ये देश है भ्रष्टाचारियों का
सत्ता के लोलुपों का
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
यहाँ ए के 47 चलाने वाले
सर आँखों पर बैठाये जाते हैं
घर जँवाई बनाये जाते हैं
और घरवालो को घर से
निकाला जाता है
कार्यवाहियाँ की जाती हैं
बेमौत मरवाया जाता है
कानून का डर दिखाया जाता है
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
यहाँ पीठ मे छुरियाँ भोंकी जाती हैं
जनता की कमाई खायी जाती है
और जनता ही पिटवायी जाती है
इसी दिन के लिये तो जनता मे
चुनावो मे मिठाइयाँ बँटवाई जाती हैं
अब भुगतने का वक्त आया तो
जनता की गर्दने फ़ँसायी जाती हैं
जोर आजमाइशे अपनाई जाती हैं
और अपनी कुर्सियाँ बचाई जाती हैं
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
यहाँ झूठी शक्लें सरकारों की
यहाँ जय जयकार होती है कसाबो की
नित नित नये घोटाले होते हैं
स्विस बैंके मे पैसे जमा होते हैं
जाँच आयोग बैठाये जाते हैं
अपने कर्मी बचाये जाते हैं
सिर्फ़ ईमानदार मरवाये जाते हैं
देश हित की आवाज़ उठाने वाले ही
आन्दोलन चलाने वाले ही
जेल मे डलवाये जाते हैं
इस देश का यारो क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
सत्ता के लोलुपों का
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
यहाँ ए के 47 चलाने वाले
सर आँखों पर बैठाये जाते हैं
घर जँवाई बनाये जाते हैं
और घरवालो को घर से
निकाला जाता है
कार्यवाहियाँ की जाती हैं
बेमौत मरवाया जाता है
कानून का डर दिखाया जाता है
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
यहाँ पीठ मे छुरियाँ भोंकी जाती हैं
जनता की कमाई खायी जाती है
और जनता ही पिटवायी जाती है
इसी दिन के लिये तो जनता मे
चुनावो मे मिठाइयाँ बँटवाई जाती हैं
अब भुगतने का वक्त आया तो
जनता की गर्दने फ़ँसायी जाती हैं
जोर आजमाइशे अपनाई जाती हैं
और अपनी कुर्सियाँ बचाई जाती हैं
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
यहाँ झूठी शक्लें सरकारों की
यहाँ जय जयकार होती है कसाबो की
नित नित नये घोटाले होते हैं
स्विस बैंके मे पैसे जमा होते हैं
जाँच आयोग बैठाये जाते हैं
अपने कर्मी बचाये जाते हैं
सिर्फ़ ईमानदार मरवाये जाते हैं
देश हित की आवाज़ उठाने वाले ही
आन्दोलन चलाने वाले ही
जेल मे डलवाये जाते हैं
इस देश का यारो क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना
क्रांति का विगुल फूंकने वाली कविता... बहुत दमदार.... समसामयिक...
जवाब देंहटाएंuttam rachna
जवाब देंहटाएंआज के वर्तमान परिपेक्ष्य के लिए एक सार्थक अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना ...क्या कहना ..
जवाब देंहटाएंआपने बिल्कुल सही कहा है, देश के हालात की कटु सच्चाई को बखूबी बयान करती कविता के लिये बधाई!
जवाब देंहटाएंआज के समय पर टिप्पणी करती सार्थक कविता...
जवाब देंहटाएंदेश के हालात पर सही चुटकी ली है आपने ... बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक व्यंग्य है वंदना जी.....शानदार....
जवाब देंहटाएंसच्चाई दिखाती प्राभावशाली कविता.
जवाब देंहटाएंअक्षरश: सत्य कहा है ... सटीक एवं सार्थक अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर समसामयिक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी किन्तु तीखी रचना है, शब्द भेदी बड़ों कि तरह प्रतीत होती है....काश ये हमारे देश के निति-निर्धारकों को समझ आती !
जवाब देंहटाएंइस ओर ध्यान खीचने के लिए आभार !
कभी समय मिले तो यहाँ भी घुमने आयें http://mukesh4you.blogspot.com
धन्यवाद
बहुत ही प्यारी किन्तु तीखी रचना है, शब्द भेदी बड़ों कि तरह प्रतीत होती है....काश ये हमारे देश के निति-निर्धारकों को समझ आती !
जवाब देंहटाएंइस ओर ध्यान खीचने के लिए आभार !
कभी समय मिले तो यहाँ भी घुमने आयें http://mukesh4you.blogspot.com
धन्यवाद
waah bahut khoob
जवाब देंहटाएंchha jaanewaali rachanaa
आज के हालात पर बहुत सुन्दर चित्रण किया है।….. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है आपने-आपकी इस पोस्ट का लिंक यहाँ भी है
जवाब देंहटाएंसादर
आदरणीया वंदना जी
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार !
हिंदुस्तान के हर ईमानदार नागरिक की पीड़ा और भावनाओं की अभिव्यक्ति है आपकी रचना में
ये देश है कसाबों का गहना
यहाँ ए के 47 चलाने वाले
सर आँखों पर बैठाये जाते हैं
घर जँवाई बनाये जाते हैं
और घरवालो को घर से
निकाला जाता है
कार्यवाहियाँ की जाती हैं
बेमौत मरवाया जाता है
ऐसी दोगली और मूल नागरिक विरोधी सरकार को धिक्कार है …
आवश्यक भावों को संप्रेषित करती आपकी इस रचना के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
देश को चोट्टों ने बर्बाद करके रख दिए हैं ! बढ़िया रचना !
जवाब देंहटाएंइस देश का यारों क्या कहना ? वाकई...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंआज ऐसे ही जन-जारण की जरूरत है!
बहुत ही सामयिक रचना, व्यंग्य के तड़के के साथ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंयहाँ झूठी शक्लें सरकारों की
जवाब देंहटाएंयहाँ जय जयकार होती है कसाबो की
नित नित नये घोटाले होते हैं
स्विस बैंके मे पैसे जमा होते हैं
जाँच आयोग बैठाये जाते हैं
अपने कर्मी बचाये जाते हैं
सिर्फ़ ईमानदार मरवाये जाते हैं
देश हित की आवाज़ उठाने वाले ही
आन्दोलन चलाने वाले ही
जेल मे डलवाये जाते हैं
इस देश का यारो क्या कहना
ये देश है कसाबों का गहना... bahut hi badhiyaa
कम से कम इन पर तो दया न दिखायी जाये।
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना
जवाब देंहटाएंबधाई हो आपको - विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत सुंदर ओर सत्य बात कही आप ने अपनी इस कविता मे
जवाब देंहटाएंजोश से लबरेज़ संदेश और ओज जगाती कविता बहुत पसंद आई!
जवाब देंहटाएंसच्चाई को दर्शाती दिल को छू लेने वाली कविता !
सटीक अभिव्यक्ति...समसामयिक रचना
जवाब देंहटाएंबढ़िया पैरोडी बनायीं है ..सत्य को कहती हुई ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सटीक रचना लिखा है आपने! सच्चाई को बखूबी शब्दों में पिरोया है! इस सार्थक रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंये देश है कसाबों का गहना
जवाब देंहटाएंवंदनाजी इस पंक्ति पर हाय कुर्बान कहने को जी चाहता हैं आपने सचमुच आनंद ला दिया क्या करूँ मुरीद हो जाऊं आपका.
बेहतरीन प्रासंगिक चित्रापमयी रचना. अभी तक मुझे ऐसा लगता था कि आप सिर्फ प्रेम की गंभीर अभिव्यक्तियों को ही व्यक्त करती हैं पर कुछ रचनायें आप में छिपे किसी गहरे व्यंग्यकार से परिचय कराती है.अपने दोनो हुनर को बनाये रखियें.