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बुधवार, 28 नवंबर 2012

लेखन के संक्रमण काल में

लेखन के संक्रमण काल में
मैं और मेरा लेखन
क्या चिरस्थायी रह पायेगा
क्या अपना वजूद बचा पायेगा
क्या एक इतिहास रच पायेगा
प्रश्नों के अथाह सागर में
डूबता उतराता
कभी भंवर में
तो कभी किनारे पर
कभी लक्ष्यहीन तो
कभी मंज़िल की तरफ़
आगे बढता हिचकोले खाता
एक अजब
कशमकश की उथल पुथल में फ़ंसे
मुसाफ़िर सा
आकाश की ओर निहारता है
तो कभी अथाह जलराशि में
अपने निशाँ ढूँढता है
जबकि मुकाम की सरहद पर
खुद से ही जंग जारी है
नहीं ………ये तो नहीं है वो देश
नहीं ………ये तो नहीं है वो दरवेश
जहाँ सज़दा करने को सिर झुकाया था
और फिर आगे बढने लगती है नौका
ना जाने कहाँ है सीमा
कौन सी है मंज़िल
अवरोधों के बीच डगमगाती
कश्ती जूझती है
अपनी बनायी हर लक्ष्मणरेखा से
पार करते करते
खुद से लडते लडते
फिर भी नही पाती कोई आधार
सोच के किनारे पर खडी
देखती है
सागर में मछलियों की बाढ को
और सोचती है
क्या लेखन के संक्रमण काल से
खुद को बचाकर
रच पायेगी एक इतिहास
जिसके झरोखों पर कोई पर्दा नहीं होगा
कोई बदसलूकी का धब्बा नहीं होगा
जहाँ ना कोई रहीम ना कोई खुदा होगा
बस होगा तो सिर्फ़ और सिर्फ़
ऐतिहासिक दस्तावेज़ अपनी मौजूदगी का
मगर ………क्या ये संभव होगा?
संक्रमण काल में फ़ैलती संक्रामकता से खुद को बचाकर रखना
भविष्य अनिश्चित है
और आशा की सूंई पर
चाहतों की कसीदाकारी पूरी ही हो ………जरूरी तो नहीं
यूँ भी भरी सर्दी में
अलाव कितने जला लो
अन्दर की आग का होना जरूरी है ………शीत के प्रकोप से बचने के लिये
तो क्या …………यही है प्रासंगिकता
भीतरी और बाहरी खोल पर फ़ैली संक्रामकता की ??????

9 टिप्‍पणियां:

  1. लेखन अपने समय के प्रभाव से बच नहीं सकता ,लेकिन उसमें समाहित जीवन-मूल्य उसके स्थायित्व का कारण बनते हैं !

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  2. जो शाश्वत रहेगा वह संक्रमण काल से भी निपट लेगा।

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  3. हर लिखने वाले की सोच को लिख दिया है ...एक काश ???????? हर किसी के भीतर छिप के बैठा है ..........


    खूबसूरत शब्दों की पेशकश ...बहुत खूब

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  4. श्रम कभी बेकार नहीं जाता ...बिना असमंजस के लेखन जारी रखने की आवश्यकता है

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  5. बहुत सुन्दर लिखा है। लेखन इसे ही कहते हैं ,जो समंदर से मोती निकाल कर लाने में सक्षम हो।



    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स
    इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड

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  6. बेहद सार्थक एवं सशक्‍त प्रस्‍तुति

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  7. बहुत सार्थक और सुन्दर अभिव्यक्ति...

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया