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सोमवार, 19 जनवरी 2009

मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए

मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए
प्यार नही दे सकते , मत दो
अपना नही बना सकते , मत बनाओ
इज़हार नही कर सकते, मत करो
इकरार नही कर सकते, मत करो
ख्यालों में जगह नही दे सकते, मत दो
याद नही कर सकते, मत करो
मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए
अगर कर सकते हो तो इतना करो
जब भी कहीं,कभी भी
मैं तुम्हें दिखूं तो
इक नज़र भर कर देख लेना
तुम्हारी उसी नज़र पर
हम ज़िन्दगी गुजार देंगे
मुझे तुम्हारी ज़िन्दगी में जगह नही चाहिए
मुझे तुम्हारी नज़र में भी जगह नही चाहिए
मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए
अगर कर सको तो इतना करना
रुखसती पर मेरी इस जहान से
मेरे जनाजे को नज़र भर देख लेना
तुम्हारे इसी नज़र भर देखने पर
मेरी मौत का जशन हसीं हो जाएगा
मेरी रूह को सुकून मिल जाएगा
मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए

6 टिप्‍पणियां:

  1. vandana ji !!
    tyaag ki bhi intha hoti hai ,
    bahut hi khoobsurti se bakhan kiya hai bhawon ko ,
    renu ..

    जवाब देंहटाएं
  2. vandana ji ,

    kavita bahut sundar ban padhi hai ...

    tyaag ki bhaavna se bharpoor hai ..

    इक नज़र भर कर देख लेना
    तुम्हारी उसी नज़र पर
    हम ज़िन्दगी गुजार देंगे

    these lines are great work ..

    shaanddar abhivyakhti

    badhai

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर अभिव्यक्ति !
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं |
    : नव वर्ष २०१५

    जवाब देंहटाएं
  4. सार्थक चिंतन प्रस्तुति .
    आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं |

    जवाब देंहटाएं

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