कसाब को अचानक फ़ांसी दे दी गयी ………आखिर क्यों?
अफ़ज़ल गुरु …………2014 तक
सब राजनीति है ……सरकार जानती है चारों तरफ़ से वो घिरी हुयी है भ्रष्टाचार , मंहगाई आदि के मामलों में और बचने का कोई उपाय दिख नहीं रहा था और इधर गुजरात , हिमाचल आदि के चुनाव सिर पर हैं तो आखिरी हथियार के तौर पर कसाब भुनाया गया …………मुख्य कारण तो फ़िलहाल आनन फ़ानन मे यही दिखता है वरना जिसे जँवाई बनाकर इतने दिनों से संभाल कर रखा था, अरबों रुपया जिसकी सुरक्षा पर खर्च किया गया था उसे ऐसे कैसे जाने देते ………बस हलाल करने के मौके का ही तो इंतज़ार था।
आखिर ओबामा के पदचिन्हों पर चलकर कुछ तो सीखा ……अचानक इसलिये घटित हुआ क्योंकि समय कम था और काम बडा ………जैसे ओबामा ने किया वैसा ही अब ये सरकार कर रही है गुपचुप तरीके से देश के दुश्मन का खात्मा करो और जनता का रुख अपनी तरफ़ मोड लो फिर चाहे पाँच साल तक जनता का दोहन करो । अब ये जनता पर है कि वो अपनी कुम्भकर्णी नींद से जागती है या नहीं और सरकार की कारगुजारियों को समझती है या नहीं ।
दूसरी बारी अफ़ज़ल गुरु की ……बस इंतज़ार करिये 2014 का ………कारण सिर्फ़ एक होगा………सत्ता पर काबिज़ रहना ……येन केन प्रकारेण ………
अफ़ज़ल गुरु …………2014 तक
सब राजनीति है ……सरकार जानती है चारों तरफ़ से वो घिरी हुयी है भ्रष्टाचार , मंहगाई आदि के मामलों में और बचने का कोई उपाय दिख नहीं रहा था और इधर गुजरात , हिमाचल आदि के चुनाव सिर पर हैं तो आखिरी हथियार के तौर पर कसाब भुनाया गया …………मुख्य कारण तो फ़िलहाल आनन फ़ानन मे यही दिखता है वरना जिसे जँवाई बनाकर इतने दिनों से संभाल कर रखा था, अरबों रुपया जिसकी सुरक्षा पर खर्च किया गया था उसे ऐसे कैसे जाने देते ………बस हलाल करने के मौके का ही तो इंतज़ार था।
आखिर ओबामा के पदचिन्हों पर चलकर कुछ तो सीखा ……अचानक इसलिये घटित हुआ क्योंकि समय कम था और काम बडा ………जैसे ओबामा ने किया वैसा ही अब ये सरकार कर रही है गुपचुप तरीके से देश के दुश्मन का खात्मा करो और जनता का रुख अपनी तरफ़ मोड लो फिर चाहे पाँच साल तक जनता का दोहन करो । अब ये जनता पर है कि वो अपनी कुम्भकर्णी नींद से जागती है या नहीं और सरकार की कारगुजारियों को समझती है या नहीं ।
दूसरी बारी अफ़ज़ल गुरु की ……बस इंतज़ार करिये 2014 का ………कारण सिर्फ़ एक होगा………सत्ता पर काबिज़ रहना ……येन केन प्रकारेण ………
आपकी दलीलों में दम है!
जवाब देंहटाएंसही कहा वंदना जी ओर यही होकर रहेगा
जवाब देंहटाएंजब से कसाब की फांसी की खबर आई मैं तो बेसब्री से इसी इन्तजार में हूँ कि कब इनके बड़े -बड़े प्रवक्ता कैमरे के सामने आयें और ये कहें कि कसाब "जी" को राजकीय सम्मान के साथ दफनाया जाना चाहिए था। :)
जवाब देंहटाएंऔर ये वही लोग है जो कल तक कहते थे कि मर्सी पेटीशन की प्रक्रिया एक निश्चित मापदंड से चलती है और अफजल गुरु पर इसीलिये कोई निर्णय अब तक नहीं हो पाया कि उसका नंबर तब आयेगा जब उससे पहले वालों की पेटीशन पर फैसला हो जाएगा,,,,,यदि ऐसा था तो कसब का नंबर अफजल से पहले कैसे आ गया ?
जवाब देंहटाएंDamdar prastuti
जवाब देंहटाएं@पी.सी.गोदियाल "परचेत"जी आपका प्रश्न जायज है ये सब सरकार की खुद को बचाने की मुहिम के सिवा कुछ नहीं दिख रहा खुद को दूसरा ओबामा सिद्ध करने पर लगी है।
जवाब देंहटाएं@Song Mirchiजी हर बात पर ऊंगली करना नही है किसी का भी उद्देश्य बस सबका इतना कहना है कि इस काम को इतनी देर से क्यों किया ? जो काम बहुत पहले कर देना चाहिये था उसे अभी चुनावों के वक्त पर ही क्यों किया ? क्या इससे सरकार की गलत मंशा साफ़ नही झलकती? अगर अफ़ज़ल गुरु को पहले फ़ांसी दे दी जाती तो आज शायद ये नौबत ही नही आती शायद 26/11 करने की आतंकवादियों की हिम्मत ही नही होती मगर वो आज भी बैठा है तो इससे क्या अर्थ निकलता है ये बात तो एक बच्चा भी समझता है कि सरकार के पास खुद को बचाने का और कोई रास्ता नही बचा और उसने देखा अमेरिका मे ओबामा ने क्या किया और दोबारा सत्ता इसी दम पर हासिल कर ली तो इन्होने भी सोचा हम भी ऐसा कर के जनता की भावनाओं से खेल सकते हैं
जवाब देंहटाएंबेहद सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपता नहीं, अन्दर का सच क्या है..
जवाब देंहटाएंअरे कसाब तो डेंगू से मरा फांसी तो बहाना है जी.
जवाब देंहटाएंsach yahi hai aur ham sab isako janakar bhi kuchh kar nahin sakate hain.
जवाब देंहटाएंऐसे आनन-फानन और गुप्त तरीके से फाँसी दी गयी है जैसे लादेन को मार गिराया हो। सरकार बिना राजनीति के कोई कदम नहीं उठाती। जानती है कि जनता ऐसे भ्रामक कार्यों से भ्रमित होती रही है तो अभी भी हो जाएगी। लेकिन गुजरात में तो जनता को अन्तर समझ आ चुका है इसलिए यह टोटके कुछ काम नहीं आने वाले हैं।
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकारें ||
आपने बिल्कुल सही कहा है.
जवाब देंहटाएंकृपया ध्यान देँ कसाव को कुछ दिन पहले डेँगु हुवा था
जवाब देंहटाएंकृपया ध्यान दे कसाव को कुछ दिन पहले डेँगु नामक बीमारी थी
जवाब देंहटाएंकृपया ध्यान देँ कसाव को कुछ दिन पहले डेँगु हुवा था
जवाब देंहटाएंमित्रो .. अफजल गुरु की फांसी के मामले में जब भी गृहमंत्री और दिल्ली सरकार और कांग्रेस के प्रवक्ताओ से पूछा जाता रहा है उनका एक ही दलील होता था की राष्ट्रपति के पास गृहमंत्रालय क्रम से फ़ाइल भेजता है ..और अफजल गुरु के पहले १२ आरोपिओ की फ़ाइल लम्बित पड़ी है |
जवाब देंहटाएंमित्रो, आज के समय में राष्ट्रपति के पास फांसी की कुल १७ फ़ाइल थी जिसमे कसाब की १७ वा नम्बर था फिर अगर कांग्रेस की दलील को सच माना जाये की भारत सरकार आरोपियों को क्रम से फांसी देती है तो फिर कसाब को बिना बारी के फांसी कैसे हो गयी ?
फिर टीवी डिबेट में क्या कांग्रेस के सारे प्रवक्ता और केन्द्रीय मंत्री अब तक देश को बरगला रहे थे ? देश से झूठ बोल रहे थे ?
मित्रो .. अफजल गुरु की फांसी के मामले में जब भी गृहमंत्री और दिल्ली सरकार और कांग्रेस के प्रवक्ताओ से पूछा जाता रहा है उनका एक ही दलील होता था की राष्ट्रपति के पास गृहमंत्रालय क्रम से फ़ाइल भेजता है ..और अफजल गुरु के पहले १२ आरोपिओ की फ़ाइल लम्बित पड़ी है |
जवाब देंहटाएंमित्रो, आज के समय में राष्ट्रपति के पास फांसी की कुल १७ फ़ाइल थी जिसमे कसाब की १७ वा नम्बर था फिर अगर कांग्रेस की दलील को सच माना जाये की भारत सरकार आरोपियों को क्रम से फांसी देती है तो फिर कसाब को बिना बारी के फांसी कैसे हो गयी ?
फिर टीवी डिबेट में क्या कांग्रेस के सारे प्रवक्ता और केन्द्रीय मंत्री अब तक देश को बरगला रहे थे ? देश से झूठ बोल रहे थे ?
बिलकुल सही कहा वंदना जी मेरे मन में भी ऐसे ही विचार आये थे
जवाब देंहटाएंsunder blog anukarniya hai . join kar rahaa hoon . aap bhi mera blog join kar sakte hain . " 5th pillar corrouption killer "
जवाब देंहटाएंयह एक विलम्बित क़दम है। इसलिए,अचानक तो नहीं है। हां,जिन आधारों पर गोपनीयता बरती गई,उन पर वेद प्रताप वैदिक जी ने भी सवाल खड़े किए हैं।
जवाब देंहटाएंसब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है |
जवाब देंहटाएंकसाब की डेंगू से मौत हुई है ये आज साबित हो चुका है ....सरकार फांसी का बता कर सहानुभूति बटोरना चाहती थी :))))
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