आज
भी
मोहब्बत
को
दुल्हन
बनाते हो क्या?
आज
भी
चाहत
की
माँग
सज़ाते हो क्या ?
नेह
के सिंदूरी रंग से
मेरी
तस्वीर सजाते हो क्या?
नज़र
ना लग जाये
इस
डर से आज भी
नज़र
का टीका
अपने
अधरों से लगाते हो क्या?
ख्वाब
काँच से
नाज़ुक
होते हैं
और
ख्वाब से भी
नाज़ुक
हो तुम
इन
अल्फ़ाज़ों को
आज
भी दोहराते हो क्या?
गर
दोहराते हो
तो
सच सच बताना
जवाब
जरूर देना
क्यों
छोडा फिर
तुमने
मुझे?
क्यों
तन्हाई को मेरा
अक्स
सौंपा
क्यों
मेरे वज़ूद को
टुकडे –टुकडे किया
बता
सकते हो
वो
सच था
या
ये सच है?
भावमय करते शब्दों का संगम ... ।
जवाब देंहटाएंye to nahi bata sakte par ....bahut sundarta se pucha gaya prasna jab ...rachnakar ki kalam ki kalam rupi dor me gutha gaya to aur bhi sundar ho gaya ....so nice
जवाब देंहटाएंसच तो प्रेम ही जानता है ... या उनका दिल ...
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष की मंगल कामनाएं ....
एक नाज़ुक सवाल ....
जवाब देंहटाएंक्या आज भी गुज़रे वक्त को याद कर के दोहराते हो क्या ....?
शुभकामनाएँ!
kya aasaan hoga jawaab ?
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावमयी प्रस्तुति....नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंabhilashaaon ki kaliyan khilaati prastuti.bahut sundar.
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की मंगल कामनाएं ....खूबसूरत कविता...
जवाब देंहटाएंख्वाब काँच से नाज़ुक होते हैं
जवाब देंहटाएंऔर ख्वाब से भी नाज़ुक हो तुम
और फिर नाज़ुक की संभाल भी तो बहुत नाजुकता मांगती है ...
सुन्दर रचना
कठिन प्रश्न पूछ लिया ... खूबसूरती से लिखी भावप्रवण रचना ..
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें
सच तो यही है कि सब कुछ हर पल बदल रहा है...तो हर पल जो भी जैसा है वही सच है...सुंदर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंइस प्रश्न का उत्तर मिलना आसान नहीं है
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी भावमयी रचना .. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें|
सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंआभार !
नए साल की हार्दिक बधाई आपको !
भावपूर्ण और प्रभावशाली रचना । नववर्ष कि शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंवाह वाह वंदना जी, काफी असरदार और सार्थक रचना के लिए बधाई...........
जवाब देंहटाएंये नव - वर्ष आप एवं आपके परिवार लिए
विशेष सुख - शांतिमय, हर्ष - आनंदमय,
सफलता - उन्नति - यश - कीर्तिमय और
विशेष स्नेह - प्रेम एवं सहयोगमय हो !!!!
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सुंदर भावभरी रचना।
जवाब देंहटाएंVAH BAHUT HI SUNDAR RACHANA ... ABHAR VANDANA JI
जवाब देंहटाएंbhaavon se paripoorn
जवाब देंहटाएंhappy new year 2012.
कुछ सवाल-सवाल ही रहते है...जवाब देना न आसान होता है?.......
जवाब देंहटाएंजो विचलित न कर दे वह स्त्री नहीं है
जवाब देंहटाएंऔर जो विचलित हो जाए वह पुरूष नहीं है
लिखते जाओ और लिखते ही चले जाओ
नया वर्ष यही कहता है मुझसे और आपसे
सवालों से भरी सुन्दर पोस्ट|
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावोक्ति!...नूतन वर्ष मंगलमय हो...ढेरों शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंएक बुत ही सुन्दर कृति!...नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंसदा से अनुत्तरित प्रश्न।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएं।
वाकई आपको पढना सुखद लगता है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
sach hee kahnaa sunnaa jaantaa
जवाब देंहटाएंto sadaa saath rahtaa
chhodtaa hee nahee
बढिया है. नववर्ष मंगलमय हो.
जवाब देंहटाएंआपके उठाये सवालों का आसान जवाब किसी के पास नहीं और जिससे पूंछा है उसके पास तो बिलकुल भी नहीं.भावमय करते शब्द
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत रचना !
गर दोहराते हो
जवाब देंहटाएंतो सच सच बताना
जवाब जरूर देना
क्यों छोडा फिर
तुमने मुझे?
क्यों तन्हाई को मेरा
अक्स सौंपा
क्यों मेरे वज़ूद को
टुकडे –टुकडे किया
बता सकते हो
वो सच था
या
ये सच है?
bahut hi sundar..... aankhe bhar aayi... behad umda
इन सवालों का जवाब ही होता तो क्या बात थी ?
जवाब देंहटाएंप्रेम और सिर्फ प्रेम !