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बुधवार, 16 मई 2012

क्योंकि मोहब्बत चूडियों की सलामती की मोहताज़ नही होती ...........

चूडियाँ सलामत रहें 


चूडियाँ सलामत रहें 
दुआ आखिर कब तक मांगे कोई 
और क्यों 
क्या तुमने कभी ऐसी कोई दुआ की 
नही ना 
फिर भी मै सलामत हूँ ना 
तो बताओ तो ज़रा 
क्या सिर्फ़ एक मेरी दुआ से क्या होगा 
नसीबा कहो या उम्र का गलियारा तो नही बदलेगा 
तो चलो क्यों ना आज से दुआओं का पिटारा बंद करें 
और मोहब्बत के गलियारे मे विचरण करें 
क्योंकि मोहब्बत चूडियों की सलामती की मोहताज़ नही होती ...........







डंके की चोट पर 

मोहब्बत ने कब शिकायतों का पिटारा खोला
ना गिला किया ना शिकवा किया
सिर्फ मोहब्बत से  मोहब्बत का ऐलान
डंके की चोट पर किया 
बस यही तो ना ज़माने को हजम हुआ
और मोहब्बत ज़मींदोज़ हो गयी डंके की चोट पर 






दबे पाँव आना

वो हवाओं का दबे पाँव आना
जुल्फों को बिखरा जाना 
कानों में गीत सा गुनगुना जाना 
तुम्हारे आने की चुगली कर जाता है
देखे हैं ऐसे जासूस तुमने कहीं ..........





झक मारने से 



देखो तो
सुबह से कैसे कैसे ख्याल उलझा रहे हैं
ना दिन गुजर रहा है 
ना ख्याल
बस ना जाने किस उलझन में उलझा रहे हैं
और मैं ख्यालों के संग
तुम्हारा नाम ले लेकर 
एक नयी दुनिया बसा रही हूँ 
जहाँ सिर्फ तुम हो और मैं 
झक मारने से बेहतर तो यही है ना .........:)

28 टिप्‍पणियां:

  1. :):) झक क्यों मारी जा रही है ? ...

    सभी रचनाएँ बढ़िया ...

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  2. solid ,akhir aap ke liye bhi koi dua kare...
    kamal ki rachan

    कोई काम आया कब मुसीबत में
    कहने को अपना खानदान भी था।
    http://blondmedia.blogspot.in/

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  3. वाह ...बेहतरीन प्रस्‍तुति।

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  4. bhtrin rchnaaon ko is maala me piroyaa hai badhaai ho ...akhtar khan akela kota rajsthan

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  5. आपका दबे पाँव आना ...बहुत सुंदर लगा ...
    बाकि सब भी ज़ोरदार हैं ....!!
    शुभकामनायें ...!!

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  6. बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  7. sabhi rachnayein ek se badhkar ek hain..sadar badhayee ke sath..mere blog per bhee aapka intezaar rahega

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  8. पहली रचना बहुत अच्छी लगी...खूबसूरत भाव संयोजन।

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  9. मोहोबत के नाम पर सभी रचनाएँ ...बहुत बढिया हैं ...

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  10. सुंदर प्रस्तुति...आभार!

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  11. मोहब्बत चूडियों की सलामती की मोहताज़ नही होती
    मोहब्बत में तो किसी चीज की मोहताजी नहीं है, मोहब्बत तो सिर्फ मोहब्बत की मोहताज़ है
    सुंदर रचनाएं

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  12. वाह ! वंदना जी वाह ! अत्तयंत सुंदर रचना .

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  13. वाह ! वंदना जी वाह ! अत्तयंत सुंदर रचना .

    जवाब देंहटाएं
  14. कुछ जुदा से खयालात...
    अच्छी रचनाएँ...
    सादर।

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  15. हर रचना में हैं...अलग-अलग भाव....सबसे अच्छा लगा मोहब्बत का डंके की चोट पर ज़मींदोज़ हो जाना

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  16. एक से बढ़कर एक अभिव्यक्ति।

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  17. सभी ख़याल सभी क्षणिकाएं बहुत अच्छी हैं प्रथम वाली विशेष प्रभाव छोडती है

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  18. कल 19/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी http://nayi-purani-halchal.blogspot.in (यशोदा अग्रवाल जी की प्रस्तुति में) पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  19. सभी रचनाएं बहुत ख़ूबसूरत...आभार

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  20. कोमल भावो की और मर्मस्पर्शी.. अभिवयक्ति .......

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया