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शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

सिर्फ कोहिनूर ही मुकुट में जड़े जाते हैं ...........

सिन्दूर ,बिंदिया
बिछुए , मंगलसूत्र
कितने आवरण ओढा दिए 
सिर्फ एक सच को 
ढांपने के लिए
अस्तित्व बोध ना 
होने देने  के लिए 
सात भांवरों की दुहाई 
तो कभी सात 
वचनों के पैरहन 
ओढाये जाते रहे 
और मैं बावरी 
इन्ही आवरणों में
खुद के अस्तित्व को
ढूंढती रही
गलतफहमियों के 
लिबास ओढती रही
कभी ताबीज बना
तो कभी जंजीर बना
तुम्हारे वजूद को 
जिस्म से लपेटती रही
करवाचौथ के व्रत में
अपनी मोहब्बत की उम्र की
आहुति देती रही 
नहीं जानती थी
खोखली दीवारें 
रेत के  महल
और ताश के पत्तों 
से बने पिरामिड 
ढहने के लिए ही होते हैं
जानकर या शायद 
अनजाने में 
भूल गयी थी 
इस सच्चाई को
लिबास तो बदलने
के लिए होते हैं  
सिर्फ कोहिनूर ही मुकुट में जड़े जाते हैं ...........

36 टिप्‍पणियां:

  1. Nice post .

    हमें हकीक़त का ज्ञान हो जाए तो यह पीड़ा निर्मूल जाती है .

    http://vedquran.blogspot.com/2011/12/salvation.html

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  2. स्वीकृति , फिर दर्द - फिर सत्य और वक़्त !

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  3. सात भांवरों की दुहाई
    तो कभी सात
    वचनों के पैरहन
    ओढाये जाते रहे
    और मैं बावरी
    इन्ही आवरणों में
    खुद के अस्तित्व को
    ढूंढती रही
    मन को छू गई आप की यह रचना

    जवाब देंहटाएं
  4. हकीकत बयान करती अभिव्यक्ति है वंदना जी आपकी कविता शायद इसे भी जिन्दगी का नाम दिया जाए. बधाई

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  5. एक बडी सच्चाई , हां ये जुदा बात है कि जरूरी नहीं कि कोहिनूर का दिल भी यही चाहता हो

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  6. उत्कृष्ट रचना, मगर कोहिनूर का महत्व अपनी जगह है और लिवास का अपनी जगह ! बस महत्व पारखी नजर अगर हो तो ! आपको नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

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  7. सच कहा आपने. सुंदर रचना. आभार.

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  8. आखिरी बात तो मन जीतने वाली है....नव वर्ष कि शुभकामनायें आपको और आपके प्रियजनों को|

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  9. मिजाज क्यों बदला हुआ है मैडम :)नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें.

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  10. बहुत खूब वंदना जी ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://aapki-pasand.blogspot.com/

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  11. गहन अभिवयक्ति........ नववर्ष की शुभकामनायें

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  12. बहुत सुंदर प्रस्तुती बेहतरीन रचना,.....
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..
    मै आपका नियमित पाठक हूँ आपसे हमेशा अनुरोध किया पोस्ट पर आने के लिये...शायद आपके पास मेरे पोस्ट में आने के लिए समय न मिलता हो,....आइये आपका स्वागत है मेरी..

    नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...

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  13. मन के भावों को सटीक शब्द दिए हैं ... सुन्दर प्रस्तुति

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  14. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
    आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं...........

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  15. आज मुकुट महलों में शापित,
    विश्व बन गया जनमन शासित।

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  16. गहन भावों के साथ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति

    नववर्ष की अनंत शुभकामनाएं ।

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  17. सुन्दर रचना...
    सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!

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  18. बहुत-बहुत सुन्दर !
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
    आभार !

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  19. शब्द शब्द में एक गहन सोच झलकती हैं ...
    बहुत खूब




    नया साल मंगलमय हो

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  20. बेहतरीन अभिवयक्ति.....नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.....

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  21. सुन्दर रचना । वन्दना जी नववर्ष मंगलमय हो

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  22. सुन्दर रचना । वन्दना जी नववर्ष मंगलमय हो

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  23. नये वर्ष की शुभकामनेओं के साथ,दर्द का अहसास
    कराती हुई रचना को समर्पित कुछ पंतियां-
    सिर्फ बंधन नारियों के ही लिये क्यों,
    ढ़ूढ़ता हूँ पर नहीं मिलता है उत्तर।
    नारियों को जिसने है भोग्या बनाया,
    मैं तो उसको कह नहीं सकता हूँ ईश्वर।
    नारियाँ कितने सितम सहती अभी भी,
    कहते हैं अर्धांगनी पर होती नौकर।
    जाग जा बेटी औ बहना औ मेरी माँ,
    हो गई है अब अति न तू सहन कर।

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  24. बहुत बेहतरीन.......
    नववर्ष मंगलमय हो

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  25. बहुत सुन्दर.....नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये

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  26. बहुत सुन्दर रचना.
    नए वर्ष की हार्दिक बधाई.

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  27. बहुत गहन अभिव्यक्ति ....आप को सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

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  28. बहोत अच्छा लगा आपका ब्लॉग पढकर ।

    नया हिंदी ब्लॉग

    हिन्दी दुनिया ब्लॉग

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