन्दर और सटीक रचना लिखा है आपने! सच्चाई को बखूबी शब्दों में पिरोया है! इस सार्थक रचना के लिए बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  25. ये देश है कसाबों का गहना
    वंदनाजी इस पंक्ति पर हाय कुर्बान कहने को जी चाहता हैं आपने सचमुच आनंद ला दिया क्या करूँ मुरीद हो जाऊं आपका.
    बेहतरीन प्रासंगिक चित्रापमयी रचना. अभी तक मुझे ऐसा लगता था कि आप सिर्फ प्रेम की गंभीर अभिव्यक्तियों को ही व्यक्त करती हैं पर कुछ रचनायें आप में छिपे किसी गहरे व्यंग्यकार से परिचय कराती है.अपने दोनो हुनर को बनाये रखियें.

    जवाब देंहटाएं

अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया