पेज

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

अनुपम उपहार हो तुम

नव कोपल
से नर्म एहसास सी
तुम
प्रकृति की सबसे अनुपम
उपहार हो मेरे लिए


वो ऊषा की पहली किरण सा
मखमली अहसास हो तुम
 

जाने कौन देस से आयीं
मेरे जीवन प्राण हो तुम


ओस की
पारदर्शी बूंद सी
तुम श्रृंगार हो
प्रकृति की
मगर मेरे मन के
सूने
आंगन की
इकलौती आस हो तुम

गुनगुनी धूप के
रेशमी तागों की
फिसलती धुन पर
थिरकता
परवाज़ हो तुम
पर मेरे लिए
ज़िन्दगी का
सुरमई साज़  हो तुम
 


38 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम को कल्पना की जिस ऊंचाई पर ले जाती हैं वंदनाजी वह अचंभित कर देती है.. वर्तमान कविता में प्रकृति के तत्वों और परकृति के तत्वों को लेकर एक सम्पूर्ण प्रेम कविता रची गई है.. प्रभात के किरणों से लेकर गुनगुनी धूप से रची गई कविता कोमल एहसास दे रही है..

    जवाब देंहटाएं
  2. रेशमी तागों की
    फिसलती धुन पर
    थिरकता
    परवाज़ हो तुम
    पर मेरे लिए
    ज़िन्दगी का
    सुरमई साज़ हो तुम
    ---
    रचना में प्रकृति चित्रण के साथ पावन आकांक्षा भी निहित है!
    बढ़िया लेखन, सुन्दर रचना!

    जवाब देंहटाएं
  3. क्या चित्रण किया आपने ! लाजवाब, सुन्दर लेखनी को आभार.

    जवाब देंहटाएं
  4. खुदा से जो मांगी है तुम्हें देखने के लिए
    वो आखिरी साँस हो तुम...

    बहुत ही सुन्दर कविता वंदना जी ...अपने अनुपम उपहार के लिए आपकी कविता भी किसी उपहार से कम नहीं....
    अच्छा ये चिट्ठाजगत की बस खराब है क्या ???
    मेरे ब्लॉग पर..
    हिंदी साहित्य के एक महान कवि ...

    जवाब देंहटाएं
  5. सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  6. गुन-गुनी धूप के रेशमी तागों की फिसलती धुन...... वाह क्या बात है , बहुत प्यारी रचना !

    जवाब देंहटाएं
  7. रेशमी तागों पे थिरकती परवाज़ हो तुम्।

    अच्छी अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं
  8. मानवीय संवेदना की आंच में सिंधी हुई ये कविता हमें मानवीय रिश्ते की गर्माहट का अहसास कराती है।

    जवाब देंहटाएं
  9. एक कोमल अहसास ! कफ़ी दिनों से मेरे ब्लोग पर आप ने दस्तक नहीं दी ! इस छोटे से ब्लोगर का होंसला बढ़ाएं ! फ़ोलो करें !

    जवाब देंहटाएं
  10. Mujhe ye kavita meri pyari si bhatiji ki yaad dila deti h.. koi taar nahi judta magar fir bhi jitni baar padha uski shaitaaniyaan nazro k samne ghumti rahi :)

    जवाब देंहटाएं
  11. awwww....kinni pyaari nazm hai, bohot sundar, sardi ki dhoop jaisi, lovely

    जवाब देंहटाएं
  12. ओस की पारदर्शी बूंद सी तुम श्रिंगार हो।

    दिल की गहराइयों से कही अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं
  13. सुकोमल अहसास वाली कविता . आभार .

    जवाब देंहटाएं
  14. "वो उषा कई पहली किरण सा ,
    मखमली अहसास हो तुम "
    बहुत भावभीनी पंक्तियाँ |
    बधाई
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  15. सुंदर रचना के लिए साधुवाद!

    जवाब देंहटाएं
  16. अहसास की अत्यंत सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, ऐसी सुंदर रचना के लिए बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  18. प्रेम के कोमल अहसासों से पूर्ण बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति..आभार

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत सुंदर कविता, बहुत ही भावपूर्ण ........

    जवाब देंहटाएं
  20. सुकोमल भावों और सुंदर शब्दों से सजी एक उत्तम रचना। कविता में दिल को स्पर्श करने की क्षमता है।...बधाई, वंदना जी।

    जवाब देंहटाएं
  21. वंदना जी,

    वाह बहुत नाज़ुकी से आपने अहसासों को लफ्जों में पिरोया है .....बहुत खूब....

    जवाब देंहटाएं
  22. वंदना जी,
    आपकी अभिव्यक्ति किसी बच्चे की मुस्कान की तरह निर्मल ,भोली भाली और कोमल है !
    भावों का गहरा सागर आपकी कविता में हिलोरे लेता हुआ साफ़ साफ़ परिलक्षित हो रहा है !
    इतनी अच्छी रचना के लिए मेरी बधाई स्वीकार करें !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

    जवाब देंहटाएं
  23. "पर मेरे लिए
    जिंदगी का सुरमई ताज हो तुन."
    वंदना जी,नमस्कार.
    आपकी यह रचना हमें अनायास ही wordsworh और Keats की रोमांटिक कविताओं के संसार में ले जाती है.इस तरह के खूबसूरत बिम्बों की वहां बहुतायत थी. मन को भाती रचना. आपके ब्लॉग पर देरी से आने का अफ़सोसहै.

    जवाब देंहटाएं
  24. मगर मेरे मन के
    सूने
    आंगन की
    इकलौती आस हो तुम
    गुनगुनी धूप के
    रेशमी तागों की
    फिसलती धुन पर
    थिरकता
    परवाज़ हो तुम

    bahut sundar!

    जवाब देंहटाएं
  25. वैसे नया प्रोफाइल चित्र बहुत अच्छा है.

    जवाब देंहटाएं
  26. लगता है आपकी नई फोटो के बारे में कही गई कविता है।

    जवाब देंहटाएं
  27. बहुत अच्छे शब्दों में लिखी गयी बहुत ही नरम मखमल सी कविता ... पढते पढते ही दिल को शान्ति मिल गयी ..

    जय हो जी आपकी

    विजय

    जवाब देंहटाएं

अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया