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सोमवार, 2 जनवरी 2012

बता सकते हो………

आज भी
मोहब्बत को
दुल्हन बनाते हो क्या?
आज भी
चाहत की
माँग सज़ाते हो क्या ?
नेह के सिंदूरी रंग से
मेरी तस्वीर सजाते हो क्या?
नज़र ना लग जाये
इस डर से आज भी
नज़र का टीका
अपने अधरों से लगाते हो क्या?
ख्वाब काँच से
नाज़ुक होते हैं
और ख्वाब से भी
नाज़ुक हो तुम
इन अल्फ़ाज़ों को
आज भी दोहराते हो क्या?
गर दोहराते हो
तो सच सच बताना
जवाब जरूर देना
क्यों छोडा फिर
तुमने मुझे?
क्यों तन्हाई को मेरा
अक्स सौंपा
क्यों मेरे वज़ूद को
टुकडेटुकडे किया
बता सकते हो
वो सच था
या
ये सच है?

34 टिप्‍पणियां:

  1. भावमय करते शब्‍दों का संगम ... ।

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  2. ye to nahi bata sakte par ....bahut sundarta se pucha gaya prasna jab ...rachnakar ki kalam ki kalam rupi dor me gutha gaya to aur bhi sundar ho gaya ....so nice

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  3. सच तो प्रेम ही जानता है ... या उनका दिल ...
    आपको नव वर्ष की मंगल कामनाएं ....

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  4. एक नाज़ुक सवाल ....
    क्या आज भी गुज़रे वक्त को याद कर के दोहराते हो क्या ....?
    शुभकामनाएँ!

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  5. बहुत सुन्दर भावमयी प्रस्तुति....नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें...

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  6. नव वर्ष की मंगल कामनाएं ....खूबसूरत कविता...

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  7. ख्वाब काँच से नाज़ुक होते हैं
    और ख्वाब से भी नाज़ुक हो तुम
    और फिर नाज़ुक की संभाल भी तो बहुत नाजुकता मांगती है ...
    सुन्दर रचना

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  8. कठिन प्रश्न पूछ लिया ... खूबसूरती से लिखी भावप्रवण रचना ..

    नव वर्ष की शुभकामनायें

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  9. सच तो यही है कि सब कुछ हर पल बदल रहा है...तो हर पल जो भी जैसा है वही सच है...सुंदर अभिव्यक्ति!

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  10. इस प्रश्न का उत्तर मिलना आसान नहीं है

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  11. भावपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  12. बहुत अच्छी भावमयी रचना .. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं

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  13. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    नव वर्ष की शुभकामनायें|

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  14. सुंदर रचना !

    आभार !
    नए साल की हार्दिक बधाई आपको !

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  15. भावपूर्ण और प्रभावशाली रचना । नववर्ष कि शुभकामनाएँ ।

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  16. वाह वाह वंदना जी, काफी असरदार और सार्थक रचना के लिए बधाई...........

    ये नव - वर्ष आप एवं आपके परिवार लिए
    विशेष सुख - शांतिमय, हर्ष - आनंदमय,
    सफलता - उन्नति - यश - कीर्तिमय और
    विशेष स्नेह - प्रेम एवं सहयोगमय हो !!!!

    ---------------------------------

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  17. कुछ सवाल-सवाल ही रहते है...जवाब देना न आसान होता है?.......

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  18. जो विचलित न कर दे वह स्त्री नहीं है
    और जो विचलित हो जाए वह पुरूष नहीं है

    लिखते जाओ और लिखते ही चले जाओ
    नया वर्ष यही कहता है मुझसे और आपसे

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  19. सवालों से भरी सुन्दर पोस्ट|

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  20. बहुत सुन्दर भावोक्ति!...नूतन वर्ष मंगलमय हो...ढेरों शुभकामनाएं!

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  21. एक बुत ही सुन्दर कृति!...नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं!

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  22. सदा से अनुत्तरित प्रश्न।
    नव वर्ष की शुभकामनाएं।

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  23. वाकई आपको पढना सुखद लगता है।
    बहुत सुंदर

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  24. sach hee kahnaa sunnaa jaantaa
    to sadaa saath rahtaa
    chhodtaa hee nahee

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  25. आपके उठाये सवालों का आसान जवाब किसी के पास नहीं और जिससे पूंछा है उसके पास तो बिलकुल भी नहीं.भावमय करते शब्द

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  26. आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
    बहुत ख़ूबसूरत रचना !

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  27. गर दोहराते हो
    तो सच सच बताना
    जवाब जरूर देना
    क्यों छोडा फिर
    तुमने मुझे?
    क्यों तन्हाई को मेरा
    अक्स सौंपा
    क्यों मेरे वज़ूद को
    टुकडे –टुकडे किया
    बता सकते हो
    वो सच था
    या
    ये सच है?
    bahut hi sundar..... aankhe bhar aayi... behad umda

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  28. इन सवालों का जवाब ही होता तो क्या बात थी ?

    प्रेम और सिर्फ प्रेम !

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