क्या बहती हवा बंध सकती है
क्या खुशबू मुट्ठी मे कैद हो सकती है
क्या धड़कन बिना दिल धड़क सकता है
नहीं ना ...........तो फिर कहो
तुम्हें कैसे शब्दों में बांधू .....माँ
माँ ...........सिर्फ अहसास नहीं
तो कैसे शब्दों में बंधे
शब्दों की बंदिशों से परे हो तुम
और मेरे शब्द भी चुक गए हैं
नहीं बांध पा रही तुम्हें
माँ हो ना ...........कौन बांध पाया है
माँ को, उसके ममत्व को
उसके त्याग को , उसके निस्वार्थ प्रेम को
निस्वार्थ भावनाएं भी कभी शब्दों में बंधी हैं
फिर मैं कैसे बांध सकती हूँ
कैसे शब्दों में पिरो सकती हूँ
चाहे जितना व्यक्त करने की कोशिश करूँ
हाँ माँ ...........तुम हमेशा अव्यक्त ही रहोगी
शायद तभी तुम्हें ईश्वर की संज्ञा मिली है
फिर मैं कैसे अव्यक्त को व्यक्त कर सकती हूँ.......सिवाय नमन के
माँ ...........तुम हमेशा अव्यक्त ही रहोगी
जवाब देंहटाएंयकीनन मां तो अव्यक्त ही है
सच में माँ की ममता और उनके असीम स्नेह को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है...बहुत ही सुन्दर कोमल भाव की रचना..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव अभिव्यक्ति:-)
happy mother's day:-)
सब व्यापा उसके नेह में..
जवाब देंहटाएंएहसास माँ में समाता है, माँ तो पूरी सृष्टि है - जहाँ से जीवन निःसृत है
जवाब देंहटाएंसच है माँ के प्रति अहसास शब्दों में कहाँ बंध पाते हैं...बहुत सुन्दर...आभार
जवाब देंहटाएंकैसे व्यक्त हो सकती है अव्यक्त ईश्वर की प्रतिमूर्ति !
जवाब देंहटाएंरविकर चर्चा मंच पर, गाफिल भटकत जाय |
जवाब देंहटाएंविदुषी किंवा विदुष गण, कोई तो समझाय ||
सोमवारीय चर्चा मंच / गाफिल का स्थानापन्न
charchamanch.blogspot.in
माँ को नमन .....बस इतना ही क्यूंकी माँ को शब्दों मे मैं भी नहीं बांध सकती.....
जवाब देंहटाएंमाँ को नमन .... !!
जवाब देंहटाएंमाँ में तो पूरा संसार है .... !!
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - माँ दिवस विशेषांक - ब्लॉग बुलेटिन
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंमाँ है मंदिर मां तीर्थयात्रा है,
माँ प्रार्थना है, माँ भगवान है,
उसके बिना हम बिना माली के बगीचा हैं!
संतप्रवर श्री चन्द्रप्रभ जी
आपको मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
आपको भी मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनायें ...स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंममता को कैसे व्यक्त किया जा सकता है ..सुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंचाहे जितना व्यक्त करने की कोशिश करूँ
जवाब देंहटाएंहाँ माँ ...........तुम हमेशा अव्यक्त ही रहोगी
सही है. बहुत सुन्दर रचना. शुभकामनाओं सहित.
माँ तो सिर्फ माँ होती है...... .माँ तुझे सलाम...
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट!
जवाब देंहटाएं--
मातृदिवस की शुभकामनाएँ!
माँ को सच ही व्यक्त करने के लिए शब्द कम हैं .... कोई नहीं सम्पूर्ण रूप से लिख सकता ... बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमाँ को शत शत नमन .....
जवाब देंहटाएंकोई सृष्टि के असीम विस्तार को शब्दौं में बाँध सकता है क्या...माँ को शत शत नमन.
जवाब देंहटाएंसुन्दर गम्भीर रचना...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंइन भावनाओं को शब्दों में ही व्यक्त किया जा सकता है।
जवाब देंहटाएंसंजीदगी से लिखी गई बेहद भावपूर्ण रचना है | यहाँ पधारें मेरी नई प्रस्तुति "क्या यही प्यार है ? " आपके इन्तेजार में www.akashsingh307.blogspot.com
जवाब देंहटाएंरोते बालक को क्षुधित जान, जब तूने दूध पिलाया था
जवाब देंहटाएंतू हुई व्यथित वो बेज़ुबान,जब जब रोया चिल्लाया था
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काजल का टीका लगा हमें , नज़रों से कभी बचाया था
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