पेज

रविवार, 13 मई 2012

फिर मैं कैसे अव्यक्त को व्यक्त कर सकती हूँ......






क्या बहती हवा बंध सकती है 
क्या खुशबू मुट्ठी मे कैद हो सकती है 
क्या धड़कन बिना दिल धड़क सकता है 
नहीं ना ...........तो फिर कहो
तुम्हें कैसे शब्दों में बांधू .....माँ
माँ ...........सिर्फ अहसास नहीं
तो कैसे शब्दों में बंधे
शब्दों की बंदिशों से परे हो तुम 
और मेरे शब्द भी चुक गए हैं
नहीं बांध पा रही तुम्हें 
माँ हो ना ...........कौन बांध पाया है 
माँ को, उसके ममत्व को 
उसके त्याग को , उसके निस्वार्थ प्रेम को 
निस्वार्थ भावनाएं भी कभी शब्दों में बंधी हैं 
फिर मैं कैसे बांध सकती हूँ 
कैसे शब्दों में पिरो सकती हूँ 
चाहे जितना व्यक्त करने की कोशिश करूँ 
हाँ माँ ...........तुम हमेशा अव्यक्त ही रहोगी
शायद तभी तुम्हें ईश्वर की संज्ञा मिली है
फिर मैं कैसे अव्यक्त को व्यक्त कर सकती हूँ.......सिवाय नमन के 

23 टिप्‍पणियां:

  1. माँ ...........तुम हमेशा अव्यक्त ही रहोगी
    यकीनन मां तो अव्यक्त ही है

    जवाब देंहटाएं
  2. सच में माँ की ममता और उनके असीम स्नेह को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है...बहुत ही सुन्दर कोमल भाव की रचना..
    बेहतरीन भाव अभिव्यक्ति:-)
    happy mother's day:-)

    जवाब देंहटाएं
  3. एहसास माँ में समाता है, माँ तो पूरी सृष्टि है - जहाँ से जीवन निःसृत है

    जवाब देंहटाएं
  4. सच है माँ के प्रति अहसास शब्दों में कहाँ बंध पाते हैं...बहुत सुन्दर...आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. कैसे व्यक्त हो सकती है अव्यक्त ईश्वर की प्रतिमूर्ति !

    जवाब देंहटाएं
  6. रविकर चर्चा मंच पर, गाफिल भटकत जाय |
    विदुषी किंवा विदुष गण, कोई तो समझाय ||

    सोमवारीय चर्चा मंच / गाफिल का स्थानापन्न

    charchamanch.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं
  7. माँ को नमन .....बस इतना ही क्यूंकी माँ को शब्दों मे मैं भी नहीं बांध सकती.....

    जवाब देंहटाएं
  8. माँ को नमन .... !!
    माँ में तो पूरा संसार है .... !!

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.


    माँ है मंदिर मां तीर्थयात्रा है,
    माँ प्रार्थना है, माँ भगवान है,
    उसके बिना हम बिना माली के बगीचा हैं!

    संतप्रवर श्री चन्द्रप्रभ जी

    आपको मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  10. आपको भी मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनायें ...स्वीकार करें

    जवाब देंहटाएं
  11. ममता को कैसे व्यक्त किया जा सकता है ..सुन्दर अभिव्यक्ति.

    जवाब देंहटाएं
  12. चाहे जितना व्यक्त करने की कोशिश करूँ
    हाँ माँ ...........तुम हमेशा अव्यक्त ही रहोगी
    सही है. बहुत सुन्दर रचना. शुभकामनाओं सहित.

    जवाब देंहटाएं
  13. माँ तो सिर्फ माँ होती है...... .माँ तुझे सलाम...

    जवाब देंहटाएं
  14. माँ को सच ही व्यक्त करने के लिए शब्द कम हैं .... कोई नहीं सम्पूर्ण रूप से लिख सकता ... बहुत सुंदर रचना

    जवाब देंहटाएं
  15. कोई सृष्टि के असीम विस्तार को शब्दौं में बाँध सकता है क्या...माँ को शत शत नमन.

    जवाब देंहटाएं
  16. इन भावनाओं को शब्दों में ही व्यक्त किया जा सकता है।

    जवाब देंहटाएं
  17. संजीदगी से लिखी गई बेहद भावपूर्ण रचना है | यहाँ पधारें मेरी नई प्रस्तुति "क्या यही प्यार है ? " आपके इन्तेजार में www.akashsingh307.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  18. रोते बालक को क्षुधित जान, जब तूने दूध पिलाया था
    तू हुई व्यथित वो बेज़ुबान,जब जब रोया चिल्लाया था
    उस पल की कमी अखरती है,जब गोदी में लेकर तूने
    काजल का टीका लगा हमें , नज़रों से कभी बचाया था

    नन्हें माथे पर लगा हुआ वो पाक़ डिठौना कहाँ गया ?
    अम्मी, चुप क्यूँ है ? बता मुझे बचपन का कोना कहाँ गया

    जवाब देंहटाएं

अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया