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रविवार, 4 मार्च 2012

यूँ ही नहीं राधा को मोहन मिला करते...........


चाहत कोई भी हो
कैसी भी हो
किसी की भी हो
एक बार नैराश्य के 
भंवर में जरूर डूबती है
फिर भी इंसान चाहत की 
पगडण्डी नहीं छोड़ता
एक आस का पंछी
उसके मन की मुंडेर पर
उम्र भर चहचहाता रहता है
उसे जीने की एक वजह 
देता रहता है
गर आस ना हो 
तो शायद जीवन नीरस हो जाये
और रसहीन तो कभी
मानव के हलक से कुछ
उतरा ही नहीं
नवरस से ओत- प्रोत 
उसका अस्तित्व कैसे 
रसहीन जीवन जी सकता है
शायद तभी नैराश्य में भी
एक आस का बादल 
लहलहाता है
और दुष्कर , दुश्वार जीवन में भी
आस के बीज बो जाता है
जीवन चक्रव्यूह से लड़ने के लिए
उसे भेदने के लिए
और लक्ष्य को हासिल करने के लिए
वो आस के रथ पर सवार हो
मछली की आँख पर 
निशाना साधता है 
और विजयरथ पर सवार हो
दिग्विजय पर निकल पड़ता है
आस का संबल ही तो 
असफलता में भी सफलता 
दिलाता है 
अंधकार से  प्रकाश की 
ओर ले जाता है
मानव के हौसलों को बढाता  है
यूँ ही हिमालय फतह नहीं होते
यूँ ही नहीं अन्तरिक्ष में डेरे बने होते
यूँ ही नहीं राधा को मोहन मिला करते...........


19 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
    --
    रंगों के पर्व होली की शुभकामनाएँ!

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  2. हिम्मत-उम्मीद का दामन नहीं छोड़ने पर ही सफल होता है इंसान .... !!

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  3. इस आशा के भाव को बनाए रखना चाहिए ... सच कह है ... राधा तो इस बात का सजीव उधाहरण है ..

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  4. हौसला हो तो सब पाना संभव होता है ... अच्छी रचना

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  5. बैठे -बिठाये, ग़र मिल जाती जो मंजिल,
    राहें अपने सीने पे लगे, मेलों को खो देती|

    आस का दामन थाम के रखो |
    शुभकामनाएँ!

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  6. बिलकुल...........
    आस बंधी रहे...सांस चलती रहे....फिर क्या संभव नहीं!!!

    सादर.

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  7. इक उम्मीद इक हौसला हमें सब कुछ करने के लिए तैयार कर देता है.....

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  8. आस ख़त्म जीवन ख़त्म ... आस , हौसला मंजिल की चाभी हैं

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  9. bahut sundar rachna hai ..mja aa gya
    http://jadibutishop.blogspot.com

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  10. शिद्दत से चाहा किये, करते नहीं प्रयास ।
    चाहत तो रहती बनी, पूर्ण न होवे आस ।

    पूर्ण न होवे आस, घास न डाले किस्मत ।
    उद्दम बिन अरदास, टूट जाती है हिम्मत।

    टिटिहरी अड़ जाय, समंदर भी हारा है ।
    करते रहो उपाय, साथ कृष्णा प्यारा है ।।


    दिनेश की टिप्पणी-आपकी पोस्ट का लिंक

    dineshkidillagi.blogspot.com

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  11. सचमुच...यूं ही राधा को श्याम नहीं मिलते...!!
    होली की शुभकामनायें..
    kalamdaan.blogspot.in

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  12. aapki rachnaao se nazar ek pal ke liye bhee nahee jhapakti hai....kya khoob varnan kiya hai sneh kaa....

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  13. सही है कुछ पाने के लिये कुछ खोना पड़ता है

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  14. आस का पंछी ...आज भी हर डाल पर बैठता हैं
    खूबसूरत रचना .......होली के पर्व की दिल से शुभकामनएं

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  15. जब तक सांस,तब तक आस
    जब तक आस,तब तक सांस

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  16. हमेशा की तरह एक और अनुपम कृति..बहुत बहुत आभार आपका.

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